डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स का पता लगाने के लिए पहले आपातकालीन परीक्षण को मंजूरी दी: वैश्विक स्वास्थ्य में एक मील का पत्थर

News on the WHO's approval of the first emergency test for detecting Mpox.


एमपॉक्स परीक्षण के लिए डब्ल्यूएचओ की अभूतपूर्व स्वीकृति


एलिनिटी एम एमपीएक्सवी परीक्षण (Alinity m MPXV Test) को समझना


एमपॉक्स में प्रारंभिक पहचान का महत्व


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एलिनिटी एम MPXV परीक्षण को मंजूरी दे दी है, जो एमपॉक्स का पता लगाने के लिए पहला आपातकालीन निदान उपकरण है। इस सफलता का उद्देश्य एमपॉक्स से जूझ रहे देशों में परीक्षण क्षमताओं को बढ़ाना है, जिससे समय पर उपचार और वायरस पर नियंत्रण संभव हो सके। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस ख़बर से जानिए कि अफ्रीका में एमपॉक्स की वर्तमान स्थिति क्या है, और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के प्रबंधन में डब्ल्यूएचओ की भूमिका क्या है ?
WHO: First emergency test for detecting mpox approved
WHO: First emergency test for detecting mpox approved




WHO: एमपॉक्स की जाँच के लिए प्रथम आपदा टैस्ट को मंज़ूरी

4 अक्टूबर 2024 स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स के संक्रमण का पता लगाने के लिए प्रथम आपात प्रयोग टैस्ट को स्वीकृति दे दी है, जिससे इस बीमारी के संक्रमण से जूझ रहे देशों में जाँच क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने शुक्रवार को बताया है कि इस टैस्ट का नाम - Alinity m MPXV है जोकि वास्तविक समय में किया जाने वाला PCR (polymerase chain reaction) परीक्षण है जिससे मानव त्वचा से, एमपॉक्स वायरस के DNA का पता लगाया जाता है.

इस टैस्ट को संयुक्त राज्य अमेरिका की एक कम्पनी - Abbott Molecular Inc ने तैयार किया है और इसे प्रशिक्षित क्लीनिकल प्रयोगशाला कर्मचारियों द्वारा प्रयोग किए जाने के लिए बनाया गया है.

एक अति महत्वपूर्ण पड़ाव

दवाओं और स्वास्थ सामग्रियों की उपलब्धता के लिए, WHO की सहायक महानिदेशक डॉक्टर यूकीको नाकातानी का कहना है, “आपात प्रयोग सूची में दर्ज यह पहला एमपॉक्स परीक्षण टैस्ट, प्रभावित देशों में जाँच उपलब्धता बढ़ाने में, एक अति महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.”

पीसीआर परीक्षण के ज़रिए, वायरस के DNA का पता लगाना, एमपॉक्स के संक्रमण की जानकारी हासिल करने के लिए एक स्वर्ण मानक है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बहुत शुरुआती स्तर पर ही इसकी जाँच-पड़ताल करना बहुत अहम है जिससे समय पर उपचार और देखभाल शुरू की जा सकती है, साथ ही इससे वायरस पर नियंत्रण पाने में भी मदद मिलेगी.

अफ़्रीका में सीमित परीक्षण क्षमता और एमपॉक्स के मामलों की पुष्टि किए जाने में देरी के मामले देखे गए हैं, जिनसे इस वायरस के फैलाव को बढ़ावा मिला है.

इस साल अफ़्रीका के देशों में एमपॉक्स के संक्रमण के 30 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें सबसे अधिक काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC), बुरूंडी और नाइजीरिया में हुए हैं. डीआरसी में सन्दिग्ध मामलों में से केवल 37 प्रतिशत की ही जाँच-पड़ताल हुई है.

वैश्विक स्वास्थ्य आपदा

एमपॉक्स एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो मंकीपॉक्स नामक वायरस (MPXV) से होती है. इसके लक्षणों में पीड़ादायक चकत्ते, बुख़ार, सिरदर्द, माँसपेशियों में दर्द और lymph nodes का आकार विस्तार शामिल हैं.

इसका प्रथम वैश्विक फैलाव मई 2022 में हुआ था, जिसे, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा घोषित किया था. अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य क़ानून के तहत, यह उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य चेतावनी है.

अफ़्रीका में, वर्ष 2024 के दौरान, एमपॉक्स के संक्रमण में असाधारण फैलाव देखा गया है, और सबसे अधिक संक्रमण मुख्य रूप से डीआरसी में दर्ज किया गया है. इस बीमारी के वायरस के एक नए रूप clade 1b के फैलाव के बाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त (2024) को इस एक बार फिर, अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा घोषित किया.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।