वेतन और पारिश्रमिक में सुधार : 2022 के नकारात्मक रुझान के बाद ILO रिपोर्ट में 2023-2024 में बढ़ोतरी

ILO की रिपोर्ट: वेतन और पारिश्रमिक में 2023-2024 में सकारात्मक बदलाव

वेतन वृद्धि: ILO के अनुसार 2023 में 1.8% की वृद्धि, 2024 में 2.7%

  • ILO प्रमुख गिल्बर्ट होंगबो की टिप्पणी: 15 वर्षों में सबसे बड़ी वृद्धि का संकेत
  • वेतन असमानता में सुधार, लेकिन उच्च मुद्रास्फीति से प्रभावित निम्न आय वर्ग

वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में वेतन वृद्धि में सुधार

  • क्षेत्रीय दृष्टिकोण: एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में वेतन में वृद्धि
  • ILO रिपोर्ट में उभरते देशों में वेतन वृद्धि के कारण और प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में 2023 और 2024 में वेतन और पारिश्रमिक में वृद्धि का उल्लेख किया है। वर्ष 2022 में नकारात्मक रुझान के बाद, यह रिपोर्ट वैश्विक वेतन वृद्धि, असमानता, और क्षेत्रों के बीच वेतन अंतर को दर्शाती है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानें ILO के अनुसार किस तरह के बदलाव आए हैं।
Causes and effects of wage growth in emerging countries in ILO report
Causes and effects of wage growth in emerging countries in ILO report


वेतन और पारिश्रमिक में, 2022 में नकारात्मक रुझान के बाद कुछ बेहतरी - ILO

संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने गुरुवार को कहा है कि दो-तिहाई देशों में वेतन और पारिश्रमिकों में विषमता में कुछ कमी दर्ज की गई है मगर इस तरह के सकारात्मक नतीजों के बावजूद, मेहनताने में उच्चस्तर की असमानता अब भी बरक़रार है.

ILO के अनुसार, वर्ष 2023 में वेतन पैकेज और पारिश्रमिकों में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

वर्ष 2024 की पहली छमाही में भी इसका सकारात्मक रुझान जारी रहा और कोविड-19 के बाद की मज़बूत वैश्विक पुनर्बहाली की वजह से, इसमें 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
According to ILO, salary packages and remunerations are expected to increase by 1.8 percent in the year 2023.
According to ILO, salary packages and remunerations are expected to increase by 1.8 percent in the year 2023.



ILO के महानिदेशक गिल्बर्ट होंगबो ने कहा है, "अगर यह प्रवृत्ति सही साबित होती है, तो यह 15 से अधिक वर्षों की सबसे बड़ी वृद्धि होगी...हालाँकि, यह सकारात्मक प्रवृत्ति सभी क्षेत्रों में समान नहीं रही है."

गिल्बर्ट होंगबो ने ILO की वैश्विक वेतन रिपोर्ट जारी होने के अवसर पर जिनीवा में कहा कि वर्तमान वैश्विक वेतन लाभ, 2022 में 0.9 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में उल्लेखनीय सुधार दर्शाते हैं, जब उच्च मुद्रास्फ़ीति और उच्च क़ीमतें, वेतन वृद्धि से आगे निकल गई थीं.

आईएलओ प्रमुख ने कहा कि उच्च औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में बड़ा वेतन पैकेज देने की प्रवृत्ति कम नज़र आई है, जहाँ पिछले साल वेतन में 0.9 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई.

यह उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बिल्कुल विपरीत है, जहाँ 2022 में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, 2023 में लगभग छह प्रतिशत वेतन वृद्धि देखी गई.

इन अर्थव्यवस्थाओं में यह सकारात्मक रुझान 2024 में भी जारी रहा.

इस सकारात्मक प्रगति के बावजूद, कम आय वाले परिवारों के लिए क़ीमतें बहुत ज़्यादा है, और वो जीवनयापन के लिए बढ़ती लागत से जूझ रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र श्रम एजेंसी के प्रमुख ने कहा, "हालाँकि मुद्रास्फ़ाति घटी है, लेकिन यह अब भी अनेक कई उभरते और विकासशील देशों में एक कठोर वास्तविकता बनी हुई है."

क्षेत्रीय रुझान

क्षेत्रीय दृष्टिकोण से, एशिया और प्रशान्त, मध्य और पश्चिमी एशिया तथा पूर्वी योरोप में औसत वेतन, बाक़ी दुनिया की तुलना में तेज़ी से बढ़ा है.

2022 में, अफ़्रीका, एशिया-प्रशान्त, तथा मध्य और पश्चिमी एशिया ही ऐसे क्षेत्र थे, जहाँ 2022 में औसत वेतन में वृद्धि देखी गई, जबकि अन्य सभी क्षेत्रों में असल औसत वेतन में गिरावट देखने को मिली.

2024 में, अफ़्रीकी और अरब देशों में वास्तविक औसत वेतन स्थिर रहा. लेकिन इसके अलावा बाक़ी सभी क्षेत्रों में वेतन में वृद्धि हुई.

इसमें मध्य और पश्चिमी एशिया में 17.9 प्रतिशत वेतन वृद्धि से लेकर, उत्तरी अमेरिका में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई.

Web Title: Causes and effects of wage growth in emerging countries in ILO report

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।