केवल 3 प्रतिशत यूएन खाद्य सहायता ग़ाज़ा पहुँची: घेराबंदी में फंसी इंसानियत | Humanity trapped in the siege of Gaza
यूएन एजेंसी का खुलासा: ग़ाज़ा में मदद की किल्लत
101 अनुरोध, केवल 3 मंज़ूर: WFP की संघर्षपूर्ण स्थिति
- ग़ाज़ा में अकाल और मानव संकट का बढ़ता खतरा
- सशस्त्र गिरोहों और लूटपाट से बढ़ी चिंताएँ
- मानवीय मदद के लिए सबसे खतरनाक जगह बना ग़ाज़ा
ग़ाज़ा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है। केवल 3% खाद्य सहायता ही ग़ाज़ा पहुँच पाई है। इसराइली घेराबंदी और लगातार हमलों ने 15,000 लोगों को जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित कर दिया है। यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट और तस्वीरें इन कठिनाइयों की भयावह तस्वीर पेश करती हैं। पढ़ें संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह रिपोर्ट
Humanity trapped in the siege of Gaza |
केवल 3% यूएन खाद्य सहायता ही पहुँच पा रही है ग़ाज़ा के लोगों तक
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने कहा है कि इसराइली सेनाओं ने जब से, गत अक्टूबर में ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में, ज़मीनी हमला शुरू किया था, तब से विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा खाद्य सामग्री और जल आपूर्ति का केवल तीन प्रतिशत हिस्सा ही, उत्तर ग़ाज़ा में में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है.
यूएन खाद्य सहायता एजेंसी के अनुसार, दिसम्बर के अन्त में, संयुक्त राष्ट्र का नौ ट्रकों का संयुक्त क़ाफ़िला, उत्तरी ग़ाज़ा के बेत हनून इलाक़े में लोगों तक पहुँच सका है. उस इलाक़े के लोग, पिछले 75 दिनों से सहायता से वंचित थे.
संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों द्वारा ली गई तस्वीरों में हताश ग़ाज़ा वासियों को बोतलबन्द पानी, आटा और डिब्बाबन्द भोजन हासिल करने के लिए अपने आश्रयों से बदहवास हालत में, बाहर निकलते हुए दिखाया गया है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने 6 अक्टूबर को इसराइली हमला शुरू होने के बाद से, ग़ाज़ा के उत्तरी गवर्नरेट के क्षेत्रों में भोजन पहुँचाने के लिए, इसराइली अधिकारियों को 101 अनुरोध भेजे हैं: उनमें से केवल तीन अनुरोधों को मंज़ूरी दी गई है, जिसमें 20 दिसम्बर का क़ाफ़िला भी शामिल है.
‘अकाल का ख़तरा बढ़ रहा है’
संयुक्त राष्ट्र आपदा राहत समन्वयक टॉम फ़्लैचर ने सोमवार को आगाह किया है कि उत्तरी क्षेत्र की “लगभग पूरी तरह से (इसराइली) घेराबन्दी से अकाल का ख़तरा बढ़ रहा है”.
जबकि अत्यधिक भीड़भाड़ वाले दक्षिणी ग़ाज़ा में सर्दियाँ शुरू होने के बीच, हालात “भयावह जीवन स्थितियों और यहाँ तक कि अधिक मानवीय ज़रूरतों” को जन्म दे रहे हैं.
टॉम फ़्लैचर ने पिछले सप्ताह कई मध्य पूर्वी देशों में संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों, भागीदारों और समुदायों के साथ मुलाक़ातें की हैं.
उन्होंने ग़ाज़ा में, मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए दुनिया का सबसे ख़तरनाक स्थान बताया.
ग़ौरतलब है कि पिछले एक वर्ष के दौरान, ग़ाज़ा ऐसा स्थान रहा है जहाँ, रिकॉर्ड पर किसी भी वर्ष की तुलना में सबसे अधिक मानवतावादी मारे गए हैं.
क़ानून और व्यवस्था के बिखरने और सशस्त्र गिरोहों द्वारा संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता सामग्री की लूटपाट अतिरिक्त चिन्ता को जन्म दे रही है.
उत्तरी ग़ाज़ा में इसराइली सेना के हमले जारी हैं. इसराइली घेराबन्दी ने, खाद्य सहायता की आपूर्ति को गम्भीर रूप से सीमित करने के साथ-साथ, 15 हज़ार लोगों को भोजन, पानी, बिजली व स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच से वंचित कर दिया है.
ग़ाज़ा पट्टी में बड़े पैमाने पर लोगों के मारे जाने और घायल होने की घटनाएँ जारी हैं.
मीडिया ख़बरों के अनुसार, बीती रात को भी इसराइल के हवाई हमलों में कम से कम 20 लोग मारे गए, जिनमें अल-मवासी में किए गए हमले भी शामिल हैं. इस इलाक़े को मानवीय क्षेत्र घोषित किया गया है.
इसके अलावा मध्य ग़ाज़ा में अल-नुसीरात शरणार्थी शिविर पर भी इसराइली हमले किए गए हैं.
📍#Syria: Over one million people have been displaced since 27 November, adding to the already staggering 7.2 million internally displaced.
— World Food Programme (@WFP) December 23, 2024
WFP teams are on the ground ensuring that the most vulnerable people receive urgent food assistance during this critical time for Syria. pic.twitter.com/IGszmIk6jP
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