ग़ाज़ा में 6 करोड़ टन मलबा हटाने में जुटीं यूएन टीमें, युद्धविराम के बाद राहत प्रयास तेज़
ग़ाज़ा में युद्धविराम की नई उम्मीद, मगर हिंसा से बनी चिंता
- यूएनडीपी का सबसे बड़ा मलबा हटाने का अभियान शुरू
- ग़ाज़ा में 6 करोड़ टन मलबा — वर्षों तक चलेगा पुनर्निर्माण कार्य
- ग़ाज़ा में सीमा चौकियों से राहत सामग्री की आपूर्ति बहाल
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ ग़ाज़ा में राहत और पुनर्वास में सक्रिय
ग़ाज़ा में युद्धविराम की नाज़ुक स्थिति के बीच संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ बड़े पैमाने पर मलबा हटाने और राहत कार्यों में जुटी हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनडीपी ने बताया है कि ग़ाज़ा में लगभग 6 करोड़ टन मलबा हटाने की चुनौती सामने है, जो अस्पतालों, स्कूलों और सड़कों की बहाली के लिए अत्यंत आवश्यक है।यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा है कि हालिया हिंसा से शांति प्रक्रिया को खतरा है, लेकिन युद्धविराम लागू रखने की प्रतिबद्धता उम्मीद जगाती है।
सीमा चौकियों से सहायता सामग्री का आवागमन भी फिर से शुरू हुआ है, जिसमें चिकित्सा उपकरण, ईंधन, स्वच्छता किट और भोजन सामग्री शामिल हैं।
ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण और नागरिक जीवन की बहाली की दिशा में संयुक्त राष्ट्र का यह प्रयास अब तक का सबसे बड़ा मानवीय अभियान माना जा रहा है। पढ़िए संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह ख़बर
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UN News ग़ाज़ा में दो वर्षों की भीषण बमबारी में इमारतें 6 करोड़ से भी अधिक मलबे में तब्दील हो गई हैं. |
ग़ाज़ा: यूएन टीमें, 6 करोड़ टन मलबा साफ़ करने और सहायता प्रयासों में सक्रिय
20 अक्टूबर 2025 शान्ति और सुरक्षासंयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि वह ग़ाज़ा में युद्धविराम की नई प्रतिबद्धताओं से उत्साहित है मगर संगठन ने चेतावनी भी दी है कि हाल के समय में हुई हिंसा से नाज़ुक प्रगति को नुक़सान पहुँचने का ख़तरा है, क्योंकि इस युद्धग्रस्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मलबा हटाने की परियोजना के साथ-साथ, पुनर्वास प्रयास धीरे-धीरे रफ़्तार पकड़ रहे हैं.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने सोमवार को न्यूयॉर्क में नियमित प्रैस वार्ता में कहा, "हम उत्साहित हैं कि सभी पक्षों ने ग़ाज़ा में युद्धविराम लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और हम मध्यस्थों के अथक प्रयासों की सराहना करते हैं."
"हालाँकि, हम ग़ाज़ा में हुई सभी हिंसक घटनाओं और कल (रविवार को) हुए कथित हमलों से चिन्तित हैं."
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने सभी पक्षों से अपने दायित्वों का पालन करने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने का आग्रह किया है जिससे नए सिरे से युद्ध भड़क सकता है.
उन्होंने सभी मृत बन्धकों के अवशेषों की रिहाई के लिए महासचिव के आहवान को दोहराया.
यूएन मानवीय राहत समन्वय मामलों के प्रमुख टॉम फ़्लैचर ने सप्ताहान्त के दौरान ग़ाज़ा का दौरा पूरा किया, जहाँ उन्होंने सहायताकर्मियों से मुलाक़ात की और संयुक्त राष्ट्र समर्थित परियोजनाओं का निरीक्षण किया.
इनमें एक बाल पोषण केन्द्र, एक अस्पताल और सड़क सफ़ाई अभियान शामिल हैं.
मलबा हटाना विशाल चुनौती
ग़ाज़ा शहर में, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने मलबा हटाने का एक अभियान बड़े पैमाने पर शुरू किया है, जोकि अस्पतालों और स्कूलों जैसी आवश्यक सेवाओं तक पहुँच बहाल करने के उद्देश्य से एक व्यापक मलबा प्रबन्धन योजना का पहला चरण है.
फ़लस्तीन में यूएनडीपी के प्रतिनिधि जैको सिलियर्स ने कहा है, "ग़ाज़ा में मलबा एक बड़ी चुनौती है, जहाँ अनुमानित मात्रा लगभग 6 करोड़ टन है."
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी, सड़कों को साफ़ करके और नए पहुँच मार्ग व अस्थाई सुविधाएँ बनाने के लिए, सामग्री को रीसायकिल करने का महत्वपूर्ण पहला क़दम उठा रही है.
जैको सिलियर्स ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा, "यह एक बहुत ही कठिन प्रक्रिया है और इसे पूरा होने में कई साल लगेंगे."
सहायता के लिए सीमा चौकियाँ खुलीं
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ताओं ने भी युद्धविराम के तहत सहायता वितरण का कार्य आगे बढ़ने की सूचना दी है.फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी (UNRWA), अस्थाई शिक्षण केन्द्रों का विस्तार कर रही है और उसके सहयोगी संगठन, डेयर अल-बलाह व ख़ान यूनिस में खाद्य पार्सल वितरण फिर से शुरू कर रहे हैं.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने, "सप्ताहान्त के दौरान, हमने अपने सहयोगियों के साथ कैरेम शेलॉम/करेम अबू सलेम और किसुफ़िम सीमा चौकियों से सहायता सामग्री को एकत्र करना जारी रखा. इसमें प्रसवोत्तर और स्वच्छता किटें, चिकित्सा सामान, ईंधन, पानी और भोजन सामग्री शामिल थे."
प्रवक्ता ने कहा कि रविवार को, पहली बार, इसराइली अधिकारियों ने, संयुक्त राष्ट्र को किसुफ़िम सीमा चौकी पर जायज़ा लेने वाले कर्मचारी तैनात करने की अनुमति दी.
प्रवक्ता ने कहा कि यह निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य क़दम है, क्योंकि इससे यूएन एजेंसियों को, उस हिस्से में सहायता सामग्री की मौजूदगी के बारे में बहुत आवश्यक जानकारी मिलती है.
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