पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार | Is it appropriate to take hormonal pills in PCOS

पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार: डॉ. दीक्षा भावसार सावलिया की विशेषज्ञ सलाह


जो पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स के लिए डॉ. दीक्षा भावसार सावलिया से आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानें। इस समाचार में तिल, मेथी और फ्लैक्स बीज से हॉर्मोन को संतुलित करने के प्राकृतिक तरीके और मासिक धर्म स्वास्थ्य में सुधार के बार में जानें...
Is it appropriate to take hormonal pills in PCOS?
Is it appropriate to take hormonal pills in PCOS?



पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स के लिए आयुर्वेदिक उपाय


नई दिल्ली, 18 नवंबर 2024. क्या आप भी पीसीओएस और अनियमित पीरियड्ससे पीड़ित हैं और इसके इलाज के लिए हार्मोनल पिल्स लेने जा रही हैं ? तो ज़रा ठहरिए। दरअसल आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार सावलिया ने हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम/ Polycystic Ovary Syndrome) और अनियमित पीरियड्स के इलाज के लिए प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानकारी दी। उनका कहना है कि पीसीओएस की समस्याओं का सामना करने वाली महिलाओं को अक्सर कम मात्रा में रक्तस्राव (Scanty periods) और/या देरी से पीरियड्स (कभी 2-3-4-5-6-9 महीने में या बिना गोली के पीरियड्स न आना) की समस्या होती है।

पीसीओएस में हॉर्मोनल पिल्स लेना उचित है ?

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और गर्भनिरोधक गोली

डॉ. दीक्षा ने हॉर्मोनल पिल्स से दूर रहने की सलाह दी है, क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य को शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे वजन बढ़ना, मूड स्विंग्स, अनिद्रा और यहां तक कि डिप्रेशन जैसी समस्याएं। इसके बजाय, उनका सुझाव है कि प्राकृतिक उपायों का पालन करें, जो हॉर्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं और वजन बढ़ने, मूड स्विंग्स या नींद की समस्याओं का कारण नहीं बनते।

पीरियड्स को नियमित करने और ओवुलेशन सुधारने के लिए आयुर्वेदिक मिश्रण

डॉ. दीक्षा ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि तिल, मेथी और फ्लैक्स बीज का एक मिश्रण पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स के इलाज में बेहद प्रभावी है। यह मिश्रण ओवुलेशन को बेहतर बनाने, अंडाणु की गुणवत्ता को सुधारने, एंडोमेट्रियम की मोटाई को सामान्य करने और पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है।
1. तिल के बीज
तिल के बीज इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और इसमें जिंक की प्रचुरता होती है, जो प्रोजेस्टेरोन को बढ़ाता है। तिल गर्म प्रकृति का होता है और यह कफ को कम करता है, जो देरी से पीरियड्स का कारण बनता है, जिससे पीरियड्स का समय नियमित होता है।
2. मेथी के बीज (Fenugreek)
मेथी के बीज फाइटोएस्ट्रोजेन्स (इसोफ्लावोन) से भरपूर होते हैं, जो एस्ट्रोजन के स्तर को सुधारते हैं। यह एंडोमेट्रियम की मोटाई को बढ़ाता है, जिससे मासिक धर्म के दौरान रक्त प्रवाह बेहतर होता है। मेथी शरीर में अतिरिक्त शर्करा और इंसुलिन के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में भी मदद करती है और स्वस्थ वजन घटाने में सहायक होती है।
3. फ्लैक्स बीज
फ्लैक्स बीज एंड्रोजन स्तर, जो हिरसूटिज़म (अत्यधिक बालों का उगना) और बाल झड़ने का कारण बनते हैं, को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, फ्लैक्स बीज वजन घटाने में भी मदद करते हैं और पीरियड्स को नियमित करने में सहायक होते हैं।

आयुर्वेदिक मिश्रण का उपयोग कैसे करें और अधिकतम लाभ प्राप्त करें

डॉ. दीक्षा ने यह मिश्रण 12 हफ्तों तक रोज़ाना लेने की सलाह दी है। इसकी खुराक 1 चम्मच (3-4 ग्राम) है। इस मिश्रण को पीरियड्स के दौरान, दूसरे दिन से लेकर आखिरी दिन तक बंद किया जा सकता है और फिर पीरियड्स के समाप्त होने के बाद पुनः शुरू किया जा सकता है।

बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए, डॉ. दीक्षा का कहना है कि इस प्राकृतिक उपचार को एक स्वस्थ जीवनशैली के साथ जोड़ना चाहिए, जिसमें नियमित शारीरिक गतिविधि, अच्छी नींद, संतुलित आहार और तनाव प्रबंधन शामिल हो।

बिना साइड-इफेक्ट्स के सुरक्षित और प्रभावी परिणामों के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लें

डॉ. दीक्षा यह भी बताती हैं कि इस उपचार को शुरू करने से पहले एक अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपचार आपकी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार सही है और कोई साइड-इफेक्ट्स न हों।

पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स से जूझ रही महिलाओं के लिए, आयुर्वेदिक उपचार और आधुनिक चिकित्सा का संयोजन एक समग्र और प्राकृतिक दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है।

पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स का प्राकृतिक उपचार

डॉ. दीक्षा भावसार सावलिया का आयुर्वेदिक उपचार पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स के इलाज के लिए एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प प्रदान करता है। तिल, मेथी और फ्लैक्स बीज के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर महिलाएं अपने हॉर्मोन को संतुलित कर सकती हैं, पीरियड्स को नियमित कर सकती हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकती हैं।

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डिस्क्लेमर- यह समाचार जनहित में एक अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। यह समाचार किसी भी हाल में किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह नहीं है। स्वयं डॉक्टर न बनें, किसी भी समस्या के लिए किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।