यूक्रेन युद्ध का महिलाओं और लड़कियों पर प्रभाव
- बेरोज़गारी और आर्थिक संकट ने महिलाओं को पीछे धकेला
- लैंगिक हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ता दबाव
- मानवीय सहायता और पुनर्बहाली में महिलाओं की भूमिका
यूएन वीमैन की पहल और समर्थन की पुकार
ओडेसा पर हमला: नागरिकों और बुनियादी ढांचे को नुकसान
यूक्रेन में तीन साल के युद्ध ने महिलाओं और लड़कियों की दशकों की प्रगति को उलट दिया है। लैंगिक हिंसा में 36% की बढ़ोतरी हुई है, और 18 लाख से अधिक महिलाएँ विस्थापित हो चुकी हैं। बेरोज़गारी बढ़ी, मानसिक स्वास्थ्य संकट गहराया और महिलाओं के अधिकारों पर चोट पहुँची। जानिए यूएन वीमैन की रिपोर्ट और युद्ध प्रभावित महिलाओं के संघर्ष की पूरी जानकारी। संयुक्त राष्ट्र समाचार की पूरी रिपोर्ट पढ़ें और जानें यूक्रेन में महिलाओं के संघर्ष की सच्चाई!  |
The impact of the Ukraine war on women and girls |
यूक्रेन: तीन साल के युद्ध ने, महिलाओं व लड़कियों की प्रगति को उलट दिया है
19 फरवरी 2025 शान्ति और सुरक्षा
महिलाओं की बेहतरी के लिए सक्रिय संयुक्त संगठन – UN Women ने कहा है कि यूक्रेन में तीन साल के युद्ध ने, महिलाओं और लड़कियों की दशकों की प्रगति को उलट दिया है, जिसके कारण, लाखों लोगों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है.
यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर हुए आक्रमण ने, देश में, 18 लाख से अधिक महिलाओं को अपने घरों से विस्थापित होने के लिए मजबूर किया है, जबकि लगभग 67 लाख महिलाएँ, मानवीय सहायता की ज़रूरतमन्द हैं.
यूएन वीमैन का कहना है कि 3 हज़ार 799 से अधिक महिलाओं और 289 लड़कियों की मौत हो गई है, अलबत्ता, वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की सम्भावना है.
देश में यूएन वीमैन की प्रतिनिधि सबाइन फ़्रीज़र गुनेस का कहना है, "पूर्ण पैमाने पर युद्ध ने यूक्रेनी महिलाओं की एक पूरी पीढ़ी को पीछे धकेल दिया है."
उन्होंने बताया, "वे लिंग आधारित हिंसा के बढ़ते जोखिम, बढ़ती बेरोज़गारी, निर्णय लेने की शक्ति में कमी, अधिक घरेलू बोझ और गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही हैं."
तनाव की चपेट में
यूएन वीमैन ने बताया है कि 2022 से लिंग आधारित हिंसा में, 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो आंशिक रूप से युद्ध से सम्बन्धित तनाव के कारण है. समानान्तर रूप से, महिलाओं और लड़कियों में अवसाद की दर और भी बदतर हो गई है.
आर्थिक मोर्चे पर, अवसर कम हो गए हैं. 2024 तक, विस्थापित महिलाओं में से आधे से भी कम के पास, आय वाला रोज़गार था, जबकि युद्ध की शुरुआत से लैंगिक वेतन में अन्तर दोगुना हो गया है.
इस बीच, भोजन पकाने से लेकर बच्चों की देखभाल तक, बिना आय वाली देखभाल की ज़िम्मेदारी का बोझ बढ़ गया है क्योंकि बच्चों की देखभाल करने वाले सेवा केन्द्र बन्द हो गए हैं और सेवाएँ कम हो गई हैं.
2024 में महिलाओं ने बच्चों की देखभाल पर औसतन 56 घंटे प्रति सप्ताह बिताए, जबकि युद्ध से पहले यह अवधि 49 घंटे थी.
