ग़ाज़ा युद्ध: यूएन की युद्धविराम और मानवीय संकट के समाधान की पुकार| The humanitarian crisis in Gaza and its growing impact

ग़ाज़ा युद्ध: मुहन्नाद हादी की युद्धविराम की पुकार

ग़ाज़ा में मानवीय संकट और उसके बढ़ते प्रभाव

पश्चिमी तट पर हिंसा और इसराइली कार्रवाई

ग़ाज़ा में बन्धकों की रिहाई और सुरक्षा पर ज़ोर

  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय से युद्धविराम की आवश्यकता
  • ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की लूट और उसके परिणाम
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी मुहन्नाद हादी ((United Nations Special Coordinator for the Middle East Peace Process Deputy Special Coordinator, Muhannad Hadi ) ) ने ग़ाज़ा में जारी विनाशकारी युद्ध और बढ़ते मानवीय संकट के बारे में चेतावनी दी। उन्होंने तत्काल युद्धविराम और जीवन रक्षक सहायता की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की, जबकि पश्चिमी तट में हिंसा के बढ़ने पर भी चिंता जताई। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस रिपोर्ट में जानिए हादी के बयान और ग़ाज़ा संघर्ष के गंभीर परिणामों के बारे में।
There seems to be no end to the destruction and death in Gaza
There seems to be no end to the destruction and death in Gaza


‘ग़ाज़ा में विध्वंस और मौतों का कोई अन्त नज़र नहीं आ रहा’

ग़ाज़ा में विध्वंसक युद्ध जारी रहने और उसके विघटन के कगार पर पहुँचने के हालात में, संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी मुहन्नाद हादी तत्काल युद्धविराम और मानवीय संकट से निपटने के लिए कार्रवाई किए जाने का आहवान किया है.

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए उप विशेष समन्वयक मुहन्नाद हादी ने सोमवार को सुरक्षा परिषद में राजदूतों को जानकारी देते हुए, ग़ाज़ा युद्ध प्रभाव को रेखांकित किया. यह युद्ध अब दूसरे वर्ष में दाख़िल हो गया है.

मुहन्नाद हादी ने कहा, "सर्दियाँ निकट आ रही हैं मगर ग़ाज़ा में आतंक जारी है और इसका कोई अन्त भी नज़र नहीं आ रहा है."

अक्टूबर 2023 में दक्षिणी इसराइल में हमास और अन्य फ़लस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों से भड़के इस युद्ध में कथित तौर पर 44 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी और 1,700 इसराइली व विदेशी नागरिक मारे गए हैं.

ग़ाज़ा युद्ध में हज़ारों लोग घायल हुए हैं और 100 से अधिक इसराइली बन्धक अब भी अत्यन्त गम्भीर परिस्थितियों में ग़ाज़ा में हैं.

ग़ाज़ा में स्थिति अब भी अत्यन्त गम्भीर और विनाशकारी


मुहन्नाद हादी ने उत्तरी ग़ाज़ा में इसराइल बलों के अभियानों के विनाशकारी प्रभाव की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया, जिसके कारण बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ है और महिलाओं और बच्चों सहित बहुत से लोगों की मृत्यु हुई है.

जरूरतमन्द लोगों को दी जाने वाली मानवीय सहायता की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है, सशस्त्र फ़लस्तीनी समूहों ने जीवन रक्षक सहायता के संयुक्त राष्ट्र के क़ाफ़िले को लूटा है.

उन्होंने बताया कि 16 नवम्बर को खाद्य सामग्री ले जा रहे 109 ट्रकों के एक यूएन क़ाफ़िले को लूट लिया गया, जिसमें 97 ट्रक गुम हो गए.

कुछ दिनों बाद, ग़ाज़ा अधिकारियों के नेतृत्व में, लुटेरों को निशाना बनाकर एक अभियान चलाया गया जिसमें 20 से अधिक व्यक्तियों की मौत होने की ख़बरें हैं.

मुहन्नाद हादी ने कहा, "मानवीय सहायता कर्मियों और मानवीय क़ाफ़िलों पर हमले तुरन्त बन्द होने चाहिए. क़ानून और व्यवस्था बहाल होनी चाहिए, और नागरिक आबादी को महत्वपूर्ण सहायता तक सुरक्षित पहुँच होनी चाहिए."

पश्चिमी तट में हिंसा बढ़ रही है


मुहन्नाद हादी ने सुरक्षा परिषद को, इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में भी बढ़ती हिंसा के बारे में जानकारी दी.

पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान, इसराइली बलों के अभियानों में 32 फ़लस्तीनी मारे गए, और फ़लस्तीनी समुदायों पर इसराइली (यहूदी) बाशिन्दों के हमले,, ख़ासतौर पर ज़ैतून की फ़सल के दौरान बढ़ गए हैं.

उन्होंने बताया कि फ़लस्तीनियों द्वारा गोलीबारी और टक्कर मारने वाले हमले भी जारी रहे, हालाँकि क़ब्ज़े वाले पश्चिमी तट या इसराइल में किसी के मारे जाने की सूचना नहीं है.

उन्होंने कहा कि इसराइल द्वारा यहूदी बस्तियों को आगे बढ़ाना और फ़लस्तीनी स्वामित्व वाले ढाँचों को ध्वस्त करना भी जारी है. कुछ इसराइली मंत्री इसराइल के क़ब्ज़े वाले पश्चिमी तट को, अब खुले तौर पर छीने जाने की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, "मैं दोहराता हूँ कि क़ब्ज़ा करना अन्तरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और इसे दृढ़ता से खारिज किया जाना चाहिए."

व्यापक क्षेत्र पर संकट के बादल

मुहन्नाद हादी ने ग़ाज़ा युद्ध के इसराइल में हो रहे प्रभाव का भी उल्लेख किया, जहाँ आम लोग, हमास और हिज़्बुल्लाह दोनों के हमलों का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, पूरे क्षेत्र में स्थिति गम्भीर बनी हुई है. लेबनान के साथ ब्लू लाइन के पार इसराइली सैन्य हमले जारी रहे हैं, साथ ही हिज़्बुल्लाह द्वारा इसराइल की ओर रॉकेट दागे गए, जिसमें इस सप्ताहान्त एक बैराज भी शामिल है.”

उन्होंने टकराव को समाप्त करने के लिए चल रहे कूटनैतिक प्रयासों का स्वागत किया और पक्षों से “सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन पर आधारित” युद्धविराम को स्वीकार करने का आग्रह किया.

युद्धविराम की पुकार

मुहन्नाद हादी ने यह भी चेतावनी दी कि इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों से “उन ढाँचों के ध्वस्त होने के आसन्न जोखिम” का संकेत मिलता है, जिनके तहत अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, 1967 और 1973 से काम करते रहे हैं, जब सुरक्षा परिषद ने “न्यायसंगत और स्थाई शान्ति की नींव रखने के उद्देश्य से” अनेक प्रस्ताव अपनाए थे.

उन्होंने कहा, "हम तत्काल युद्धविराम, सभी बन्धकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई और क्षेत्र में तनाव को कम करने की पुकार लगाते हैं."

मुहन्नाद हादी ने कहा, "हमें युद्धविराम की आवश्यकता है; हमें बन्धकों को बाहर निकालने की आवश्यकता है; हमें अब सुरक्षित रूप से जीवन रक्षक सहायता की आवश्यकता है."

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।