क्या हेती को बचा पाएगा नया गिरोह दमन बल?

हेती में गिरोह दमन बल GSF क्या है
संयुक्त राष्ट्र का हेती मिशन 2025
GSF और MSS में अंतर
हेती में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका
हेती गिरोह हिंसा और यूएन हस्तक्षेप
केन्या नेतृत्व वाला बहुराष्ट्रीय मिशन हेती
हेती में गिरोह नियंत्रण और सुरक्षा बल
GSF मिशन के उद्देश्य और चुनौतियाँ
हेती की राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस पर गिरोहों का कब्ज़ा
हेती में मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय समर्थन
हेती की राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस (Port-au-Prince is the capital of Haiti.) के 90% हिस्से पर सशस्त्र गिरोहों का कब्ज़ा, हज़ारों मौतें, लाखों लोग विस्थापित—ऐसे हालात में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) ने निर्णायक कदम उठाया है। केन्या नेतृत्व वाले MSS मिशन की जगह अब एक नया और मज़बूत ‘गिरोह दमन बल (GSF)’ तैनात किया जाएगा।
क्या है GSF का उद्देश्य
GSF का उद्देश्य सिर्फ़ गिरोहों को कुचलना ही नहीं, बल्कि मानवीय सहायता सुनिश्चित करना, बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा करना और हेती की पुलिस को सशक्त बनाना भी है। लेकिन बड़ा सवाल यह है—क्या यह बल हेती की गहराती अराजकता और राजनीतिक संकट का स्थायी समाधान दे पाएगा?" जानिए पूरी बात संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से...
Learn what the UN-backed 'Gang Suppression Force' (GSF) is and how it aims to combat gangs in Haiti.
Learn what the UN-backed 'Gang Suppression Force' (GSF) is and how it aims to combat gangs in Haiti.


हेती में गिरोहों से मुक़ाबला: यूएन समर्थित 'गिरोह दमन बल' क्या है?

हेती में गिरोह अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों को बढ़ाते जा रहे हैं और लोगों को आतंकित करने से पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने, हेती में गिरोहों द्वारा की जा रही हिंसा के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्रवाई करते हुए, केन्या के नेतृत्व वाले बहुराष्ट्रीय मिशन (MSS) को, एक नए ‘गिरोह दमन बल’ (GSF) में तब्दील करने के लिए प्रस्ताव पारित किया है.
हेती में तैनात किए जाने वाले इस गिरोह दमन बल (GSF) के बारे में आपके लिए कुछ उपयोगी जानकारी.

गिरोह दमन बल - GSF क्या है?

हेती में गिरोह दमन बल (GSF) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा हाल ही में अधिकृत एक बहुराष्ट्रीय मिशन है.

इस मिशन की आरम्भिक अवधि 12 महीने होगी जिसमें कुल 5,550 सदस्य होंगे. यह बल गिरोहों को बेअसर करने, बुनियादी ढाँचे को सुरक्षित करने और मानवीय पहुँच का समर्थन करने के लिए, हेती के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेगा.

