सूडान में अस्पताल पर हमला: बच्चे हताहत, अमेरिका ने पेरिस समझौते से पीछे हटने की तारीख तय की | Hospital attacked in Sudan

संक्षिप्त समाचार : सूडान में अस्पताल पर हमले से मासूमों की मौत, UNICEF ने जताई कड़ी आपत्ति


सूडान के अल फ़शर शहर में अस्पताल पर हमले में चार बच्चों की मौत हो गई, जिससे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में आक्रोश है। UNICEF ने इसे बाल अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया।
Innocents killed in attack on hospital in Sudan, UNICEF strongly objected
Innocents killed in attack on hospital in Sudan, UNICEF strongly objected



नई दिल्ली, 29 जनवरी 2025 सूडान के अल फ़शर शहर में परस्पर विरोधी सैन्य बलों के बीच जारी हिंसक टकराव के दौरान सउदी अस्पताल पर हुए एक हमले में कम से चार बच्चे मारे गए हैं और तीन अन्य घायल हुए हैं.

बताया गया है कि इस हमले में हताहत होने वाले बच्चों का अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में उपचार हो रहा था. इस इलाक़े में बमबारी में घायल होने के बाद उन्हें वहाँ भर्ती कराया गया था.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने कहा कि यह जघन्य हमला, बाल अधिकारों का खुला उल्लंघन है. “बच्चे ऐसे स्थलों पर मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं, जहाँ उनकी किसी भी प्रकार से नुक़सान से रक्षा की जानी चाहिए.”

यूनीसेफ़ की शीर्ष अधिकारी के अनुसार, “इन हमलों से बच्चों व उनके परिवारों के लिए हालात और गम्भीर होते हैं, जबकि वे पहले से ही संघर्ष, असुरक्षा और संरक्षण व्यवस्था ना होने से प्रभावित हैं.”

सूडान में सशस्त्र सेना और अर्द्धसैनिक बल (RSF) के बीच पिछले डेढ़ वर्षों से अधिक समय से भीषण लड़ाई हो रही है, जिससे एक गहरा मानवीय संकट उपजा है. देश के 70 फ़ीसदी अस्पतालों के क्षतिग्रस्त होने, उन्हें नुक़सान पहुँचने, ज़रूरी सामान की क़िल्लत होने समेत अन्य कारणों से वहाँ कामकाज ठप है.

हिंसा प्रभावित इलाक़ों में सुरक्षा चिन्ताओं की वजह से मेडिकल सामान की आपूर्ति, वैक्सीन, और टीकाकरण प्रयासों में अवरोध पैदा हुआ है, और बच्चों समेत अनगिनत ज़िन्दगियों पर जोखिम मंडरा रहा है.

यूनीसेफ़ प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर हमले जारी रहने से बच्चों के जीवन पर ख़तरा है और उन्हें जीवनरक्षक मेडिकल देखभाल मुहैया कराने में मुश्किलें पेश आती हैं. इससे उनके स्वास्थ्य पर तात्कालिक व दीर्घकालिक असर हो सकता है.

यूएन एजेंसी के अनुसार, यह सभी युद्धरत पक्षों का दायित्व है कि आम नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित की जाए और ऐसे किसी भी क़दम से बचा जाए, जिससे ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक मेडिकल सेवा पहुँचाने में अवरोध पैदा होता हो.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।