म्याँमार: भूकम्प के बाद जीवित बचे लोगों के सामने बीमारियों का खतरा, यूएन ने जताई चिंता | Myanmar Earthquake Crisis
भूकम्प से हुई भीषण तबाही
- जान-माल की हानि और बुनियादी ढाँचे का विनाश
- यूएन की चेतावनी: जल-जनित बीमारियों का बढ़ता खतरा
- मॉनसून की बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
- सहायता अभियान में आ रही चुनौतियाँ
- भूकम्प के बाद का संकट: आश्रय, भोजन और स्वास्थ्य सेवाएँ
यूएन की अपील: सभी प्रभावितों तक पहुँचे मानवीय सहायता
म्याँमार में 7.7 तीव्रता के भूकम्प के बाद हालात चिंताजनक, 3,500 से अधिक मृत और लाखों बेघर। यूएन ने जल-जनित बीमारियों और मॉनसून की आशंका जताई। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानें कैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन प्रभावितों की मदद के लिए जुटे हैं।#MyanmarEarthquake #HumanitarianCrisis
म्याँमार: भूकम्प में जीवित बचे लोगों के लिए विकट हालात, बीमारियाँ फैलने की आशंका
शक्तिशाली भूकम्प से हुई बर्बादी झेल रहे म्याँमार में क्षतिग्रस्त घरों व इमारतों की सुरक्षा के प्रति चिन्ता व्याप्त है, जिसकी वजह से लोगों को बाहर सड़कों पर रात गुज़ारनी पड़ रही है. साथ ही, मॉनसून की बारिश समय से पहले होने और जल-जनित बीमारियों के फैलने की आशंका से आपदा-प्रभावित लोगों के लिए दैनिक गुज़र-बसर बेहद कठिन साबित हो रही है.मध्य म्याँमार में रिक्टर पैमाने पर 7.7 की तीव्रता वाले भूकम्प को क़रीब 10 दिन बीत चुके हैं, जिसमें जान-माल की भीषण हानि हुई है, अनेक प्रान्तों में बुनियादी ढाँचा बर्बाद हो चुका है.
म्याँमार में यूएन विकास कार्यक्रम के क्षेत्रीय प्रतिनिधि तितॉन मित्रा ने सर्वाधिक प्रभावित मैंडाले से जानकारी देते हुए बताया कि मृतक आँकड़ा 3,500 है, मगर इसके और बढ़ने की आशंका है.
उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि अब मानवतावादी अभियान तलाश एवं बचाव से पुनर्बहाली की ओर बढ़ गया है.
28 मार्च को आए भूकम्प में चार हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं और सगाइंग, मैंडाले और मैगवे समेत अन्य टाउनशिप में लगभग 80 फ़ीसदी इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं.
यूएन विकास कार्यक्रम के प्रतिनिधि ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था पर भीषण दबाव है, अस्पतालों में मरीज़ों का तांता लगा हुआ है और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए यह बेहद कठिन साबित हो रहा है. दवाओं व अन्य चिकित्सा सामग्री की क़िल्लत महूसस की जा रही है.
मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, देश भर में पाँच लाख से अधिक लोगों के लिए जीवनरक्षक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ उपलब्ध नहीं हैं.
तितॉन मित्रा ने ज़ोर देकर कहा कि जल-जनित बीमारियों के फैलने का जोखिम बढ़ रहा है, चूँकि शहरों में पाइप से जल की आपूर्ति दरक गई है और जल भंडारण केन्द्र क्षतिग्रस्त हुए हैं.
साफ़-सफ़ाई अब एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, लोग अपने घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर हैं और उन्हें खुले में ही शौच के लिए जाना पड़ रहा है, जिससे गंदगी फैल रही है.
मूसलाधार बारिश होने की वजह से यह आपदा और जटिल हो गई है. मैडाले में तेज़ बारिश पिछले सप्ताह शुरू हो गई, जिससे सहायता अभियान पर असर हुआ है और बेघर लोगों के लिए गुज़र-बसर की परिस्थितियाँ बेहद कठिन हैं.
मॉनसून का जोखिम
म्याँमार के मौसम विभाग ने बताया है कि देश के अधिकाँश हिस्सों में शुक्रवार तक बारिश और तेज़ हवाओं के चलने का पूर्वानुमान है.
इसके अलावा, विस्थापित लोगों के लिए आश्रय व्यवस्था एक बड़ी चिन्ता है. लोग अपने क्षतिग्रस्त घरों में वापिस लौटने से डर रह हैं और सड़कों पर रात गुज़ार रहे हैं.
खाद्य सामग्री की बहुत आवश्यकता है, जबकि सगाइंग और मैगवे के बाज़ारों पर आपूर्ति न होने का भारी असर हुआ है. लोगों के पास आय नही है और क़ीमतों में उछाल आने के संकेत नज़र आ रहे हैं.
तितॉन मित्रा ने कहा कि यूएन प्रणाली समग्रता से प्रयासरत है और आरम्भिक ज़रूरतों का जायज़ा लिया गया है. साथ ही, इमारतों की मज़बूती की भी समीक्षा की गई है ताकि उनके सुरक्षित होने का पता लगाया जा सके.
मौजूदा अनिश्चितता की वजह से सगाइंग के एक अस्पताल पर असर हुआ है, जहाँ लगभग सभी मरीज़ एक कार पार्किंग क्षेत्र में 40 डिग्री की गर्मी में एकत्र हैं. बताया गया है कि अस्पताल की इमारत सुरक्षित घोषित किए जाने के बाद उन्हें जल्द से जल्द वहाँ वापिस लाया जा सकता है.
इस बीच, देश में हिंसक टकराव पर पूर्ण रूप से विराम नहीं लग पाया है, हालांकि सैन्य बलों और विरोधी गुटों के बीच लड़ाई रोकने पर सहमति हुई थी. यूएनडीपी प्रतिनिधि ने उम्मीद जताई की मानवीय सहायता को सभी ज़रूरतमन्दों तक पहुँचाया जा सकेगा.
सहायता मार्ग की अपील
यूएन एजेंसियों के अनुसार, भूकम्प से प्रभावित कई इलाक़े, सैन्य प्रशासन के नियंत्रण में हैं और वहाँ मानवीय राहत पहुँचाने के लिए उनके साथ समन्वय किया जाता है.
UNDP प्रतिनिधि ने कहा कि देश में गृहयुद्ध के बीच, हमें यह सुनिश्चित करना है कि विपक्षी गुटों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में भी मदद पहुँचाई जाए.
उनके अनुसार, फ़रवरी 2021 में हुए सैन्य तख़्तापलट के बाद से ही देश एक कठिन दौर से गुज़र रहा था और कई हिस्सों में सैन्य बलों के साथ विपक्षी हथियारबन्द गुटों का टकराव है.
भूकम्प से पहले, म्याँमार में क़रीब 20 फ़ीसदी धान के खेत लड़ाई की भेंट चढ़ चुके थे, 35 लाख लोग अपना घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हुए हैं, 1.5 करोड़ लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है और क़रीब दो करोड़ को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
UNDP is on the ground when crisis hits.@UNDP_Myanmar is distributing Household Emergency Assistance Packages including locally sourced food, medicines, shelter, hygiene kits, solar lamps and more to some 500,000 people in urban and rural areas of Myanmar. pic.twitter.com/Lcclx2dV4I
— UN Development (@UNDP) April 8, 2025
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें