लेबनान में हिंसक टकराव: 3,000 मौतें, विस्थापन और मानवीय संकट गहरा रहा है | लेबनान-इसराइल संघर्ष पर अपडेट | Update on Lebanon-Israel conflict

लेबनान में बढ़ते हिंसक टकराव से मानवीय संकट की स्थिति

3,000 से अधिक मौतें और लाखों विस्थापित: लेबनान-इसराइल संघर्ष का खतरनाक मोड़

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता: चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति और चुनौती

स्वास्थ्य सेवाओं पर हमला: लेबनान में स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा खतरे में

  • लेबनान में खाद्य सुरक्षा का संकट: यूएन की खाद्य सहायता की अपील
  • दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले: बढ़ते मानवीय नुक़सान का विश्लेषण
लेबनान में इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष ने 3,000 से अधिक लोगों की जान ली है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस मानवीय संकट पर चिंता जताई है, जहां चिकित्सा सेवाओं और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले हो रहे हैं। देश में खाद्य असुरक्षा के गहराते संकट को देखते हुए यूएन ने भोजन और सहायता की अपील की है। पढ़ें संयुक्त राष्ट्र समाचार की खबर...
लेबनान में बच्चों और महिलाओं के लिए मानवीय संकट | संयुक्त राष्ट्र द्वारा लेबनान में मानवीय सहायता प्रयास
लेबनान में बच्चों और महिलाओं के लिए मानवीय संकट | संयुक्त राष्ट्र द्वारा लेबनान में मानवीय सहायता प्रयास


लेबनान: हिंसक टकराव एक गम्भीर पड़ाव पर, अब तक तीन हज़ार मौतों की पुष्टि

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने बुधवार को बताया है कि लेबनान युद्ध में अब तक तीन हज़ार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, लाखों विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं. इसराइल द्वारा हवाई हमले जारी हैं और हिज़बुल्लाह लड़ाकों द्वारा इसराइल पर मिसाइल हमले किए जा रहे हैं.
मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, मौजूदा हिंसक टकराव एक गम्भीर चरण में प्रवेश कर गया है. 8 अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक मारे गए लोगों की संख्या, 2006 में इसराइल और हिज़बुल्ला के बीच 34 दिनों तक चले हिंसक टकराव की तुलना में 58 फ़ीसदी अधिक है.

क़रीब दो दशक पहले हुई उस लड़ाई में 1,900 लोगों की जान गई थी. वहीं, अब तक 13 लाख से अधिक लोग लेबनान और पड़ोसी देशों में विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं.
यूएन एजेंसी के अनुसार, देश भर में 1 नवम्बर को हवाई हमलों में कम से कम 71 लोगों के मारे जाने की ख़बर है.
लेबनान में मानवीय हालात बद से बदतर हो रहे हैं चूँकि इसराइली हवाई हमले गहन हो रहे हैं और आम नागरिकों को अपना घर छोड़कर जाने के आदेश दिए जा रहे हैं.

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने लेबनान में एक अस्पताल में चिकित्सा सामग्री मुहैया कराई है, जहाँ जले हुए मरीज़ों का उपचार किया जाता है. हाल के दिनों में हिंसा में आई तेज़ी की वजह से ऐसे मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.

दक्षिणी लेबनान में, इसराइली सैन्य बलों के हमले में नबातिए गवर्नरेट समेत अन्य इलाक़ों में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं.

स्वास्थ्य देखभाल सैक्टर को निरन्तर हमलों से जूझना पड़ रहा है और क्लीनिक, कर्मचारियों व संसाधनों के लिए गोलीबारी से बच पाना कठिन होता जा रहा है. इससे लेबनान में पहले ही नाज़ुक स्थिति से गुज़र रही व्यवस्था के लिए चुनौतियाँ पनपी हैं.
अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक, लेबनान में अपनी सेवाएँ प्रदान करते समय 110 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की जान जा चुकी है. पिछले 13 महीनों में स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों पर कम से कम 60 हमले हुए हैं.

स्वास्थ्यकर्मियों के लिए समर्थन

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि लेबनान में हवाई हमलों में हताहत होने वाले लोगों का अस्पताल में तांता लगा हुआ है. इन हालात में, देश में जले हुए मरीज़ों को उपचार मुहैया कराने वाले इक़लौते विशेषज्ञ अस्पताल के लिए समर्थन प्रदान करना अहम है.

अभ तक 40 मरीज़ों का उपचार किया गया है जिनमें से क़रीब 25 फ़ीसदी बच्चे हैं. शुरुआत में इस अस्पताल में 10 बिस्तरों की व्यवस्था थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 किया गया है और गम्भीर रूप से घायल मरीज़ों का इलाज किया जा रहा है.
लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ मानवतावादी अधिकारी ने चिकित्साकर्मियों और स्वास्थ्य सम्बन्धी बुनियादी ढाँचों को निशाना बनाए जाने की निन्दा की है.
मानवतावादी समन्वयक इमरान रिज़ा के अनुसार, मेडिकल केन्द्रों व स्वास्थ्यकर्मियों को हरसम्भव समर्थन मुहैया कराने की ज़रूरत है. साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के उल्लंघन को रोका जाना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्यकर्मी अपने दायित्व को पूर्ण रूप से निभा सकें.

लेबनान में खाद्य सुरक्षा की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. अप्रैल से सितम्बर 2024 तक, 13 लाख लोग यानि देश की कुल आबादी का 23 फ़ीसदी, खाद्य असुरक्षा के ऊँचे स्तर से ग्रस्त था.
इसके मद्देनज़र, यूएन विशेषज्ञों ने ज़रूरतमन्दों के लिए भोजन, नक़दी समर्थन और कृषि कार्य के लिए सहायता का आग्रह किया है ताकि लेबनान में संकट से जूझ रही आबादी तक मदद पहुँचाई जा सके.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।