हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर: डॉ. अनुज कुमार का सरल विश्लेषण | Difference between heart attack and cardiac arrest

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है?

  • हार्ट अटैक के लक्षण और बचाव के उपाय
  • कार्डियक अरेस्ट क्यों होता है और इसका इलाज
  • हार्ट अटैक का तुरंत इलाज कैसे करें?
  • CPR कैसे दें और कब जरूरी होता है?
  • हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत क्या होते हैं?
  • कार्डियक अरेस्ट में AED मशीन का उपयोग कैसे करें?
  • हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?
  • कार्डियक अरेस्ट से बचाव के घरेलू उपाय

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का इलाज कैसे किया जाता है?

Difference between heart attack and cardiac arrest


हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है? Craniofacial Surgeon और Public Health Expert डॉ. अनुज कुमार ने आसान भाषा में समझाया कि कैसे हार्ट अटैक में हृदय की रक्तवाहिनी अवरुद्ध हो जाती है, जबकि कार्डियक अरेस्ट में हृदय की विद्युत प्रणाली फेल हो जाती है। जानिए इनके लक्षण, बचाव और आपातकालीन उपाय।

नई दिल्ली, 19 मार्च 2025 : हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को लेकर अक्सर लोग भ्रमित हो जाते हैं। इस महत्वपूर्ण विषय पर Craniofacial Surgeon और Public Health Expert डॉ. अनुज कुमार ने ट्वीट कर आसान भाषा में समझाया कि ये दोनों स्थितियां अलग-अलग हैं।

क्या होता है हार्ट अटैक?


डॉ. कुमार ने समझाया कि हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की रक्तवाहिनी (आर्टरी) संकरी हो जाती है या उसमें कोई अवरोध आ जाता है, जिससे हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता। उन्होंने इसे एक पंप के नली में रुकावट आने से तुलना की, जिससे पानी का प्रवाह बाधित हो जाता है। हार्ट अटैक के लक्षणों में शामिल हैं:

✔ सीने में तेज दर्द

✔ बायें हाथ, कंधे, जबड़े या पेट में दर्द

✔ सांस लेने में कठिनाई और अत्यधिक पसीना आना

✔ गैस जैसी असहज अनुभूति


क्या होता है कार्डियक अरेस्ट?


इसके विपरीत, कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हृदय की विद्युत प्रणाली अचानक काम करना बंद कर देती है, जिससे हृदय पंप करना पूरी तरह बंद कर देता है। उन्होंने इसे पंप की बिजली आपूर्ति बंद हो जाने से जोड़ा। कार्डियक अरेस्ट में मरीज़ अचानक बेहोश हो जाता है और उसकी हृदयगति रुक जाती है।

क्या करें?


डॉ. कुमार के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट के दौरान तुरंत CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) देकर रक्त प्रवाह को बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए और मरीज़ को अस्पताल पहुंचाकर AED (Automated External Defibrillator) से हृदय को रीस्टार्ट करने का प्रयास किया जाता है।

उन्होंने ट्वीट में कहा कि लोग इस अंतर को बेहतर समझने के लिए वीडियो एनीमेशन का सहारा ले सकते हैं। उनका यह सरल और प्रभावी विश्लेषण लोगों के लिए जीवनरक्षक साबित हो सकता है।


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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।