DRC: हिंसा, विस्थापन और खाद्य असुरक्षा के बीच बीमारियों के फैलने की आशंका | Growing health risks and violent conflict in eastern DRC
पूर्वी DRC में बढ़ते स्वास्थ्य जोखिम और हिंसक संघर्ष
गोमा और बुकावू में बिगड़ते हालात
- पानी की कमी और स्वास्थ्य संकट
- विस्थापन और खाद्य असुरक्षा
नई दिल्ली, 4 फरवरी 2025. काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के पूर्वी हिस्से में सरकारी सुरक्षा बलों और विद्रोही गुटों के बीच जारी हिंसा से मानवीय संकट गहराता जा रहा है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने बीमारियों के फैलने की आशंका जताई है, जो बारिश के मौसम के कारण और भी बढ़ सकती है। पूर्वी डीआरसी में सरकारी सुरक्षा बलों और रवांडा समर्थित विद्रोही गुट एम23 के बीच संघर्ष तेज हो गया है। गोमा की सड़कों पर मृतकों के शव बिखरे पड़े हैं, जिससे स्वास्थ्य संकट और गंभीर हो गया है। साउथ कीवू की राजधानी बुकावू की ओर एम23 विद्रोहियों की बढ़ती गतिविधि को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। डीआरसी में पहले से ही हर चार में से एक व्यक्ति को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है। DRC के पूर्वी हिस्से में बढ़ते हिंसा, विस्थापन और बीमारियों के खतरे के बीच संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानें, कैसे खाद्य असुरक्षा और मानवीय संकट से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
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UN News काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में हिंसा से बचकर आने वाले लोगों ने गोमा के एक शिविर में शरण ली है |
DRC: हिंसा, विस्थापन, खाद्य असुरक्षा के बीच, बीमारियाँ फैलने की आशंका
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के पूर्वी हिस्से में हिंसक टकराव के बीच, बढ़ते स्वास्थ्य जोखिमों पर चिन्ता जताई है, जोकि बारिश के मौसम में बढ़ रहे हैं. सरकारी सुरक्षा बलों और विद्रोही गुटों में लड़ाई में हताहतों की संख्या बढ़ी है, जिससे स्वास्थ्य केन्द्रों पर दबाव है और लोग एमपॉक्स, मलेरिया, हैज़ा समेत अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
पूर्वी डीआरसी में सरकारी सुरक्षा बलों और रवांडा समर्थित हथियारबन्द गुट एम23 के बीच लड़ाई हो रही है, और विद्रोही गुट ने नॉर्थ कीवू प्रान्त की राजधानी गोमा पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के बाद अब साउथ कीवू राज्य के बुकावू शहर का रुख़ किया है.
बिगड़ते सुरक्षा हालात के बीच, एमपॉक्स का इलाज करवा रहे मरीज़ों को उपचार केन्द्रों से जान बचाने के लिए भागना पड़ा है, जिससे संक्रमण के फैलाव का ख़तरा है. बताया गया है कि गोमा की सड़कों पर हिंसा में मारे गए लोगों के शव बिखरे हुए हैं. मुर्दाघरों, अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर भीषण दबाव है और घायलों का तांता लगा हुआ है.
सहायता एजेंसियाँ अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, क्लोरीन युक्त जल मुहैया कराने की कोशिशों में जुटी हैं. इसके बावजूद, गोमा में पीने के पानी की कमी है, जिस वजह से स्थानीय नागरिक लेक कीवू में दूषित जल को पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
गोमा में आर्थिक व अन्य गतिविधियाँ धीरे-धीरे शुरू हो रही हैं, हालांकि स्कूल और बैंक अब भी बन्द हैं. यूएन प्रवक्ता ने बताया कि बीते सप्ताहांत, दो मानवीय सहायता संगठनों और सरकारी संस्थाओं के वाहनों को क़ब्ज़े में ले लिया गया.
सहायता संगठनों के भंडारण केन्द्रों में भी लूटपाट के बाद वहाँ हुए नुक़सान का जायज़ा लिया जा रहा है, ताकि गोमा और उसके आस-पास के इलाक़े में सहायता वितरण प्रयासों को फिर से शुरू किया जा सके.
यूएन मानवतावादी कार्यालय ने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, गोमा के इर्द-गिर्द विस्थापन केन्द्रों में आवश्यकताओं का आकलन किया है.
सहायता अभियान की तैयारी
शुरुआती जानकारी के अनुसार, अनेक शिविरों में लूटपाट हुई है, और वहाँ हुई बर्बादी के बाद अब उन्हें खाली कर दिया गया है.
कुछ लोग अपने समुदायों में वापिस लौट आए हैं और अन्य कहीं और शरण तलाश रहे हैं, मगर बड़ी संख्या में लोगों के पास अब भी पर्याप्त आश्रय स्थल और बुनियादी सेवाओं की क़िल्लत है.
यूएन विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने बताया है कि खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही व्यवस्था की जा रही है, और जैसे ही सम्भव होगा, ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने का अभियान शुरू किया जाएगा.
इसके अलावा, यूएन शरणार्थी एजेंसी, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन और अन्य साझेदारों के साथ मिलकर पड़ोसी देशों में भी आपात हालात से निपटने की तैयारियों पर काम किया जा रहा है. विस्थापितों की संख्या बढ़ने की आशंका के मद्देनज़र, WFP रवांडा, युगांडा, बुरुंडी और तंज़ानिया में अपनी तैयारियों में जुटा है.
फ़िलहाल, डीआरसी में हर चार में से एक व्यक्ति को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है, जिनमें बच्चे, गर्भवती व स्तनपान करा रही महिलाएँ भी हैं. डीआरसी में सशस्त्र टकराव, खाद्य वस्तुओं की ऊँची क़ीमतें, देश में बढ़ती खाद्य असुरक्षा की एक बड़ी वजह है.
बुकावू में चिन्ताजनक हालात
इस बीच, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में यूएन मिशन (MONUSCO) ने एम23 हथियारबन्द गुट के साउथ कीवू की राजधानी बुकावू की ओर बढ़ने पर चिन्ता जताई है.
फ़िलहाल, साउथ कीवू में, मिनोवा के बाहरी इलाक़े में लड़ाई जा रही है और डीआरसी के सुरक्षा बल, बूकावू से 85 किलोमीटर दूर न्याबिबवे में अपने मोर्चों को मज़बूती देने में जुटे हैं.
ग़ौरतलब है कि पिछले वर्ष जून महीने के बाद से ही, MONUSCO की साउथ कीवू में उपस्थिति नहीं है. डीआरसी सरकार के साथ हुई सहमति के बाद ही यूएन शान्तिरक्षक इस क्षेत्र से हट गए थे.
यूएन प्रवक्ता ने बताया कि एम23 गुट, फ़िलहाल राजधानी गोमा में नियमित ग़श्त और घरों की तलाशी के ज़रिये अपनी मौजूदगी को पुख़्ता बनाने में जुटा है.
आम लोगों के घरों में लूटपाट और क़ब्ज़ा कर लिए जाने की भी घटनाएँ हुई हैं और वाहनों को ज़ब्त किया गया है, जिनमें से कुछ मानवतावादी संगठनों के भी वाहन हैं. यह अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून का उल्लंघन है.
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