‘New Quest Unlocked’: ‘गेमिंग में अतिवाद का मुक़ाबला किया जाना ज़रूरी’
गेमिंग में अतिवाद का ख़तरा: सुरक्षा और समाधान पर यूएन का फोकस
गेमिंग उद्योग की बढ़ती चुनौतियाँ और अवसर
- चरमपंथियों द्वारा गेमिंग मंचों का दुरुपयोग
- अफ्रीका के गेमिंग बाज़ार का उभरता हुआ प्रभाव
- AI और गेमिंग इंटेलिजेंस से डिजिटल सुरक्षा का भविष्य
- साझा वैश्विक मानकों की आवश्यकता
गेमिंग उद्योग 2023 में $196 अरब के आंकड़े तक पहुंचा, लेकिन इसके साथ चरमपंथियों का ख़तरा भी बढ़ा। यूएन विशेषज्ञों ने डिजिटल सुरक्षा और ‘New Quest Unlocked’ पहल के जरिए गेमिंग मंचों को सुरक्षित बनाने के प्रयास किए। पढ़ें संयुक्त राष्ट्र समाचार की एस संबंध में यह खबर
Threat of extremism in gaming: UN focuses on protection and solutions |
UNICRI और UNOCT का सहयोग: ‘New Quest Unlocked’ की पहल
छुट्टियों के इस मौसम में जब लाखों लोग नए गेमिंग उपकरण ख़रीद रहे हैं जिन पर बच्चे, किशोर और व्यस्क, बड़े पैमाने पर गेम खेलेंगे तो ऐसे में, यूएन विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इन डिजिटल क्रीडा-स्थलों को चरमपंथियों के शोषण से, बहुत उच्च स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराए जाने की सख़्त आवश्यकता है.
उपकरणों पर गेमिंग यानि क्रीड़ाओं की लत ने, मौद्रिक मूल्य की नज़र से, हॉलीवुड फ़िल्म उद्योग को भी पीछे छोड़ दिया है. यह स्तर वर्ष 2023 में $196 अरब तक पहुँच गया है.
ये डिजिटल क्रीड़ा स्थल यानि मंच, चरमपंथियों के लिए अपने समर्थन में बच्चों, किशोरों और व्यस्कों की भर्ती का आधार बन रहे हैं. इस स्थिति को देखते हुए, आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञों और गेमिंग कम्पनियों के बीच अभूतपूर्व सहयोग देखने को मिल रहा है.
इस बढ़ते ख़तरे पर चर्चा करने के लिए, यूएन न्यूज़ की सारा डेली ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक केन्द्र के उप निदेशक स्टीवन सिकुईरा और संयुक्त राष्ट्र के अपराध व न्याय व शोध संस्थान (UNICRI) के कार्यवाहक निदेशक लीफ़ विलडसेन के साथ ख़ास बातचीत की. आतंकवाद निरोधक केन्द्र यूएन आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) का एक हिस्सा है.
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने, दिसम्बर के शुरू में आयोजित New Quest Unlocked नामक विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें गेमिंग कम्पनियों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं को, गेमिंग स्थानों में हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिए एक मंच पर एकत्र किया गया.
स्टीवन सिकुईरा ने कहा, "ख़तरनाक रुझानों ने गेमिंग उद्योग और उससे मिलते-जुलते मंचों के साथ, एक सहयोगी शोध नज़रिए आवश्यकता की ज़रूरत उत्पन्न कर दी है."
उन्होंने इस बारे में जानकारी भी साझा की कि चरमपंथी समूह, किस तरह गेमिंग स्थानों और उनसे मिलते-जुलते मंचों - डिस्कॉर्ड और टेलीग्राम को तेज़ी से निशाना बना रहे हैं.
इस इंटरव्यू को स्पष्टता के लिए सम्पादित किया गया है...
यूएन न्यूज़: आपके संयुक्त कार्यक्रम, New Quest Unlocked ने UNICRI और UNOCT के साथ-साथ गेमिंग कम्पनियों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाया. इस सहयोग को कहाँ से प्रेरणा मिली?
स्टीवन सिकुईरा: पिछले साल यानि 2023 में, गेमिंग उद्योग और आस-पास के मंचों का मौद्रिक मूल्य $196 अरब था. तुलना करें तो हॉलीवुड फ़िल्म उद्योग लगभग 40 अरब डॉलर का था, इसलिए गेमिंग उद्योग, फ़िल्म उद्योग के आकार से पाँच गुना अधिक है.
युवा लोगों तक इन मंचों के माध्यम से आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी समूह पहुँच बना रहे हैं, और डिस्कॉर्ड, टेलीग्राम और व टिकटॉक पर प्रचार वीडियो तेज़ी से दिखाई दे रहे हैं.
इस ख़तरनाक प्रवृत्ति ने गेमिंग उद्योग, सम्बन्धित मंचों और निश्चित रूप से, हमारे सदस्यों और सदस्य देशों की सरकारों के साथ मिलकर शोध करने और काम करने की आवश्यकता को जन्म दिया है.
यूएन न्यूज़: हाल की ख़ुफ़िया रिपोर्ट बताती हैं कि ख़तरे का स्तर पहले से समझे गए स्तर से अधिक है. आप वास्तव में क्या देख रहे हैं?
