ग़ाज़ा में चरम पर भुखमरी और कुपोषण, पूरी तरह चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था | Hunger and malnutrition at its peak in Gaza

ग़ाज़ा में मानवीय संकट अब तक के सबसे गम्भीर स्तर पर

  • भुखमरी और कुपोषण से ग़ाज़ा में मौतों का आंकड़ा बढ़ा
  • ग़ाज़ा में स्वास्थ्य ढाँचा ढहने की कगार पर
  • दवाओं और चिकित्सा सामग्रियों की भारी कमी
  • ग़ाज़ा में बीमारी का प्रकोप और कुपोषण का फैलाव

मानवीय सहायता में बाधाएँ और सीमाओं की पाबंदियाँ

ग़ाज़ा में भुखमरी और कुपोषण (Hunger and malnutrition in Gaza) रिकॉर्ड स्तर पर, स्वास्थ्य ढाँचा चरमराया। मौतों, बीमारी और दवा की कमी से मानवीय संकट गहराया। पढ़िए संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह ख़बर...
Due to the Israeli blockade and war in Gaza, millions of people do not have enough food to survive.
फोटो-UN News ग़ाज़ा में इसराइली नाकाबन्दी और युद्ध के कारण, लाखों लोगों को जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है.


ग़ाज़ा में भुखमरी और कुपोषण रिकॉर्ड स्तर पर; स्वास्थ्य व्यवस्था और चरमराई

12 अगस्त 2025.  ग़ाज़ा में लगभग तीन वर्ष पहले भड़के युद्ध के बाद पहली बार मानवीय स्थिति सबसे अधिक गम्भीर हुई है जहाँ भुखमरी और कुपोषण की दर अभी तक सबसे अधिक है. इस बीच ग़ाज़ा में स्वास्थ्य ढाँचे की स्थिति विनाशकारी स्तर पर पहुँच चुकी है, जहाँ अस्पताल अपनी क्षमता से कहीं अधिक भार झेल रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया सन्देश में यह चेतावनी दी गई है, जिसमें इजसराइली अधिकारियों से, इस क्षेत्र में और अधिक सहायता पहुँचाने व पहुँचने देने का आहवान किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों की समन्वय एजेंसी (OCHA) ने बताया है कि ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय अनुसार, पिछले 24 घंटों में, कुपोषण और भुखमरी के कारण पाँच लोगों की मौत हो गई.

इन्हें मिलाकर, अक्टूबर 2023 से कुपोषण से सम्बन्धित मौतों की कुल संख्या 227 हो गई है, जिनमें 103 बच्चे हैं.

सहायता अंश मात्र

यूए मानवीय सहायता कर्मियों ने, ग़ाज़ा में पहुँच रही सहायता सामग्री की बहुत कम आपूर्ति की निन्दा की है, जो वहाँ रहने वाले लगभग 21 लाख लोगों की विशाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक आपूर्ति का एक अंश मात्र है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने ज़ोर देकर कहा कि एक तिहाई आबादी ने, कई दिनों से भोजन नहीं खाया है और पाँच लाख लोग भुखमरी के कगार पर हैं.

एजेंसी ने ग़ाज़ा में प्रतिदिन कम से कम 100 ट्रकों को जाने देने, सहायता मिशनों कोतेज़ मंज़ूरी और अनुमतियाँ देने, और मानवीय सहायता क़ाफ़िलों व खाद्य वितरण स्थलों के पास हथियारों की उपस्थिति या गोलीबारी नहीं करने जैसे अन्य उपायों की माँग भी की है.

स्वास्थ्य ढाँचा जर्जर

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी कि कुछ जीवनरक्षक दवाएँ पूरी तरह से ख़त्म हो चुकी हैं. वहीं, कुपोषण और बीमारियों से मौतों की संख्या बढ़ रही है.