इसका मुख्य उद्देश्य बढ़ती हिंसा से, कमज़ोर आबादी की रक्षा करना और और उस हिंसा के कारण होने वाले विस्थापन को रोकना है.
सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को, पनामा और संयुक्त राज्य अमेरिका ने सह-प्रायोजित किया था और यह पिछले कुछ वर्षों में हेती में सामने आए बहुआयामी संकट के लिए तत्काल अन्तरराष्ट्रीय समर्थन को दर्शाता है.
नए बल के उद्देश्य क्या हैं?
इस बल के मुख्य उद्देश्यों में सशस्त्र गिरोहों को ख़त्म करने के लिए ख़ुफ़िया जानकारी के आधार पर अभियान चलाना, महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा करना और मानवीय पहुँच सुनिश्चित करना शामिल है, साथ ही जनता की सुरक्षा भी शामिल है.
गिरोह दमन बल, हेती के अधिकारियों, विशेष रूप से राष्ट्रीय पुलिस के साथ मिलकर काम करेगा, जिसका उद्देश्य हेती को अपनी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी स्वयं संभालने की स्थिति में लाना है.
इस मिशन का उद्देश्य राष्ट्रीय संस्थानों को मज़बूत करना और दीर्घकालिक शान्ति एवं विकास के लिए परिस्थितियाँ बनाना भी है. रसद और संचालन में सहायता प्रदान करने के लिए एक संयुक्त राष्ट्र सहायता कार्यालय स्थापित किया जाएगा.
GSF किसका स्थान ले रहा है?
गिरोह दमन बल (GSF), हेती में बहुराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता (MSS) मिशन की जगह ले रहा है, जो रणनीति में बदलाव का प्रतीक है.
केन्या के नेतृत्व में MSS ने सीमित कर्मियों और संसाधनों के साथ हेती की राष्ट्रीय पुलिस का समर्थन करने पर ध्यान केन्द्रित किया. इसे अक्टूबर 2023 में शुरू किया गया था और पहली टुकड़ी, जून 2024 में पहुँची थी. इसके पास पर्याप्त धन नहीं था और इसके तहत 2500 लोगों के अनिवार्य बल को कभी तैनात नहीं किया गया.
GSF एक बड़ा, अधिक सशक्त बल होगा जिसका शासनादेश व्यापक होगा.
इसकी आवश्यकता क्यों है?
हेती में, अभूतपूर्व सुरक्षा स्थिति के कारण, गिरोहों को दबाने के लिए एक बल की तत्काल आवश्यकता है.
बताया जाता है कि सशस्त्र समूह अब हेती की राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के 90 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण कर चुके हैं, पहुँच मार्गों को अवरुद्ध कर रहे हैं, बुनियादी ढाँचे पर हमला कर रहे हैं और फिरौती के लिए अपहरण, बलात्कार और हत्याओं से लोगों को आतंकित कर रहे हैं.
केवल वर्ष 2024 में ही 5 हज़ार 600 से अधिक लोग मारे गए.
मार्च 2025 से, राजधानी के बाहर देश के ऐसे क्षेत्रों में भी हिंसा फैल गई जो, उससे पहले हिंसा से अछूते थे. उन इलाक़ों में लगभग दो लाख 40 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं.
देश में कुल मिलाकर 13 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं और स्वास्थ्य सेवा व खाद्य वितरण जैसी ज़रूरी सेवाएँ ठप हो गई हैं.
हेती की राष्ट्रीय पुलिस में प्रभावी ढंग से कार्रवाई करने की क्षमता नहीं है.
हेती अकेले इस समस्या से क्यों नहीं निपट पा रहा है?
देश की संस्थाओं के पतन, संसाधनों की कमी और भारी हिंसा के कारण, हेती गिरोह हिंसा के इस संकट से अकेले नहीं निपट सकता.
गिरोह आपराधिक शासन स्थापित कर रहे हैं, बच्चों का शोषण कर रहे हैं और हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने कई अवसरों पर कहा है कि दंड से मुक्ति, भ्रष्टाचार और संस्थागत पतन, हेती की असुरक्षा को बढ़ा रहे हैं.
क्या GSF हेती की समस्याओं का समाधान करेगा?
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा है कि केवल सुरक्षा ही, हेती की उथल-पुथल का समाधान नहीं कर सकती.
देश कई संकटों का सामना कर रहा है; असुरक्षा और भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण मानवीय ज़रूरतें बढ़ रही हैं, अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आ रही है, निर्धनता और पिछड़ापन बढ़ रहे हैं और 2021 में, तत्कालीन राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की हत्या के बाद से कोई निर्वाचित सरकार नहीं बनी है.
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि गिरोह दमन बल को शासन सुधार, मानवीय सहायता और दीर्घकालिक विकास सहित एक व्यापक रणनीति का हिस्सा होना चाहिए.
संक्षेप में, GSF एक आवश्यक लेकिन अपर्याप्त उपाय है—हेती को वास्तव में उबरने में मदद करने के लिए, अन्तरराष्ट्रीय समर्थन सुरक्षा से आगे भी जाना होगा.
GSF हेती में अपना अभियान कब शुरू करेगा?
गिरोह दमन बल के, 2 अक्टूबर 2025 को MSS शासनादेश की समाप्ति के बाद अपना अभियान शुरू करने की उम्मीद है, हालाँकि 5,500 सुरक्षा कर्मियों और 50 सिविल कर्मचारियों के साथ, नए बल का निर्माण करने और इसे संचालन समर्थन के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय स्थापित करने में समय लगेगा.
यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि कौन से देश, इस बल मिशन के लिए कर्मचारियों का योगदान करेंगे. सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कहा गया है कि गिरोह दमन बल को मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान से धन मुहैया कराया जाएगा.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।