पाकिस्तान से 10 लाख अफ़गान शरणार्थियों को वापस भेजा गया UN Reports Surge in April 2025
अप्रैल 2025 में पाकिस्तान से अफ़गानों के प्रत्यावर्तन में तेज़ वृद्धि
- समय सीमा के बाद गिरफ़्तारियाँ, हिरासत और जबरन निर्वासन शुरू
- निर्वासित कौन हैं? ACC, POR धारक और अनिर्दिष्ट अफ़गान
- प्रत्यावर्तन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रमुख सीमा क्रॉसिंग
- UNHCR और IOM ने स्वैच्छिक वापसी के लिए सम्मान का आग्रह किया
- 30 जून 2025: POR कार्ड धारकों के लिए अंतिम समय सीमा
सितंबर 2023 से अब तक 9 लाख से ज़्यादा अफ़गान शरणार्थी पाकिस्तान से चले गए हैं या उन्हें निर्वासित कर दिया गया है। अकेले अप्रैल 2025 में, 55,000 से ज़्यादा अफ़गानों को वापस भेजा गया, जिनमें से कई अनैच्छिक रूप से वापस भेजे गए। UNHCR और IOM ने सामूहिक गिरफ़्तारियों, जबरन निर्वासन और उचित दस्तावेज़ों की कमी के बारे में चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह रिपोर्ट प्रत्यावर्तन प्रक्रिया, प्रमुख आँकड़ों, सीमा चौकियों और POR कार्डधारकों के लिए पाकिस्तान की नई 30 जून 2025 की समयसीमा के बारे में बताती है।
पाकिस्तान से लगभग दस लाख अफ़गान शरणार्थी स्वेच्छा से या जबरन निर्वासित
23 अप्रैल 2025 प्रवासी और शरणार्थी
पाकिस्तान से अफग़ान शरणार्थियों की स्वदेश वापसी और निष्कासन में तेज़ी दर्ज की गई है. अप्रैल (2025) के शुरू से अफ़ग़ानिस्तान की वापसी यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में ख़ासी वृद्धि हुई है और इस महीने में 55 हज़ार 426 अफग़ान नागरिक, स्वेच्छा से स्वदेश वापिस लौटे हैं या उन्हें जबरन वापिस भेजा गया है.
सितम्बर 2023 में यह प्रक्रिया शुरू होने के बाद से, कुल 9 लाख 17 हज़ार 189 अफ़ग़ान नागरिक, पाकिस्तान छोड़कर स्वदेश वापिस लौटे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) और अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के अनुसार, 6 से 12 अप्रैल (2025) के बीच कुल 55 हज़ार 426 अफ़ग़ान नागरिक स्वदेश लौटे हैं. यह संख्या औसतन प्रतिदिन 5 हज़ार 200 लोगों की वापसी की है.
10 अप्रैल को 9 हज़ार 417 लोग अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौटे, जो उस समय एक दिन में पाकिस्तान छोड़ने वाले लोगों की सबसे बड़ी संख्या थी.
गिरफ़्तारी, कारावास और निर्वासन
पाकिस्तानी सरकार ने देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को, 15 सितंबर, 2023 को आदेश दिया था कि वो उसी वर्ष 1 नवम्बर से पहले, स्वेच्छा से देश छोड़ दें. इनमें अधिकांश लोग अफ़ग़ान नागरिक थे.
बाद में इस समय सीमा को चार बार बढ़ाया गया, और अफ़ग़ान नागरिकों के स्वदेश वापिस लौटने की अन्तिम समय-सीमा इस वर्ष 31 मार्च निर्धारित की गई.
पाकिस्तान सरकार ने, इस समय सीमा के समाप्त होने के बाद, अफ़ग़ान नागरिकों को स्वेच्छा से देश छोड़ने के लिए 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया, जिसके बाद उनकी गिरफ़्तारी और निर्वासन शुरू हो गया था.
UNHCR और अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने बताया है कि इस महीने में 6 से 12 अप्रैल के बीच, 11 हज़ार 293 अफ़ग़ान नागरिकों को गिरफ़्तार किया गया और हिरासत में लिया गया.
इन लोगों में से 98 प्रतिशत लोग, अफ़ग़ानिस्तान के नागरिक कार्ड (ACC) धारक थे.
16 लाख अफ़ग़ान लोगों को बेदख़ल करने की योजना
अप्रैल (2025) की शुरुआत से अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौटने वाले लोगों की औसत दैनिक संख्या 1,400 रही है. उनमें से लगभग आधे अफ़ग़ान लोग 'एसीसी' कार्ड धारक थे.
6 से 12 अप्रैल के बीच अफ़ग़ानिस्तान लौटने वालों में से, 70 प्रतिशत लोगों के पास कोई दस्तावेज़ नहीं थे, 26 प्रतिशत लोगों के पास 'एसीसी' कार्ड और 4 प्रतिशत के पास 'पंजीकरण प्रमाण' (POR) कार्ड थे. unhcr यह कार्ड रखने वाले अधिकांश लोगों को स्वदेश वापस भेज देती है.
इस महीने, जो लोग पाकिस्तान छोड़कर निकले थे, उन्हें अफ़ग़ानिस्तान की तोरख़ाम, ग़ुलाम ख़ान (ख़ैबर पख़्तूनख़्वा), चमन, बादिनी और बहरामचा (बलूचिस्तान) सीमा चौकियों के ज़रिए वापस भेजा गया.
पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को, अफ़ग़ानिस्तान वापस लाने की योजना के इस (दूसरे) चरण में, लगभग 16 लाख अफ़ग़ान शरणार्थियों को वापस लाने की घोषणा की गई है.
IOM ने अपील की है कि जब तक शरणार्थियों की सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वैच्छिक वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं हो जातीं, तब तक अफ़ग़ान नागरिकों को निर्वासित नहीं किया जाए.
30 जून (2025) अन्तिम तिथि
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अनुसार, 'एसीसी' कार्ड रखने वाले अफ़ग़ान लोगों को 'पीओआर' कार्ड रखने वालों के समान सुविधाएँ नहीं मिलती हैं.
देश के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अफ़ग़ान नागरिकों को पाकिस्तान में रहने की अनुमति देने में ढील दी गई है, लेकिन यह ढील अनिश्चित काल के लिए नहीं है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, 31 मार्च की समय-सीमा समाप्त होने के बाद, 'एसीसी' कार्ड रखने वाले अफ़ग़ान नागरिकों का देश में ठहरना अवैध है.
देश के आन्तरिक मामलों के मंत्रालय का कहना है कि जिन अफ़ग़ान नागरिकों के पास 'पीओआर' कार्ड हैं, उन्हें 30 जून तक देश में रहने की अनुमति है, उसके बाद उन्हें भी पाकिस्तान छोड़ना होगा.
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