पश्चिमी तट पर हिंसा में 13 बच्चों की मौत: यूनीसेफ़ की चिंता, राजनैतिक समाधान की अपील | UNICEF has called for an immediate halt to armed activities in the region
पश्चिमी तट पर बढ़ती हिंसा में बच्चों की हताहत संख्या में उछाल
- यूनीसेफ़ ने क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हथियारबंद गतिविधियाँ बंद करने का आह्वान किया
- 2025 में अब तक 13 बच्चों की मौत, हिंसा का बढ़ता खतरा
- शरणार्थी शिविरों और स्कूलों में बुरी स्थिति, बच्चों के लिए मानसिक सहायता की आवश्यकता
यूनीसेफ़ का अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्थिर राजनैतिक समाधान की अपील
UNICEF has raised concerns about the increasing violence in the Israeli-occupied West Bank, which has resulted in the deaths of 13 Palestinian children since the beginning of 2025.
The organization has called for an immediate halt to armed activities in the region.
Recent incidents include the death of a 10-year-old Palestinian boy and a pregnant woman, highlighting the escalating violence and its impact on families.
UNICEF reports a sharp rise in child deaths, indicating a troubling trend in the region.
यूनीसेफ़ ने 2025 की शुरुआत से पश्चिमी तट में बढ़ती हिंसा के कारण बच्चों की हताहत संख्या में भारी वृद्धि पर चिंता जताई है। इसराइली सेना के अभियान के बाद, पश्चिमी तट में अब तक 13 बच्चों की मौत हो चुकी है। बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए यूनीसेफ़ ने क़ाबिज़ क्षेत्रों में हिंसा को तुरंत रोकने की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार, शरणार्थी शिविरों में स्थिति और भी बदतर हो गई है और बच्चों को शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता है। यूनीसेफ़ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्थिर और शान्तिपूर्ण समाधान की अपील की है। पढ़ें संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह खबर
पश्चिमी तट में, साल के शुरू से अब तक 13 बच्चों की मौत: यूनीसेफ़
12 फरवरी 2025 शान्ति और सुरक्षा
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष - UNICEF ने, इसराइल द्वारा क़ाबिज़ पश्चिमी तट में लगातार बढ़ती हिंसा के बीच, बच्चों की दशा पर चिन्ता व्यक्त की है, जिसमें प्रभावित क्षेत्र में हताहत बच्चों की संख्या और विस्थापन में इज़ाफ़ा हुआ है.
यूनीसेफ़ के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका के लिए, क्षेत्रीय निदेशक एडुअर्ड बीगबेडेर के एक वक्तव्य के मुताबिक़, एजेंसी ने "क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हथियारबन्द गतिविधि को तुरन्त बन्द करने" का आहवान किया है.
गत शुक्रवार को गोली लगने से एक 10 वर्षीय फ़लस्तीनी लड़के की मौत हो गई और दो दिन बाद, नूर शम्स शिविर में कथित तौर पर आठ महीने की गर्भवती महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसमें उस महिला के अजन्मे बच्चे की भी मौत हो गई.
हाल के सप्ताहों में तेज़ी पकड़ी हिंसा ने, बहुत से परिवारों को भारी पीड़ा में और समुदायों को भारी दबाव में धकेल दिया है.
बाल मौतों में तेज़ उछाल
यूनीसेफ़ के अनुसार, वर्ष 2025 के शुरू से पश्चिमी तट में 13 फ़लस्तीनी बच्चों की मौत हुई है. मृतकों में एक दो वर्ष का बच्चा भी है जिसकी गर्भवती माँ घायल भी हो गई.
इनमें से सात बच्चों की मौतें, 19 जनवरी को बड़े पैमाने पर शुरू हुए इसराइली सेना के अभियान के बाद हुई है. हिंसा में मौत के शिकार हो रहे बच्चों की बढ़ती संख्या एक चिन्ताजनक रुख़ की तरफ़ इशारा करती है.
एडुअर्ड बीगबेडेर ने बताया, "पिछले 16 महीनों के दौरान, उनसे पिछले 16 महीनों की तुलना में, इस क्षेत्र में मारे गए फ़लस्तीनी बच्चों की संख्या में 200 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.”
7 अक्टूबर 2023 से, पूर्वी येरूशेलम सहित पश्चिमी तट में, 195 फ़लस्तीनी बच्चे और तीन इसराइली बच्चे मारे गए हैं.
शरणार्थी शिविरों में तबाही
जेनिन, तुलकरम और टुबास प्रशासनिक इलाक़ों में मानवीय स्थिति और भी बदतर हो गई है. यहाँ इसराइल के हवाई हमलों, विध्वंस और विस्फोटक हथियारों के इस्तेमाल की वजह से, बुनियादी ढाँचे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
लोग बिजली वा पानी जैसी बुनियादी ज़रूरतें पूरी हुए बिना ही जीवन जीन को मज़बूर हैं. इन इलाक़ों में चल रहे सैन्य अभियानों की वजह से हज़ारों परिवारों को विस्थापन करना पड़ा.
सैकड़ों स्कूल प्रभावित
हिंसा के बीच बच्चों की शिक्षा में रुकावट आई है. क़रीब 100 स्कूल प्रभावित होने के कारण बच्चों और शिक्षकों का स्कूल आना जोखिम से भरा है.
हिंसा, विस्थापन और अपने निकट सम्बन्धियों को खोने की वजह से बहुत से बच्चों को तुरन्त मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक मदद की ज़रूरत हो रही है.
यूनीसेफ़ ने इन बढ़ती ज़रूरतों के मद्देनज़र अधिक संसाधनों की माँग की है.
एडुअर्ड बीगबेडेर ने कहा, “यूनीसेफ़ बच्चों के ख़िलाफ़ हिंसा के सभी कृत्यों की निन्दा करता है.”
“बिना किसी अपवाद के, हर बच्चे सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी होगी.”
यूनीसेफ़ ने क्षेत्र के सभी बच्चों के लिए शान्तिपूर्ण और स्थिर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थित तुरन्त एक स्थाई राजनैतिक समाधान की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया है.
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