कैंसर से जूझ रहे बच्चों के लिए नई उम्मीद! UN की नई पहल से इलाज होगा आसान
बच्चों के कैंसर उपचार के लिए UN की नई पहल
- उज़्बेकिस्तान और मंगोलिया में शुरू हुई नई योजना
- कैंसर दवाओं की उपलब्धता पर बड़ा कदम
- WHO और सेंट जूड्स रिसर्च अस्पताल की साझेदारी
- अगले 5-7 साल में 1.2 लाख बच्चों को मिलेगा इलाज
- कम आय वाले देशों में कैंसर मृत्यु दर कैसे घटेगी?
🌍 क्या इस पहल से कैंसर पीड़ित बच्चों को राहत मिलेगी?
🌍 WHO और सेंट जूड्स रिसर्च अस्पताल कैसे कर रहे हैं मदद?🌍 कौन-कौन से नए देश इस योजना से जुड़ेंगे?
📢 संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानिए इस नई पहल की पूरी जानकारी!
कैंसर से जूझ रहे बच्चों के उपचार, दवाओं पर लक्षित एक नई पहल
बच्चों में कैंसर बीमारी के उपचार के लिए ज़रूरी दवाओं को मुहैया कराने के इरादे से यूएन की साझेदारी में एक नई पहल को उज़्बेकिस्तान और मंगोलिया में शुरू किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को इस नए प्लैटफ़ॉर्म की जानकारी देते हुए बताया कि इसे जल्द ही छह देशों में अमल में लाया जाएगा.
कैंसर से जूझ रहे बच्चों व उनके परिवारों को अक्सर योग्य स्वास्थ्यकर्मियों से लेकर दवाओं व सामुदायिक समर्थन की आवश्यकता होती है.
हर वर्ष, क़रीब चार लाख बच्चों के कैंसर बीमारी से पीड़ित होने के मामले सामने आते हैं, और इनमें से अधिकाँश निम्न-आय वाले देशों में रहते हैं.
इन देशों में या तो कैंसर बीमारी के उपचार के लिए दवाएँ उनकी पहुँच से बाहर हैं या फिर उपलब्ध नहीं हैं. इस वजह से, मृत्यु दर 70 फ़ीसदी तक पहुँच जाती है. उच्च-आय वाले देशों में, हर 10 में से आठ बच्चों को इस बीमारी से बचाना सम्भव है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी में कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम के प्रमुख डॉक्टर आन्द्रे इलबावी ने बताया कि इस नए प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिये इस खाई को पाटने में मदद मिलेगी.
इस क्रम में, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका में बच्चों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अग्रणी केन्द्र सेंट जूड्स रिसर्च अस्पताल के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि उन 50 देशों में पहुँच बनाई जा सके जहाँ आवश्यकताएँ विशाल स्तर पर हैं.
Global Platform for Access to Childhood Cancer Medicines नामक पहल के ज़रिये अगले पाँच से सात वर्षों में कैंसर बीमारी से पीड़ित एक लाख 20 हज़ार बच्चों के उपचार के लिए दवाएँ मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है, भले ही वे कहीं भी रहते हों, या उनकी ख़र्च करने की क्षमता ना हो.
वित्तीय समर्थन
सेंट जूड्स रिसर्च अस्पताल ने इस प्लैटफ़ॉर्म के लिए 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, जोकि विश्व भर में बच्चों में कैंसर मामलों के उपचार के लिए अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय संकल्प है.
इस पहल में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और अमेरिकी क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य संगठन (PAHO) के अनुभवों को साथ लेकर चला जाएगा, जोकि ऐसी दवाओं की ख़रीद व वितरण की ज़िम्मेदारी सम्भालते हैं.
यह प्लैटफ़ॉर्म, दान राशि देने के इरादे से स्थापित कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इसमें सरकारों, औषधि निर्माण सैक्टर, ग़ैर-सरकारी संगठनों और अस्पताल समेत अन्य स्थानीय हितधारकों को साथ लेकर आगे बढ़ा जाएगा.
फ़िलहाल यह पहल उज़्बेकिस्तान और मंगोलिया में शुरू की गई है, मगर जल्द ही इसे जॉर्डन, नेपाल, ज़ाम्बिया और इक्वाडोर में शुरू किए जाने की योजना है. अगले कुछ दिनों के भीतर, पाकिस्तान, घाना, सेनेगल, श्रीलंका समेत अन्य देश भी इसमें शामिल हो सकते हैं.
The disparity in #ChildhoodCancer cure rates is staggering:
— World Health Organization (WHO) (@WHO) February 11, 2025
📈 More than 80% cure rate in high-income countries
📉 Less than 30% in most low- and middle-income countries.
To help close this gap, WHO & @StJuderesearch are delivering life-saving childhood cancer medicines through… pic.twitter.com/R5WTaAxH00
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