सूडान: हिंसा और विस्थापन के बीच अब बाढ़ का खतरा, संयुक्त राष्ट्र की गंभीर चेतावनी | Sudan: Amidst violence and displacement, now floods
The people of Sudan are suffering from violence and civil unrest.
नई दिल्ली, 02 जुलाई 2025: सूडान में हिंसा और आंतरिक संघर्ष से जूझ रही आबादी (Population struggling with violence and internal conflict in Sudan) पर अब प्रकृति का खतरा भी मंडरा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि सूडान में बारिश का मौसम शुरू होते ही बाढ़ का बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है, जिससे पहले से ही बदहाल मानवीय स्थिति और गंभीर हो सकती है।
सबसे अधिक प्रभावित इलाके हैं अल फ़शर और कोर्दोफ़ान
दारफ़ूर और कोर्दोफ़ान के क्षेत्र पहले से ही हिंसक झड़पों से जर्जर हैं, वहीं अब ये इलाके बाढ़ के भीषण खतरे की चपेट में आ सकते हैं। नॉर्थ दारफ़ूर के अल फ़शर में अप्रैल 2024 से अब तक चार लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।
वहीं, नॉर्थ कोर्दोफ़ान में मात्र चार दिनों (26-29 जून) के भीतर 16,000 से अधिक लोग बारा शहर से पलायन कर गए हैं, जबकि वैस्ट कोर्दोफ़ान में 27 जून को ही 16,000 लोगों को बाबानूसा से भागने पर मजबूर होना पड़ा है।
बाढ़ का बढ़ता जोखिम: यूएन ने दी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक (United Nations spokesperson Stephane Dujarric) ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि बारिश का मौसम अक्टूबर तक चलेगा और इसमें औसत से अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है। इससे बाढ़, नदी उफान और अचानक जलप्रवाह की आशंका है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बुनियादी ढांचा बेहद कमजोर है।
यूएन प्रवक्ता ने यह भी कहा कि बाढ़ के कारण सड़कों का टूटना, मानवीय राहत पहुंचाने में बाधाएं और बीमारियों का फैलना — विशेषकर हैज़ा — गंभीर चिंता का विषय है।
2024 की बाढ़ से कोई सबक नहीं लिया गया
जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले साल सूडान में बाढ़ के कारण पाँच लाख लोग प्रभावित हुए थे। इसके बावजूद इस साल आपदा प्रबंधन की तैयारी अधूरी है। सहायता एजेंसियां तैयार तो हैं, लेकिन धनराशि की कमी उनके प्रयासों में बाधा बन रही है।
ज़मीनी हकीकत: विस्थापितों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी दुर्लभ
नॉर्थ दारफ़ूर के अद-दब्बा क्षेत्र में हाल ही में पहुँचे आठ हज़ार विस्थापितों ने संसाधनों पर दबाव बढ़ा दिया है। यहाँ पीने के पानी, स्वास्थ्य सेवाएं, आश्रय और भोजन की भारी किल्लत है।
यूएन मानवीय मामलों के प्रमुख टॉम फ़्लैचर ने अल फ़शर में राहत पहुंचाने के लिए संघर्षविराम की अपील की है, जहाँ पिछले वर्ष अप्रैल से राहत सामग्री नहीं पहुँच सकी है।
सीमित संसाधन और सहायता धन की भारी कमी
यूएन मानवीय कार्यालय का कहना है कि संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है, मगर फंड की भारी कमी के चलते राहत अभियान सीमित दायरे में सिमटते जा रहे हैं।
एक दोहरी आपदा की ओर बढ़ता सूडान
सूडान इस समय दोहरी आपदा की ओर बढ़ रहा है — एक तरफ सशस्त्र संघर्ष और दूसरी तरफ संभावित बाढ़ संकट। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने दुनिया से अपील की है कि सूडान को अनदेखा न किया जाए। अगर जल्द सहायता नहीं पहुँची, तो यह मानवीय त्रासदी और भी विकराल रूप ले सकती है।
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