स्टीवन सिकुईरा: वैसे तो दुनिया भर में, सामाजिक सम्पर्क के मामले में गेमिंग के अनेक सकारात्मक पहलू हैं - मगर इस बात का जोखिम भी बढ़ रहा है कि आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी समूह, अपने सन्देश फैलाने के लिए इन मंचों और गेमिंग से जुड़े मंचों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
नतीजे चौंकाने वाले हैं: केवल ऑस्ट्रेलिया में ही, आतंकवाद-रोधी मामलों में से लगभग पाँच में से एक मामला अब युवा लोगों से जुड़ा है, और हर जाँचे गए मामले में गेमिंग मंच की भूमिका है.
यूएन न्यूज़: ये निष्कर्ष गेमिंग मंचों के बारे में आम धारणाओं को चुनौती देते हैं. ये हालात कैसे बने हैं?
स्टीवन सिकवीरा: गेमिंग उद्योग केवल युवा लोगों के लिए ही खुला नहीं है. गेम खेलने वालों की औसत आयु बढ़ती जा रही है और यह पिछले वर्षों की तुलना में अब में लड़के और लड़कियाँ और महिलाएँ और पुरुष लगभग समान रूप से सक्रिय हैं.
यूएन न्यूज़: आपका शोध विशेष रूप से अफ़्रीका के गेमिंग बाज़ार पर केन्द्रित है. भविष्य की चुनौतियों को समझने में यह क्षेत्र इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
लीफ़ विलडसेन: अफ़्रीका वास्तव में मोबाइल गेम के लिए सबसे तेज़ी से बढ़ते बाज़ारों में से एक बन गया है. 11 प्रतिशत की अभूतपूर्व साल-दर-साल वृद्धि दर के साथ, यह महाद्वीप एक असाधारण अवसर और सम्भावित कमज़ोरी दोनों का प्रतिनिधित्व करता है.
हमारा लक्ष्य उद्योग, समुदाय, इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति और पूरे महाद्वीप में इस ख़तरे की, हमारी अपनी समझ में मौजूद कमियों और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझना है.
यूएन न्यूज़: आप वैश्विक रोकथाम रणनीतियों के हिस्से के रूप में 'गेमिंग इंटेलिजेंस' नामक कुछ विकसित कर रहे हैं. यह डिजिटल सुरक्षा को कैसे बदलेगा?
लीफ़ विलडसेन: गेमिंग इंटेलिजेंस का ध्यान गेम, चैट और सोशल मीडिया जैसे ओपन-सोर्स प्लेटफ़ॉर्म से चरमपंथी सामग्री और भर्ती गतिविधियों पर नज़र रखने पर केंद्रित है. यह ख़ुफ़िया जानकारी प्रारम्भिक चेतावनी प्रणालियों को सूचित करेगी, जिससे शुरुआती चरण में कट्टरपंथ का पता लगाने और उसे रोकने में मदद मिलेगी.
यूएन न्यूज़: इन वैश्विक रोकथाम उपायों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कृत्रिम बुद्धिमत्ता कितनी महत्वपूर्ण है?
लीफ़ विलडसेन: हम पारिस्थितिकी तंत्र के आकार को देखते हुए, एआई-आधारित उपकरणों के साथ उन्नत सामग्री को मानकों के दायरे में सम्पादित और संशोधित करने वाले उपकरण विकसित और प्रयोग करना चाहते हैं.
यह महत्वपूर्ण है कि हम गेमिंग समुदाय, निजी क्षेत्र की कम्पनियों और ख़ुद गेम खेलने वालों के साथ मिलकर काम करें, ताकि समुदाय में लोगों को शिक्षित किया जा सके और उनमें सहनक्षमता उत्पन्न की जा सके.
यूएन न्यूज़: अब जब हम नए वर्ष 2025 में दाख़िल हो रहे हैं, तो ऐसे कौन से ठोस परिणाम हैं, जो गेमिंग स्पेस को सुरक्षित बनाएंगे?
लीफ़ विलडसेन: साझा वैश्विक मानक बनाकर और सरकारों, तकनीकी कम्पनियों और नागरिक समाज के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करके, हम इन ख़तरों से अधिक समन्वयपूर्ण तरीके से निपटने के लिए एक रूपरेखा प्रदान कर सकते हैं.
स्टीवन सिकुईरा: ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट, डिजिटल युग की इन दोहरी वास्तविकताओं को पहचानता है और यह सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत वैश्विक प्रतिबद्धता का आहवान करता है कि डिजिटल स्थान सुरक्षित, समावेशी और मानवाधिकार सिद्धान्तों के अनुरूप हों.
अन्ततः, गेमिंग प्रणाली में ऐसे सही कर्ताओं की तलाश करना जिनकी आवाज़ में दम है, लेकिन जो यह समझने के लिए भी खुले हैं कि ख़तरा क्या है और ख़तरे को कहाँ व कैसे कम करना है. इससे वास्तव में हमें गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने और हिंसक उग्रवाद के प्रति अधिक मज़बूत बनाने में मदद मिल सकती है.
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