प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक संधि: बेनतीजा रही जिनीवा वार्ता , सहमति टली | Why are efforts to reach a global agreement on plastic pollution stuck?

प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक समझौते की कोशिशें क्यों अटकीं?

  • जिनीवा में हुई वार्ता में किन मुद्दों पर मतभेद उभरे?
  • 183 देशों की भागीदारी, लेकिन सहमति क्यों नहीं बन पाई?
  • क्या होगी UNEP और संयुक्त राष्ट्र की अगली रणनीति ?

प्लास्टिक प्रदूषण से मानव और पर्यावरण को क्या है ख़तरा

जिनीवा में हुई बैठक में प्लास्टिक प्रदूषण पर वैश्विक संधि पर सहमति नहीं बन सकी। 183 देशों की भागीदारी के बावजूद यह वार्ता बेनतीजा रही, अब आगे चर्चा होगी... पढ़िए संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह खबर
Why are efforts to reach a global agreement on plastic pollution stuck?


प्लास्टिक प्रदूषण: वैश्विक सन्धि पर सहमति टली, वार्ता बेनतीजा ही समाप्त

15 अगस्त 2025 जलवायु और पर्यावरण

प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए एक क़ानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक समझौते पर सहमति बनाने का अन्तरराष्ट्रीय प्रयास, मतभेदों के बीच बिना नतीजे के ही समाप्त हो गया है. जिनीवा में सम्पन्न हुई बातचीत में, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने तय किया है कि इस पर भविष्य में फिर चर्चा शुरू की जाएगी.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की कार्यकारी निदेशक इन्गेर ऐंडरसन ने शुक्रवार को वार्ता के समापन पर कहा, “ये 10 दिन भू-राजनैतिक जटिलताओं, आर्थिक चुनौतियों और बहुपक्षीय तनावों के बीच बेहद कठिन रहे."

"लेकिन एक बात स्पष्ट है कि इन जटिलताओं के बावजूद, सभी देश इस चर्चा का हिस्सा बने रहना चाहते हैं.”

उन्होंने कहा कि भले ही सन्धि पर सहमति नहीं बन पाई, लेकिन UNEP प्लास्टिक प्रदूषण के ख़िलाफ़ अपना काम जारी रखेगा.

“वह प्रदूषण जो हमारे भूजल, मिट्टी, नदियों, महासागरों और हमारे शरीर तक में मौजूद है.”

183 देशों की भागेदारी

जिनीवा स्थित Palais des Nations में आयोजित अन्तरसरकारी वार्ता समिति (INC) के इस सत्र को, INC-5.2 कहा गया है, जिसमें 2 हज़ार 600 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.

इसमें लगभग 1400 सरकारी प्रतिनिधि और 1 हज़ार पर्यवेक्षक शामिल थे, जो क़रीब 400 संस्थाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

183 देशों के प्रतिनिधियों ने प्रस्तावित समझौते की अहमियत और उसकी वैश्विक अपील पर अपनी सहमति जताई.

मुख्य मुद्दों पर मतभेद

UNEP ने कहा कि वार्ताओं का उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए क़ानूनी रूप से बाध्यकारी एक दस्तावेज़ के मसौदे पर सहमति बनाना था.

साथ ही, उन अनसुलझे मुद्दों को उजागर करना था, जिन पर राजनयिक सम्मेलन से पहले दीगर तैयारी की आवश्यकता है.

UNEP ने बताया कि “गहन संवाद” के बावजूद, अन्तर-सरकारी वार्ता समिति के सदस्य प्रस्तावित मसौदे पर सहमति बनाने में विफल रहे.

आगे का रास्ता

इस सम्मेलन के अध्यक्ष लुइस वायस वाल्दिविएसो ने कहा, “हम अपने तय लक्ष्य तक नहीं पहुँच सके, यह स्थिति निराशाजनक हो सकती है."

"लेकिन इस पर हमें हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, बल्कि हमारी ऊर्जा और प्रतिबद्धता को और मज़बूत करना चाहिए.”

उन्होंने कहा “यह जिनीवा में अभी सम्भव नहीं हो पाया है, लेकिन मुझे कोई सन्देह नहीं है कि वह दिन अवश्य आएगा जब अन्तरराष्ट्रीय समुदाय अपनी इच्छा को एकजुट करेगा...और हमारे पर्यावरण की रक्षा तथा हमारे लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हाथ मिलाएगा.”

INC प्रक्रिया मार्च 2022 में तब शुरू हुई थी, जब संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा ने प्रस्ताव 5.2 पारित किया.

उसका उद्देश्य समुद्री पर्यावरण सहित प्लास्टिक प्रदूषण पर एक अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनी रूप से बाध्यकारी साधन तैयार करना था.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।