लेबनान संकट: इसराइली हमलों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच की मांग | 2024 संघर्ष में हज़ारों हताहत | Lebanon crisis: Demand for independent and impartial investigation of Israeli attacks | Thousands killed in 2024 conflict

लेबनान संकट और इसराइली हमले: स्वतंत्र जाँच की आवश्यकता

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी UNHCR की चेतावनी

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर: OHCHR द्वारा दी गई चेतावनी

लेबनान में विस्थापन: 12 लाख लोग प्रभावित

  • यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने की स्वतंत्र जाँच की मांग
  • हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच संघर्ष में बढ़ती हिंसा
  • द्वारा 10,000 से अधिक लोग घायल, बढ़ती संकट की स्थिति
  • स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन
  • लेबनान में विस्थापितों की संख्या में तेज़ वृद्धि
लेबनान में इसराइली हमलों में 22 लोगों की मौत, जिसमें 12 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इसराइली हमलों की स्वतंत्र जाँच की मांग की है। युद्ध के कारण 12 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गए। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह ख़बर।
लेबनान संकट: इसराइली हमलों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच की मांग | 2024 संघर्ष में हज़ारों हताहत
Lebanon crisis: Demand for independent and impartial investigation of Israeli attacks | Thousands killed in 2024 conflict



लेबनान संकट: इसराइली हमलों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच की मांग

15 अक्टूबर 2024 शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने सोमवार को लेबनान में किए गए उस इसराइली हमले की स्वतंत्र जाँच कराए जाने की मांग की है जिसमें 22 लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं. उधर इसराइल-लेबनान युद्ध में कोई कमी आती नज़र नहीं आ रही है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय – OHCHR के प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने कहा है, “हमें ये ख़बरें मिल रही हैं कि जो 22 लोग मारे गए हैं उनमें 12 महिलाएँ और 2 बच्चे थे.”

प्रवक्ता ने कहा, ”जहाँ हमला किया गया, वो एक चार मंज़िला इमारत थी. इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हमें, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का सम्मान किए जाने के बारे में असली चिन्ताएँ हैं. साथ ही युद्ध के नियों और लड़ाकों व निहत्थे लोगों में भेद किए जाने, और बल प्रयोग के अनुपात के सिद्धान्तों के बारे में भी चिन्ताएँ हैं.”

“इस मामले में यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय, पूरी घटनना की एक त्वरित, स्वतंत्र और वृहद जाँच की मांग करता है.”

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने बताया है कि जब से सितम्बर में इसराइली सेना ने लेबनान में हिज़बुल्लाह के लड़ाकों के ख़िलाफ़ युद्ध को तेज़ किया है, तब से लेबनान में मारे गए लोगों की संख्या लगभग 2,200 हो गई है.

हिज़बुल्लाह ने भी इसराइल में रॉकेट दागना बन्द नहीं किया है.

मध्य पूर्व के लिए UNHCR के निदेशक रेमा जेमस इमसीस का कहना है कि हालात और भी बदतर होने के साथ ही, हताहतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.

UNHCR की अधिकारी रेमा ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि इसराइल के हवाई हमलों में 10 हज़ार से अधिक लोग घायल भी हुए हैं.

साथ ही इसराइली सेना के बेदख़ली आदेशों से देश की लगभग 25 प्रतिशत आबादी, सीधे रूप में प्रभावित हो रही है.

भीषण संकट

लेबनान की सरकार के अनुसार देश में मौजूदा संकट के कारण विस्थापित लोगों की संख्या लगभग 12 लाख हो गई है.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र की राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने आगाह किया है कि सभी प्रभावित लोगों को एक ऐसे संकट का सामना करना पड़ रहा है जो कई दशकों में बहुत भीषण है.

OCHA ने एक ऑनलाइन वक्तव्य में कहा है कि “हिंसा ने, पहले से ही अत्यधिक बोझ का सामना कर रही स्वास्थ्य व्यवस्था को बिखराव के नज़दीक पहुँचा दिया है, जिसके स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर विनाशकारी प्रभाव पड़े हैं."

"स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का उल्लंघन हैं. उन्हें तत्काल रोका जाना होगा.”

UNHCR की अधिकारी रेमा जेमस इमसीस का कहना है कि ये लोग इसराइल के बेदख़ली आदेशों को सुन रहे हैं और उन्हें आनन-फानन में, कोई सामान लिए बिना ही भागना पड़ रहा है.

“उनमें से बहुत से लोगों को तो खुले स्थानों पर ही ठहरना पड़ रहा है, और उन्हें सुरक्षा व सहायता की तलाश करते हुए, खुले स्थानों पर सोने के लिए विवश हैं.”

Web Title: Lebanon crisis: Demand for independent and impartial investigation of Israeli attacks | Thousands killed in 2024 conflict

टिप्पणियाँ

लेबल

ज़्यादा दिखाएं
मेरी फ़ोटो
Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।