वैश्विक शिक्षा: मानवता और एआई के बीच संतुलन बनाना आवश्यक | International Day of Education 2025

अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस: शिक्षा का मानवाधिकार के रूप में महत्व

एआई और शिक्षा: संभावनाएँ, जोखिम, और नैतिकता

  • मानव-केंद्रित एआई के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता
  • शिक्षा में डिजिटल विभाजन: एआई के उपयोग की चुनौतियाँ
  • सुरक्षित और समावेशी शिक्षा की आवश्यकता
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव (The Secretary-General Message for the International Day of Education 2025) ने शिक्षा को मानवाधिकार बताते हुए मानवता-केंद्रित एआई की महत्ता पर जोर दिया। एआई शिक्षा में संभावनाएँ बढ़ा रहा है, लेकिन नैतिक उपयोग और डिजिटल विभाजन बड़ी चुनौतियाँ हैं। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानें, यूनेस्को की पहलें और शिक्षा में एआई के सुरक्षित उपयोग के लिए किए गए वैश्विक प्रयास।
It is necessary to connect global education with humanity-centric AI
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वैश्विक शिक्षा को मानवता पर केन्द्रित एआई से जोड़ना आवश्यक

24 जनवरी 2025 मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने, अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर, शिक्षा प्राप्ति को एक मूल मानावाधिकार बताते हुए कहा है कि यह किसी भी व्यक्ति या समाज की मज़बूत बुनियाद के लिए बेहद आवश्यक है.

महासचिव ने कहा, “शिक्षा एक ऐसी निर्माण सामग्री है, जो हर एक व्यक्ति को अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुँचने व समाजों एवं अर्थव्यवस्थाओं के आगे बढ़ने व पनपने के लिए बेहद आवश्यक है.

एआई की सम्भावनाएँ व जोखिम

यूएन महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि एआई व अन्य तकनीकी नवाचार, जानकारी तथा सीखने के आधुनिक उपकरणों तक विस्तृत पहुँच प्रदान करके, छात्रों एवं अध्यापकों के लिए मददगार साबित हो सकते हैं.

लेकिन, उन्होंने आगाह किया, “इन अनगिनत लाभों के साथ-साथ, एआई से कुछ भयानक ख़तरे भी हैं.

एआई से संचालित प्रणालियाँ अधिक शक्तिशाली होंने के साथ ही, मानव ने जिस लाभ के इरादे से उसे बनाया है, यह मशीन उससे अलग तालमेल बैठाते हुए, हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकती है.

इस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र की शिक्षा और संस्कृति एजेंसी, यूनेस्को ने, अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस को एआई से जुड़े अवसरों एवं चुनौतियों के लिए समर्पित किया है.

UNESCO की महानिदेशक ऑड्रे अज़ूले ने इसके ज़िम्मेदार उपयोग के लिए, शिक्षकों और छात्रों के प्रशिक्षण में अधिक निवेश का आहवान किया.

ऑड्रे अज़ूले ने कहा, “एआई अनगिनत अवसर प्रदान करता है, बशर्ते इसे स्कूलों में स्पष्ट नैतिक सिद्धान्तों के तहत स्थापित किया जाए. इसकी पूरी क्षमता का लाभ उठाने के लिए, इस तकनीक का सीखने के मानवीय व सामाजिक आयामों से तालमेल बना रहना ज़रूरी है, उसकी जगह लेने के लिए नहीं."

मानवाधिकारों पर आधारित एआई

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि इस वर्ष यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि एआई की क्षमता का लाभ उठाना, “तेज़ी से बदलती इस प्रौद्योगिकी के केन्द्र में मूल मानवीयता व मानवाधिकारों को रखने पर निर्भर करता है.”

उन्होंने कहा कि यह गारंटी ज़रूरी है कि सभी उपयोगकर्ताओं के पास इस “तकनीक को कुशल, सुरक्षित और नैतिक तरीक़े से इस्तेमाल करने के लिए उचित उपकरण व ज्ञान उपलब्ध हों.”

शिक्षार्थियों एवं शिक्षकों को सीखने में एआई को शामिल करने के लिए यूनेस्को की योग्यता रूपरेखा, और हाल ही में अपनाए गए ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट के ज़रिए यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि एआई के विकास व शासन पर मानवता का नियंत्रण बना रहे.

महासचिव गुटेरेस ने "हर स्थान पर, शिक्षा प्रणालियों को मानवता पर केन्द्रित रखने" की प्रतिबद्धता जताने का आहवान किया.

एआई पर विभाजन

जैसे-जैसे एआई शिक्षा से जुड़ती जा रही है, विभिन्न देश उसके उपयोग को लेकर विभाजित हैं.

यूनेस्को के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, उच्च-आय वाले देशों में माध्यमिक विद्यालयों के एक तिहाई से अधिक छात्र, अपने स्कूल कार्यों के लिए पहले से ही जैनेरेटिव एआई उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हालाँकि, एक बड़ी चुनौती यह है कि शिक्षा से जुड़े पेशेवरों के पास इसे लेकर कोई स्पष्ट मार्गदर्शन मौजूद नहीं है.

मई 2023 में 450 शैक्षणिक संस्थानों में किए गए एक यूनेस्को सर्वेक्षण से मालूम हुआ कि केवल 10 प्रतिशत स्कूलों और विश्वविद्यालयों के पास एआई के उपयोग के लिए आधिकारिक ढाँचा मौजूद है.

साथ ही, अनगिनत देश कक्षा में नई तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा रहे हैं.

यूनेस्को के नए डेटा से संकेत मिलता है कि लगभग 40 प्रतिशत देशों ने स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबन्ध लगाने वाले क़ानून या नीतियाँ लागू की हैं, जो जुलाई 2023 की 24 प्रतिशत के मुक़ाबले उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है.

अधिक जानकारी के लिए, शिक्षा के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष रैपोर्टेयर, फ़रीदा शहीद के साथ यूएन न्यूज़ की बातचीत सुनें. उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में, स्कूलों में एआई की भूमिका और चुनौतियों पर चर्चा की थी.

शिक्षा तक पहुँच

यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस हमें याद दिलाता है कि उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुँच एक मानवाधिकार है, जिससे न केवल व्यक्तियों को असीम लाभ पहुँचता है बल्कि पूरे समुदाय का उत्थान होता है. फिर भी, लिंग, स्थान, सामाजिक पृष्ठभूमि या संघर्ष जैसे विभिन्न कारणों से लाखों बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं.

दशकों की शैक्षणिक प्रगति व अन्तरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के बावजूद, यूनेस्को के नवीनतम आँकड़ों से स्पष्ट होता है कि दुनिया भर में 25 करोड़ बच्चे व युवा, स्कूली शिक्षा से वंचित हैं.

सुरक्षित व समावेशी

यूनेस्को ने, हाल के एक अध्ययन में बताया कि लगभग तीन में से एक शिक्षार्थी पर स्कूली शिक्षा के एक साल के दौरान, कम से कम एक बार शारीरिक हमला हुआ है और दस में से एक को साइबर-बुलिंग से गुज़रना पड़ा है.

दुनिया भर में स्कूलों के भीतर व बाहर इतने अधिक बच्चों हिंसा का अनुभव कर रहे हैं कि इसके परिणाम बेहद घातक हो सकते हैं. इससे ख़ासतौर पर छात्रों के कल्याण, शिक्षा परिणामों व जीवन की गुणवत्ता पर गम्भीर असर पड़ सकता है.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।