अस्थमा : लक्षण, कारण, इलाज और बचाव के घरेलू उपाय Asthma lakshan karan ilaj
अस्थमा के सामान्य लक्षण
- अस्थमा के मुख्य कारण और ट्रिगर्स
- एलर्जेन से कैसे बचें: घरेलू उपाय
- अस्थमा प्रबंधन के लिए लेटेस्ट गाइडलाइंस (NIH के अनुसार)
- अस्थमा से जुड़ी अक्सर पूछी जाने वाली बातें (FAQs)
अस्थमा क्या है, इसके लक्षण, कारण, उपचार और बचाव के आसान घरेलू उपाय जानें। इनहेलर, दवाएं और एलर्जेन से बचाव की संपूर्ण जानकारी।
अस्थमा क्या है?
अस्थमा (Asthma in Hindi) एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें श्वसन मार्ग (airways) में सूजन और सिकुड़न के कारण सांस लेने में कठिनाई होती है। अस्थमा का अटैक अचानक हो सकता है और यह जानलेवा भी हो सकता है। इसमें खांसी, सीने में जकड़न, घरघराहट और सांस फूलना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
United States government के National Institute of Environmental Health Sciences (NIEHS) की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक पारिवारिक इतिहास और पर्यावरणीय कारकों को अस्थमा के विकास से जोड़ा गया है। कुछ कारक, जिन्हें ट्रिगर कहा जाता है, अस्थमा के लक्षणों को शुरू या खराब कर सकते हैं। इन कारकों में पराग, फ्लू जैसे वायरल संक्रमण या ठंडी हवा शामिल हैं। अलग-अलग लोगों के लिए ट्रिगर अलग-अलग हो सकते हैं।
NIEHS पर दी गई जानकारी के मुताबिक अस्थमा के सामान्य लक्षण
- बार-बार खांसी (खासतौर पर रात में या सुबह)
- सांस लेते समय घरघराहट (wheezing)
- सीने में जकड़न या दबाव महसूस होना
- सांस फूलना या तेज़ी से चलना बोलने में कठिनाई
- थकावट और नींद में बाधा
अस्थमा के मुख्य कारण और ट्रिगर्स
अस्थमा के विकास में अनुवांशिक (genetic) और पर्यावरणीय (environmental) दोनों तरह के कारण होते हैं। मुख्य ट्रिगर्स:
- धूल, पराग, धुआं और धूप
- पालतू जानवरों के बाल
- तंबाकू धुआं और वायु प्रदूषण
- ठंडी हवा या मौसम में अचानक बदलाव
- वायरल संक्रमण (जैसे फ्लू, सर्दी)
- तनाव और भावनात्मक उत्तेजना
- शारीरिक मेहनत (Exercise-induced asthma)
अस्थमा का इलाज और दवाएं
एनआईएच के राष्ट्रीय हृदय, फेफड़े और रक्त संस्थान ने "अस्थमा प्रबंधन दिशा-निर्देशों के लिए 2020 केंद्रित अपडेट: राष्ट्रीय अस्थमा शिक्षा और रोकथाम कार्यक्रम विशेषज्ञ पैनल कार्य समूह की एक रिपोर्ट" जारी की। रिपोर्ट की सिफारिशें अस्थमा से पीड़ित लोगों की देखभाल में सुधार करने और प्राथमिक देखभाल प्रदाताओं और विशेषज्ञों को अस्थमा प्रबंधन के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करने के लिए तैयार की गई हैं। अस्थमा का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से नियंत्रित किया जा सकता है:
- इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (ICS): वायुमार्ग की सूजन कम करते हैं
- ब्रोंकोडायलेटर (Bronchodilators): सांस की नलियों को खोलते हैं
- लंबे समय तक काम करने वाले एंटीमस्कैरिनिक एजेंट (LAMA)
- एलर्जी शॉट्स या इम्यूनोथेरेपी
अस्थमा को नियंत्रित करने के तरीके
- ट्रिगर्स से बचें और एलर्जेन एक्सपोज़र कम करें
- इनहेलर का नियमित और सही उपयोग करें
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं समय पर लें
- नियमित रूप से स्पाइरोमीट्री टेस्ट या अन्य जांच करवाएं
- स्वस्थ आहार लें और वजन नियंत्रित रखें
एलर्जेन से कैसे बचें: घरेलू उपाय
NIEHS पर दी गई जानकारी के मुताबिक
- हर हफ़्ते चादरें और कंबल गर्म पानी में धोएं
- कालीन और पर्दों को नियमित वैक्यूम करें
- घर के अंदर नमी का स्तर 50% से नीचे रखें
- पालतू जानवरों को बेडरूम में न आने दें
- गद्दे और तकिए पर एलर्जन-प्रूफ कवर लगाएं
- कीटों और मोल्ड से घर को साफ रखें
अस्थमा प्रबंधन के लिए लेटेस्ट गाइडलाइंस (NIH के अनुसार)
NIH द्वारा जारी 2020 गाइडलाइंस के अनुसार:
- बार-बार अटैक वाले मरीजों को ICS का उपयोग बढ़ाना चाहिए
- ICS के साथ LAMA का संयोजन गंभीर मरीजों के लिए फायदेमंद
- एलर्जी से संबंधित अस्थमा में एलर्जी शॉट्स उपयोगी हैं
- एक्सहेल्ड नाइट्रिक ऑक्साइड टेस्ट वायुमार्ग की सूजन जानने में मदद करता है
- चयनित वयस्कों के लिए ब्रोंकियल थर्मोप्लास्टी एक विकल्प हो सकता है
ब्रोंकियल थर्मोप्लास्टी क्या है और कब ज़रूरी होती है?
यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें गर्मी के उपयोग से फेफड़ों की वायुमार्ग की मांसपेशियों को कम किया जाता है। यह लगातार और गंभीर अस्थमा वाले मरीजों के लिए सुझाई जाती है जिन्हें दवाओं से राहत नहीं मिल रही हो।
बार-बार अस्थमा के अटैक से कैसे बचें?
- अपने ट्रिगर्स पहचानें और उनसे दूर रहेंइनहेलर हमेशा अपने पास रखेंमौसम बदलने पर विशेष सतर्कता रखेंफ्लू वैक्सीन और अन्य जरूरी टीकाकरण करवाएं
- इनहेलर हमेशा अपने पास रखें
- मौसम बदलने पर विशेष सतर्कता रखें
- फ्लू वैक्सीन और अन्य जरूरी टीकाकरण करवाएं
(डिस्क्लेमर- यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय सलाह नहीं है। यह जनहित में अव्यावसायिक जानकारी मात्र है। आप इस जानकारी के आधार पर कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं। स्वयं डॉक्टर न बनें, किसी भी सलाह के लिए किसी योग्य चिकित्सक से संपर्क करें)
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