संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस 2025: शांति स्थापना का भविष्य और वैश्विक योगदान | International Day of UN Peacekeepers in Hindi

 संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस 2025 का विषय है "शांति स्थापना का भविष्य"। यह दिन उन वीर सैन्य, पुलिस और नागरिक शांतिरक्षकों को सम्मानित करता है जिन्होंने दुनिया को शांति की ओर अग्रसर किया है। जानिए शांति स्थापना की 80 वर्षों की विरासत और इसकी वर्तमान चुनौतियाँ।

International Day of UN Peacekeepers in Hindi
International Day of UN Peacekeepers in Hindi


संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस 2025 (International Day of UN Peacekeepers in Hindi) का विषय है "शांति स्थापना का भविष्य"। यह दिन उन वीर सैन्य, पुलिस और नागरिक शांतिरक्षकों को सम्मानित करता है जिन्होंने दुनिया को शांति की ओर अग्रसर किया है। जानिए शांति स्थापना की 80 वर्षों की विरासत और इसकी वर्तमान चुनौतियाँ।

संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस 2025: शांति के प्रहरी को सम्मान

29 मई को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक दिवस (UN Peacekeepers Day in Hindi) इस बार थीम “शांति स्थापना का भविष्य (The Future of Peacekeeping)” के साथ मनाया जा रहा है। यह दिवस (United Nations Peacekeeping in Hindi) उन हजारों सैन्य, पुलिस और नागरिक कर्मचारियों के बलिदान और सेवा को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने दुनिया भर में संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति लाने के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।

संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मिशनों ने पिछले लगभग आठ दशकों में विश्व के विभिन्न अस्थिर और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों—जैसे लाइबेरिया, नामीबिया, कम्बोडिया, सिएरा लियोन और तिमोर-लेस्ते—में जमीनी स्तर पर परिवर्तन लाने का काम किया है। इनकी उपस्थिति ने न केवल जानें बचाईं बल्कि स्थायी शांति की नींव भी रखी।

पहला शांति मिशन कब शुरू हुआ?

1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मध्य पूर्व में ट्रूस सुपरविजन ऑर्गनाइजेशन (UNTSO) की तैनाती की थी। तब से अब तक 70 से अधिक शांति मिशन संचालित किए जा चुके हैं।

आज के जटिल संकटों से जूझ रहे हैं 68,000 से अधिक शांतिरक्षक

आज, विश्व भर में 11 सक्रिय UN मिशनों में 68,000 से अधिक शांतिरक्षक कार्यरत हैं। ये सभी आज के समय की बदलती भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इनके लिए कार्य करना पहले से कहीं अधिक जटिल हो गया है, फिर भी इनके संकल्प और सेवा भावना में कोई कमी नहीं आई है।

शांति के लिए सर्वोच्च बलिदान को नमन

अब तक 4,400 से अधिक शांतिरक्षक वैश्विक शांति के इस मिशन में अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें से सिर्फ 2024 में ही 57 शांतिरक्षक शहीद हुए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस 29 मई 2025 को न्यूयॉर्क मुख्यालय में शांतिरक्षक स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

शांति स्थापना की वर्तमान आवश्यकताएं और भविष्य की चुनौतियाँ

1990 के दशक में शीत युद्ध समाप्त होने के बाद शांति स्थापना की परिभाषा (Definition of peacekeeping) भी बदल गई। अब ये केवल संघर्ष विराम बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, मानवाधिकार, सामाजिक न्याय और स्थिरता की स्थापना तक विस्तृत हो चुकी है।

यूएन महासचिव गुटेरेस ने अपने बयान में कहा :

"आज की दुनिया को संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है—और संयुक्त राष्ट्र को ऐसी शांति स्थापना चाहिए जो आज की हकीकतों और कल की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह सुसज्जित हो।"

UN Peacekeepers का काम : साझा विरासत की रक्षा

UN Peacekeepers का कार्य केवल एक मिशन नहीं, बल्कि मानवता की रक्षा और साझा भविष्य के निर्माण की प्रक्रिया है। जब तक दुनिया में असमानता, संघर्ष, और हिंसा रहेगी, तब तक शांतिरक्षकों की भूमिका अपरिहार्य बनी रहेगी।

शांति स्थापना का भविष्य हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।



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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।