मानवीय सहायता में पुनर्बहाली की अग्रणी
इन कठिनाइयों के बावजूद, यूक्रेनी महिलाएँ मानवीय सहायता कार्यों का नेतृत्व कर रही हैं और आर्थिक मज़बूती भी हासिल कर रही हैं.
महिलाओं ने सहायता कर्मी, सामुदायिक नेता और उद्यमी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं. आज, यूक्रेन में हर दो व्यवसायों में से एक व्यवसाय, एक महिला द्वारा स्थापित किया गया है.
महिलाएँ, सुरक्षा, परिवहन और खनन जैसे, पारम्परिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रही हैं.
सबाइन फ़्रीज़र गुनेस का कहना है, "यूक्रेनी महिलाओं के नेतृत्व वाले संगठनों और कार्यक्रमों के लिए दानदाताओं का समर्थन महत्वपूर्ण है, ताकि वे लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकारों और नेतृत्व को बढ़ावा देना जारी रख सकें."
उन्होंने कहा, "यूक्रेन को लैंगिक समानता और लैंगिक-उत्तरदाई समाज के रूप में, पुनर्बहाली करने के लिए महिलाओं की पूर्ण भागेदारी आवश्यक होगी."
कार्रवाई के लिए समर्थन व पुकार
यूएन वीमैन ने, अकेले 2024 में, युद्ध से प्रभावित 1 लाख 80 हज़ार से अधिक महिलाओं और लड़कियों का, महिला शान्ति और मानवीय कोष के तहत पहल के माध्यम से, समर्थन किया.
एजेंसी महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को मज़बूत करने के लिए जीवन रक्षक मानवीय सहायता, मनोवैज्ञानिक और क़ानूनी सहायता, सुरक्षा सेवाएँ और कार्यक्रम मुहैया कराती है.
यूएन वीमैन संगठन, यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि महिलाओं को निर्णय लेने और पुनर्बहाली प्रयासों में शामिल किया जाए, समान अधिकार और प्रतिनिधित्व सुरक्षित करने के लिए, क़ानूनी सुधारों की हिमायत की जाए.
ओडेसा पर रात के दौरान हमला
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र सहायता समन्वय कार्यालय - OCHA ने बताया कि बुधवार सुबह के समय, ओडेसा शहर पर हुए हमले में एक बच्चे सहित कई नागरिक घायल हो गए.
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि हमले के कारण एक बड़ा आवासीय क्षेत्र बिजली और हीटिंग के बिना रह गया, जिससे सर्दियों के इस मौसम में, कम से कम 1 लाख 60 हज़ार लोग प्रभावित हुए.
यूएन मुख्यालय में प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने, नियमित प्रैस वार्ता बताया, "कई आवासीय इमारतों को नुक़सान पहुँचा, साथ ही बच्चों के अस्पताल और एक किंडरगार्टन शिक्षा केन्द्र को भी नुक़सान पहुँचा. हमारी ओर से, हम आपातकालीन आश्रय सामग्री, गर्म भोजन, मनोवैज्ञानिक सहायता, क़ानूनी सहायता और बाल संरक्षण सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं."
प्रवक्ता ने बताया कि चिकित्सा दल, त्वरित स्वास्थ्य जाँच कर रहे हैं और दवाइयाँ वितरित कर रहे हैं, जबकि स्कूलों को तब तक बन्द रखने की घोषणा की गई है, जब तक कि बिजली और हीटिंग बहाल नहीं हो जाती.
यूक्रेन के दक्षिणी शहर ख़ेरसॉन में सहायता कर्मी, 17 फ़रवरी को हुए हमले के बाद के हालात में मानवीय सहायता मुहैया कराना जारी रखे हुए हैं. उस हमले में एक महत्वपूर्ण ऊर्जा केन्द्र को भी नुक़सान पहुँचा है.
क़रीब ढाई हज़ार लोग, बिजली, हीटिंग और पानी के बिना रह गए.
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