बच्चों पर घरेलू हिंसा के 5 बड़े असर और उनसे बचाव



घरेलू हिंसा सिर्फ बड़ों के बीच नहीं रहती — इसका सबसे गहरा असर घर के बच्चों पर पड़ता है।
जो बच्चे हिंसा देखते या झेलते हैं, वे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित होते हैं।
Effects of domestic violence on children in Hindi
Effects of domestic violence on children in Hindi

बच्चों पर घरेलू हिंसा के 5 प्रमुख प्रभाव

भावनात्मक तनाव (Emotional Stress):

डर, चिंता, नींद की समस्या और असुरक्षा की भावना।

व्यवहारिक बदलाव (Behavioral Changes):

गुस्सा, चुप्पी, दूसरों पर भरोसा न करना या हिंसक प्रवृत्ति।

बच्चों पर घरेलू हिंसा का शैक्षणिक प्रभाव (Academic Impact):

ध्यान की कमी, स्कूल प्रदर्शन में गिरावट, सामाजिक अलगाव।

बच्चों पर घरेलू हिंसा का शारीरिक स्वास्थ्य पर असर (Physical Health Issues):

सिरदर्द, पेट दर्द, थकान — तनाव के कारण बढ़ती समस्याएँ।
भविष्य के रिश्तों में कठिनाई (Relationship Issues):
वयस्क होने पर हिंसक संबंधों में पड़ने या ऐसा व्यवहार करने की संभावना।

घरेलू हिंसा के असर से बचाव और पुनर्वास के उपाय (Recovery & Support)

👨‍👩‍👧 भरोसेमंद रिश्ते: बच्चे को यह भरोसा दिलाएँ कि वह सुरक्षित है।

🧠 पेशेवर मदद: आवश्कयता पड़ने पर काउंसलर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।

💬 संवाद बनाए रखें: बच्चे की भावनाएँ सुनें, निर्णय न दें।

🕊️ सकारात्मक माहौल: हिंसा-मुक्त और सहयोगी परिवार वातावरण बनाएं।

🏫 स्कूल सहयोग: शिक्षकों को सूचित करें ताकि आपका बच्चा स्कूल में सुरक्षित महसूस करे।

निष्कर्ष

हिंसा से मौन बच्चे सबसे ज़्यादा बोलते हैं — बस उनकी आवाज़ सुनने की आवश्यकता है।

(स्रोत: Office on Women’s Health)

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।