ग़ाज़ा में महिलाओं और लड़कियों की मौत का आंकड़ा 28,000 पार: युद्ध की भयावह मानवीय त्रासदी | The terrible human cost of the Gaza war

ग़ाज़ा युद्ध की भयावह मानवीय क़ीमत

हर घंटे एक महिला या लड़की की मौत — UN Women की चेतावनी

  • युद्धविराम टूटने के बाद और बिगड़े हालात
  • महिलाओं और लड़कियों को विनाशकारी भूख का सामना
  • यूएन वीमेन की अपील: तत्काल युद्धविराम और सहायता बहाली जरूरी
ग़ाज़ा युद्ध में अब तक 28,000 से अधिक महिलाएं और लड़कियाँ मारी जा चुकी हैं। UN Women की रिपोर्ट के अनुसार, हर घंटे एक महिला या लड़की की जान जा रही है। मानवीय संकट और भूख की त्रासदी चरम पर है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस ख़बर से जानिए पूरी स्थिति।
UN Women के अनुसार, ग़ाज़ा में इसराइली हमलों में औसतन, हर घंटे एक महिला व लड़की की मौत हो रही है.
Photo UN News | UN Women के अनुसार, ग़ाज़ा में इसराइली हमलों में औसतन, हर घंटे एक महिला व लड़की की मौत हो रही है.


ग़ाज़ा: भयावह युद्ध ने निगली 28 हज़ार से अधिक महिलाओं और लड़कियों की जानें

20 मई 2025 महिलाएँ

संयुक्त राष्ट्र की महिला कल्याण संस्था - UN Women का अनुमान है कि ग़ाज़ा में अक्टूबर 2023 में शुरू हुए युद्ध के बाद से, अब तक 28 हज़ार से अधिक महिलाएँ और लड़कियो की मौत हो चुकी हैं – यानि इसराइली हमलों में, हर घंटे औसतन एक महिला और एक लड़की की मौत हो रही है.

मृतकों में हज़ारों माताएँ भी शामिल हैं, जो अपने पीछे शोक में जीवन बिताने को मजबूर बच्चे, परिवार और समुदाय छोड़ गईं हैं.

ये आँकड़े इस युद्ध की भयावह मानवीय क़ीमत, असमय खोई हुई ज़िन्दगियों और भविष्य की भयावहता को उजागर करते हैं.

मार्च 2025 में युद्धविराम टूटने के बाद से ग़ाज़ा में हालात और भी बदतर हो गए हैं. मानवीय सहायता पर लगभग नौ सप्ताह से जारी सीमाबन्दी व नाकाबन्दी ने संकट को और गहरा कर दिया है.

ग़ाज़ा की पूरी आबादी भोजन और आवश्यक वस्तुओं से वंचित होती जा रही है, और अकाल का ख़तरा लगातार बढ़ रहा है.

विनाशकारी स्तर की भूख से जूझती महिलाएँ

इस स्थिति में 10 लाख से अधिक महिलाएँ और लड़कियाँ– लगभग हर महिला और लड़की –विनाशकारी स्तर की भूख का सामना कर रही हैं. वे विस्थापन, बढ़ती मातृ मृत्यु दर और सुरक्षा तथा संरक्षण के साधनों की गम्भीर कमी जैसी स्थितियों का सामना कर रही हैं.

इन भयावह परिस्थितियों के बावजूद, यूएन वीमेन, ग़ाज़ा में महिला-नेतृत्व वाले लोक समाज संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि प्रभावित लोगों तक आवश्यक सेवाएँ और सहायता पहुँचाई जा सके, लेकिन पीड़ा का स्तर मौजूदा क्षमताओं और संसाधनों से कहीं अधिक है.

अगर, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता और धनराशि के लिए, तत्काल और व्यापक पहुँच सुनिश्चित नहीं की गई, तो अनगिनत ज़िन्दगियाँ ख़तरे में पड़ जाएँगी.

यूएन वीमैन ने ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने, मानवीय सहायता की आपूर्ति तत्काल बहाल किए जाने और तमाम बन्धकों की तत्काल बिना शर्त रिहाई की, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की अपील को दोहराया है.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।