अफ़ग़ानिस्तान में इंटरनेट सेवाएँ बहाल, यूएन ने किया स्वागत

Afghanistan's internet services restored

UN warning in Afghanistan

Afghanistan internet services restored
Afghanistan internet services restored


क्या कभी पूरे देश की आवाज़ एक झटके में ख़ामोश की जा सकती है?

अफ़ग़ानिस्तान में दो दिन तक इंटरनेट और दूरसंचार सेवाएँ अचानक ठप हो गईं—न बैंकिंग, न शिक्षा, न राहत कार्य। राजधानी काबुल (Kabul is the capital of Afghanistan.) समेत पूरे देश में अफ़रातफ़री मच गई। लाखों छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई रुक गई, भूकम्प पीड़ितों तक मदद पहुँचाना ठप हो गया और लोग बाहरी दुनिया से कट गए।

तालिबान ने यह पाबंदी बिना किसी कारण बताए लगाई और फिर चुपचाप हटा दी। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि संचार सेवाएँ किसी भी देश के लिए जीवनरेखा हैं, खासकर जब मानवीय संकट सामने हो।

संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानिए, अफ़ग़ानिस्तान में इंटरनेट ठप होने के पीछे क्या है, इसका आम लोगों और राहत प्रयासों पर क्या असर पड़ा और क्यों यूएन ने इसे “स्थायी समाधान की ज़रूरत” बताया....

अफ़ग़ानिस्तान में पिछले दो दिनों से ठप पड़ी इंटरनेट व दूरसंचार सेवाओं के फिर से बहाल होने की ख़बर है, जिसका संयुक्त राष्ट्र ने स्वागत किया है. देश में सत्तारूढ़ तालिबान प्रशासन ने बिना कोई कारण बताए इन सेवाओं पर पाबन्दी लगा दी थी, जिसका व्यापक रूप से दैनिक गतिविधियों पर असर हुआ था.
संयुक्त राष्ट्र् प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बुधवार को न्यूयॉर्क मुख्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बिना किसी स्पष्टीकरण के इन सेवाओं को बन्द किया गया था और बिना कोई जानकारी दिए ही इन्हें बहाल कर दिया गया.
इंटरनेट व दूरसंचार सेवाओं पर यह पाबन्दी क़रीब 48 घंटे तक जारी रही. अफ़ग़ानिस्तान में यूएन मिशन (UNAMA) के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र उड़ानों के अलावा कमर्शियल हवाई यातायात भी अब सामान्य स्थिति की ओर लौटता प्रतीत हो रहा है.
16 सितम्बर के बाद से अब तक, अफ़ग़ानिस्तान के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा में व्यवधान दर्ज किया जा चुका है. 29 सितम्बर को, बिना किसी पूर्व सूचना के, राजधानी काबुल समेत देश के अन्य हिस्सों में इंटरनेट व मोबाइल सेवा काट दी गई थी.
संचार सेवाओं के कट जाने से अफ़ग़ान लोगों के दैनिक जीवन, आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर हुआ था. समाचार माध्यमों के अनुसार, बैंकिंग व वित्तीय सेवाओं, व्यवसायों, सार्वजनिक कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ और विदेश में रहने अफ़ग़ानों द्वारा भेजी गई रक़म स्थानीय लोगों तक नहीं पहुँच सकी.
तालिबान की पाबन्दियों के कारण घर पर ही इंटरनेट के ज़रिए पढ़ाई कर रही लाखों लड़कियों की शिक्षा पर भी असर हुआ था. साथ ही, अभिव्यक्ति की आज़ादी और सूचना की सुलभता व निजता के अधिकार भी प्रभावित हुए.
इसके मद्देनज़र, यूएन मिशन ने तालिबान प्रशासन से इन सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल किए जाने का आग्रह किया था.

सहायता प्रयासों के लिए ज़रूरी

UNAMA ने बताया कि इंटरनेट व दूरसंचार सेवाओं में आए व्यवधान की वजह से, राजधानी काबुल में अनेक यूएन एजेंसियों, कार्यक्रमों व उनके साझेदार संगठनों के कामकाज व जीवनरक्षक मानवीय सहायता प्रयासों पर असर हुआ.

अफ़ग़ानिस्तान कुछ ही सप्ताह पहले देश के पूर्वी हिस्से में स्थित प्रान्तों में आए भूकम्प से हुई बर्बादी का सामना कर रहा है. पीड़ितों में आधी संख्या महिलाओं व लड़कियों की है. आपदा प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरतमन्दों तक मानवीय सहायता पहुँचाई जा रही है, लेकिन इंटरनेट सेवाओं के ठप होने से राहतकर्मियों के साथ सम्पर्क टूट गया था.

इसके अलावा, बड़ी संख्या में अफ़ग़ान नागरिक हाल के दिनों में पड़ोसी देशों से लौटे हैं और देश में अपना जीवन फिर से शुरू करने में जुटे हैं.

अफ़ग़ानिस्तान में यूएन मानवतावादी समन्वयक इन्द्रिका रटवट्टे ने मंगलवार को काबुल से कमज़ोर सैटेलाइट वीडियो लिंक के ज़रिए जानकारी देते हुए चिन्ता जताई थी कि लगभग पूरा देश बाहरी दुनिया से कटा हुआ है. सबसे बड़ी कठिनाई ये है कि पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प पीड़ितों तक सहायता पहुँचा रहे राहतकर्मियों से सम्पर्क पूरी तरह टूट गया है.

इसके मद्देनज़र, यूएन मिशन ने ध्यान दिलाया है कि आपदाओं के दौरान दूरसंचार सेवाओं की निरन्तरता अहम है, जिनके ज़रिए समय पूर्व चेतावनी और अग्रिम पंक्ति के राहतकर्मियों तक आवश्यक सूचना पहुँचाई जा सकती है.



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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।