दुनिया भर में हर 10 मिनट में एक महिला की हत्या : महिलाओं के खिलाफ हिंसा की भयावह तस्वीर
फ़ेमिसाइड : लैंगिक कारणों से महिलाओं की हत्याओं का वैश्विक संकट
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत
सुसंगत आँकड़े और जवाबदेही : महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकना सरकारों की जिम्मेदारी
- UN Women और UNODC की रिपोर्ट: महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर गहरी चिंता और समाधान के उपाय
- बीजिंग घोषणापत्र और एसडीजी के लक्ष्यों की ओर: महिला अधिकारों की सुरक्षा के लिए कदम
- 2023 की रिपोर्ट: महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए जरूरी कदम
वर्ष 2023 में हर 10 मिनट में एक महिला की हत्या का शिकार हो रही है। महिला सशक्तिकरण के लिए UN Women और UNODC की रिपोर्ट में ‘फ़ेमिसाइड’ के बढ़ते संकट का विश्लेषण, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है... पढ़ें संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह रिपोर्ट |
Image with courtesy : UNIC Mexico/Eloísa Farrera |
हर 10 मिनट में एक महिला की मौत: महिलाओं को जान से मारने की भयावह वास्तविकता
वर्ष 2023 में हर दिन 140 महिलाएँ व लड़कियाँ अपने साथी या क़रीबी रिश्तेदार के हाथों मौत का शिकार हुई हैं - यानि हर 10 मिनट में, एक महिला की मौत. महिला सशक्तिकरण के लिए यूएन संस्था (UN Women) और मादक पदार्थों एवं अपराध पर यूएन कार्यालय (UNODC) की सोमवार को एक जारी एक रिपोर्ट में यह भयावह वैश्विक वास्तविकता सामने आई है.
महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के उन्मूलन के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस की 25वीं वर्षगाँठ पर जारी इस रिपोर्ट में, ‘फ़ेमिसाइड’ यानि लैंगिक कारणों से महिलाओं व लड़कियों को जान से मार दिए जाने के वैश्विक संकट पर प्रकाश डालते हुए, तत्काल कार्रवाई का आहवान किया गया है.
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस अवसर पर कहा है, "महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ हिंसा की महामारी, मानवता को शर्मसार करती है."
"दुनिया को इस आहवान पर ध्यान देना होगा. हमें न्याय और जवाबदेही के लिए तत्काल कार्रवाई और मुद्दे की पैरोकारी करने के लिए समर्थन की आवश्यकता है.”
यह रिपोर्ट, 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक चलने वाले, 16 दिनों के वार्षिक सक्रियता अभियान के शुरू में जारी की गई है.
इस वर्ष, महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा में चिन्ताजनक वृद्धि की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए UNITE अभियान की थीम है, "हर 10 मिनट में एक महिला की हत्या होती है." #कोईबहानानहीं. महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा ख़त्म करने के लिए एकजुट हों.”
क्षेत्रीय असमानताएँ, सार्वभौमिक मुद्दा
‘फ़ेमिसाइड’ यानि लैंगिक वजहों से महिलाओं व लड़कियों को जान से मार दिए जाने की घटनाएँ, सीमाओं, सामाजिक आर्थिक स्थितियों और संस्कृतियों से परे है. हालाँकि विभिन्न क्षेत्रों के अनुरूप, इसकी गम्भीरता में अन्तर हो सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, अफ़्रीका में अंतरंग साथी हिंसा और पारिवारिक कारणों से सम्बन्धित महिलाओं की हत्या की सबसे अधिक दर दर्ज की गई.
यहाँ 2023 में 21 हज़ार 700 महिलाओं की हत्या हुई. इसके बाद अमेरिका और ओशीनिया का स्थान रहा.
योरोप और अमेरिका में, ‘फ़ेमिसाइड’ के क्रमशः 64 प्रतिशत और 58 प्रतिशत मामले सामने आए, जिसमें से अधिकाँश पीड़ितों को उनके अंतरंग साथियों के हाथों मारा गया था.
इसके विपरीत, अफ़्रीका और एशिया में महिलाओं के अपने साथियों की तुलना में, परिवार के सदस्यों द्वारा मारे जाने की अधिक सम्भावना नज़र आई, जिसे लैंगिक भेदभाव के लिए ज़िम्मेदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयाम का सूचक माना जा सकता है.
आँकड़ों और जवाबदेही में गम्भीर अन्तर
चिन्ताजनक संख्या सामने आने के बावजूद, सुसंगत और व्यापक आँकड़ों की कमी एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है. 2023 में केवल 37 देशों ने अंतरंग साथी और पारिवारिक वजहों से महिलाओं को जान से मारने की घटनाओं के आँकड़े रिपोर्ट किए, जो 2020 में 75 देशों की तुलना में बड़ी गिरावट है.
आँकड़ों की इस कमी के कारण, इस तरह के अपराधों के रुझानों की निगरानी करने और जवाबदेही तय करने के प्रयासों के रास्ते में बाधाएँ आती हैं.
UN Women और UNODC ने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई है, जिसके तहत व्यवस्थित आँकड़ा संग्रहण की आवश्यकता पर बल दिया गया है.
सटीक और पारदर्शी आँकड़े, नीतिगत कार्रवाई, प्रगति की निगरानी तथा यह सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी है कि सरकारें, लैंगिक समानता के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए जवाबदेह रहें.
एक वैश्विक जनादेश
2025 में बीजिंग घोषणापत्र और कार्रवाई के मंच की 30वीं वर्षगाँठ नज़दीक है. साथ ही, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), ख़ासतौर पर लैंगिक समानता के लिए लक्ष्य 5 को हासिल करने की पाँच साल की समय सीमा भी क़रीब आ रही है. ऐसे में, यह रिपोर्ट त्वरित कार्रवाई के लिए एक पुकार की तरह है.
यूएनवीमेन की कार्यकारी निदेशक सीमा बहाउस का कहना है, "महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ हिंसा अपरिहार्य नहीं है - इसे रोका जा सकता है."
उन्होंने "मज़बूत क़ानून, बेहतर डेटा संग्रहण, अधिक सरकारी जवाबदेही, शून्य-सहिष्णुता संस्कृति और महिला अधिकार संगठनों एवं संस्थागत निकायों के लिए वित्तपोषण में वृद्धि" की आवश्यकता पर बल दिया.
नवीनतम रिपोर्ट में, अपराधियों को जवाबदेह ठहराने वाली आपराधिक न्याय प्रणालियों को तुरन्त मज़बूत करने आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है. साथ ही, सुरक्षित एवं पारदर्शी रिपोर्टिंग तंत्र तक पहुँच व हिंसा से बचे लोगों के लिए पर्याप्त सहायता सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया गया है."
सीमा बहाउस ने कहा, "चूँकि अभी 16 दिनों का वार्षिक सक्रियता अभियान शुरू हो रहा है, इसलिए महिलाओं के जीवन की रक्षा के लिए तत्काल क़दम उठाना बेहद ज़रूरी हो जाता है."
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