एआई वैश्विक संवाद: नीति, विज्ञान और क्षमता से बनेगी सुरक्षित व भरोसेमन्द व्यवस्था

एआई वैश्विक संवाद की पृष्ठभूमि

  • यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का दृष्टिकोण
  • एआई शासन के तीन स्तम्भ – नीति, विज्ञान और क्षमता
  • एआई नीति : भरोसेमन्द और पारदर्शी व्यवस्था की ओर
  • विज्ञान : स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ पैनल की भूमिका
  • क्षमता : एआई विकास और वैश्विक सहयोग के नए रास्ते

सुरक्षित और मानवता-केन्द्रित एआई का भविष्य

यूएन महासचिव गुटेरेस ने एआई वैश्विक संवाद में भरोसेमन्द और सुरक्षित व्यवस्था के लिए नीति, विज्ञान व क्षमता पर आधारित ढांचे की वकालत की… पढ़िए संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह खबर...
AI global dialogue: Emphasizing policy, science, and capabilities for a trustworthy and secure system
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एआई वैश्विक सम्वाद: भरोसेमन्द व सुरक्षित व्यवस्था के लिए नीति, विज्ञान व क्षमता पर बल

25 सितम्बर 2025 आर्थिक विकास

सवाल अब यह नहीं है कि कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) से हमारा दुनिया बदलेगी या नहीं. सवाल यह है कि क्या हम इस रूपान्तरकारी बदलाव का संचालन एक साथ मिलकर करेंगे, या फिर अपना नियंत्रण उसके हाथ में दे देंगे. संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी ने गुरूवार को एआई संचालन व्यवस्था पर केन्द्रित एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान सुरक्षित व भरोसेमन्द एआई प्रणाली को अपनाने और इस टैक्नॉलॉजी के ऐसे भविष्य को आकार देने पर बल दिया है, जोकि मानवता की भलाई के लिए हो.

एक वर्ष पहले वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट को पारित किया गया था, जोकि एआई की निगरानी, नियंत्रण व संचालन व्यवस्था पर पहला सार्वभौमिक समझौता था.

यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरूवार को आयोजित बैठक में कहा कि हम एक ऐसी वैश्विक एआई व्यवस्था की आधारशिला रख रहे हैं, जिसके ज़रिए तेज़ी से बदलती टैक्नॉलॉजी के अनुरूप ज़रूरी बदलावों को अपनाना सम्भव होगा.

संयुक्त राष्ट्र में एआई संचालन व्यवस्था पर वैश्विक सम्वाद की शुरुआत की गई है, जोकि कायापलट कर देने वाली इस टैक्नॉलॉजी पर सामूहिक तौर पर ध्यान केन्द्रित करने का ज़रिया होगी.

उनके अनुसार, यह व्यवस्था तीन बुनियादी स्तम्भों पर टिकी है – नीति, विज्ञान, और क्षमता.

नीति

वैश्विक सम्वाद के लक्ष्य स्पष्ट हैं: सुरक्षित व विश्वसनीय एआई प्रणाली का निर्माण करना, जिसकी बुनियाद में अन्तरराष्ट्रीय क़ानून, मानवाधिकार व कारगर निरीक्षण व्यवस्था हो.

साथ ही, नियमों में एकरूपता लाना, अवरोधों को घटाना, आर्थिक सहयोग और खुले अर्थों में नवाचार को बढ़ावा देना अहम होगा.

“ऐसे वैश्विक सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र एक अनूठा सार्वभौमिक प्लैटफ़ॉर्म है, जहाँ पहली बार, एआई की मेज़ पर हर देश के पास एक सीट होगी.”

सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी, सत्यनिष्ठा सम्बन्धी, सांस्कृतिक, भाषाई, एआई के इस्तेमाल में सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाएगा. यह एक ऐसा स्थान है जहाँ सरकारें, उद्योग जगत और नागरिक समाज, एक साथ मिलकर साझा समाधानों को आगे बढ़ा सकेगा.

विज्ञान

महासचिव गुटेरेस ने कहा कि एआई पर अन्तरराष्ट्रीय स्वतंत्र वैज्ञानिक पैनल को स्थापित किया गया है, जोकि विज्ञान को हमारे प्रयासों के केन्द्र में रखता है.

40 विशेषज्ञों का समूह एआई से जुड़े अवसरों, जोखिमों और इस टैक्नॉलॉजी से होने वाले असर पर स्वतंत्र रूप से जानकारी मुहैया कराएगा.

यूएन प्रमुख के अनुसार, यह दुनिया के लिए एक समय पूर्व चेतावनी प्रणाली और तथ्यों का इंजिन होगी, जिससे स्पष्टता से आकलन किया जाए और आशंकाओं से निपटा जा सके.

इन स्वतंत्र समीक्षाओं से वैश्विक सम्वाद को जानकारी प्रदान की जाएगी, और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भावी चुनौतियों का अनुमान लगा पाना भी.

क्षमता

यूएन प्रमुख ने बताया कि एआई में क्षमता निर्माण के लिए वित्तीय संसाधन विकल्पों पर एक रिपोर्ट हाल ही में पेश की गई थी.

यह रिपोर्ट दर्शाती है कि एआई में दरारों को पाटने के लिए व्यावहारिक रास्ते पेश किए गए हैं: गणना शक्ति, डेटा, शोध, शिक्षा, प्रशिक्षण व सुरक्षा मानको में.

इस सिलसिले में, उन्होंने सदस्य देशों के साथ विचार-विमर्श, सम्भावित दानदाताओं और साझेदारों के साथ विचार-विमर्श शुरू करने की बात कही है, ताकि एआई क्षमता विकास के लिए एक वैश्विक कोष स्थापित किया जा सके.

उन्होंने कहा कि नीति, विज्ञान और क्षमता के इन तीन स्तम्भों से भरोसा बढ़ेगा, असमानताओं में कमी आई और सभी के लिए प्रगति को तेज़ किया जा सकेगा.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।