पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रवि राय का परिचय | former Lok Sabha Speaker Ravi Rai

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रवि राय: समाजवादी राजनीति के नायक

Biography of former Lok Sabha Speaker Ravi Rai
Biography of former Lok Sabha Speaker Ravi Rai



जन्म: 26 नवंबर 1926 | निधन: 6 मार्च 2017

जन्मस्थान: भानगढ़, पुरी (खुर्दा), ओडिशा

राजनीतिक विचारधारा: समाजवादी

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रवि राय का परिचय

रवि राय भारत के संसदीय इतिहास के एक प्रतिष्ठित समाजवादी नेता थे। उन्होंने अपनी सादगी, ईमानदारी और निष्पक्षता से लोकसभा अध्यक्ष के रूप में लोकतांत्रिक मूल्यों को नई ऊंचाई दी। वे राममनोहर लोहिया के करीबी सहयोगी और समाजवादी आंदोलन के अग्रणी नेता रहे।

स्वतंत्रता संग्राम से राजनीति तक पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रवि राय का सफर

रवि राय बचपन से ही राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरित थे। उन्होंने रावेनशॉ कॉलेज, कटक में पढ़ाई के दौरान ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया और तिरंगा फहराने के लिए गिरफ्तार हुए। समाजवादी मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने परीक्षा फॉर्म में जाति का उल्लेख करने से इनकार कर दिया।

रवि राय की राजनीतिक यात्रा

1948: सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य बने।

1956: ओडिशा में सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना।

1967: चौथी लोकसभा के लिए पुरी से सांसद चुने गए।

1974: राज्यसभा सदस्य बने।

1977: जनता पार्टी के महासचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बने।

1989: केंद्रपाड़ा से लोकसभा चुनाव जीता और लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

1991: तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए।

लोकसभा अध्यक्ष के रूप में रवि राय का योगदान

रवि राय भारतीय संसदीय लोकतंत्र के महत्वपूर्ण दौर में लोकसभा अध्यक्ष बने। 1989 में त्रिशंकु लोकसभा में उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं में सुधार किए और शून्य काल को अधिक प्रभावी बनाया। उनके कार्यकाल में वी.पी. सिंह सरकार का विश्वास प्रस्ताव गिरा, जो भारतीय राजनीति का ऐतिहासिक क्षण बना।

समाजवादी आंदोलन और विचारधारा

रवि राय ने जीवनभर समाजवादी विचारों को बढ़ावा दिया। वे मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडिस और लोहिया के साथ मिलकर समाजवादी राजनीति को मजबूत करने में जुटे रहे।
रवि राय की मृत्यु और विरासत

6 मार्च 2017 को कटक में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हुआ। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

निष्कर्ष

रवि राय का जीवन समाजवादी मूल्यों, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और निष्पक्ष राजनीति का आदर्श उदाहरण है। वे हमेशा समाज के वंचित वर्गों की आवाज बने रहे और भारतीय राजनीति में एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व के रूप में याद किए जाते रहेंगे।

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।