-पश्चिमी तट और ग़ाज़ा के लिए WHO के प्रतिनिधि डॉक्टर रिक पीपरकोर्न ने मंगलवार को बताया कि ग़ाज़ा के आधे से भी कम अस्पताल और 38 प्रतिशत से कम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आंशिक रूप से या न्यूनतम स्तर पर काम कर रहे हैं.

मुख्य चिकित्सा सुविधाओं में भर्ती मरीज़ों की संख्या, क्षमता से कई गुना अधिक हो चुकी है. शिफ़ा अस्पताल 250 प्रतिशत क्षमता पर, नासेर अस्पताल 180 प्रतिशत, अल-रनतीसी अस्पताल 210 प्रतिशत और अल-अहली अस्पताल 300 प्रतिशत से भी अधिक क्षमता पर काम कर रहे हैं.

चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी

डॉक्टर रिक पीपरकोर्न ने जिनीवा में पत्रकारों से कहा कि उपभोग्य सामग्रियों और दवाइयों की भारी कमी का संकट बना हुआ है, जिसमें 52 प्रतिशत दवाएँ और 68 प्रतिशत उपभोग्य सामग्रियाँ पूरी तरह से समाप्त हो चुके हैं.

भोजन वितरण के दौरान घायल हुए लोगों की बड़ी संख्या की वजह से अस्पतालों पर बोझ भी बढ़ गया है. वे रक्त और प्लाज़्मा की लगातार कमी का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि 27 मई से अब तक इन क्षेत्रों में क़रीब 1,655 लोगों की मौत हो चुकी है, और 11 हज़ार 800 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

ग़ाज़ा सिटी में, यह संकट, इसराइल के बेदख़ली आदेशों के कारण और भी गम्भीर हो गया है, जिसके कारण WHO का गोदाम अब निकासी क्षेत्र में आ गया है.

कुपोषण की मार

ग़ाज़ा में भूख और कुपोषण की स्थिति तेज़ी से बिगड़ रही है. 2025 की शुरुआत से अब तक 148 लोगों की मौत कुपोषण से हुई है, जिनमें 49 बच्चे शामिल हैं और जिनमें से 39 की उम्र पाँच वर्ष से कम थी.

जुलाई में, पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग 12 हज़ार बच्चों में गम्भीर कुपोषण पाया गया, जो अब तक का सबसे अधिक मासिक आंकड़ा है, इनमें से ढाई हज़ार से अधिक बच्चे गम्भीर अवस्था में हैं.

वहीं, बीमारी के प्रकोप ने स्थिति को और भीषण बना दिया है. जुलाई से अगस्त की शुरुआत तक मेनिनजाइटिस के 452 सन्दिग्ध मामले सामने आए, जो युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे अधिक हैं.

इसके अलावा, जुन से, गुलियन-बैरे सिंड्रोम के 76 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं. दोनों बीमारियों का इलाज मुश्किल है, क्योंकि आवश्यक दवाओं के भंडार पूरी तरह ख़त्म हो चुके हैं.

सीमा से प्रवेश में तेज़ी हो

ग़ाज़ा में, अन्तरराष्ट्रीय चिकित्सकों और चिकित्सा आपूर्ति की पहुँच में भी रुकावटें हैं. कई चिकित्सा दलों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.

साथ ही, आईसीयू उपकरण, एनेस्थीसिया मशीन जैसी महत्वपूर्ण सामग्री की आपूर्ति रोकी जा रही हैं. WHO, जून से अब तक, 80 ट्रक चिकित्सा सामग्री भेजने में सफल रहा है, लेकिन प्रक्रियाएँ बेहद धीमी और अनिश्चित हैं, जिससे सामान की कई खेपें, देर से पहुँचीं या बिल्कुल नहीं पहुँच पा रही हैं.

डॉक्टर पीपरकोर्न ने ज़ोर देकर कहा कि गाज़ा में कई प्रवेश मार्ग खोलने, प्रक्रियाओं को आसान बनाने और सभी रुकावटों को ख़त्म करने की सख़्त ज़रूरत है.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।