Eye care news : पलक की अंधापन की स्थिति के इलाज के लिए दो सामान्य सर्जरी समान रूप से प्रभावी

Two common surgeries are equally effective for treating a blinding condition of the eyelid


NIH द्वारा वित्तपोषित एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि, पलकों की जड़ों पर चश्मे के इलाज के लिए दो सामान्य सर्जरी समान रूप से प्रभावी हैं। ट्राइचियासिस के प्रबंधन के लिए सर्जिकल तकनीक में कोई बदलाव की आवश्यकता नहीं है।
Two common surgeries equally effective for treating blinding condition of the eyelid
The NIH-funded study supports no change to the surgical technique for trichiasis management



NIH द्वारा वित्तपोषित अध्ययन ने किया सर्जरी की तकनीक की पुष्टि


हाल ही में किए गए एक बड़े तुलना परीक्षण के अनुसार, ट्रैकोमेटस ट्राइचियासिस (Trachomatous trichiasis), जो कि पलक की आंतरिक दिशा की वजह से आंख के सामने खरोंचने वाली स्थिति हो सकती है, का इलाज दो सामान्य प्रकार की सर्जरी से सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

इस अध्ययन को जो नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) द्वारा वित्तपोषित किया गया था यह पुष्टि करता है कि सर्जरी की तकनीक में कोई बदलाव की आवश्यकता नहीं है।

ट्राइचियासिस के इलाज के लिए प्रभावी सर्जरी के तरीके


इस अध्ययन के अनुसार, ट्राइचियासिस की स्थिति के इलाज के लिए दो प्रमुख सर्जरी के तरीके—बिलैमलर टार्सल रोटेशन (bilamellar tarsal rotation -BLTR) और पोस्टीरियर लैमलर टार्सल रोटेशन (posterior lamellar tarsal rotation -PLTR)—समान रूप से प्रभावी हैं।

पिछले छोटे अध्ययनों में सुझाव दिया गया था कि इनमें से एक सर्जरी विधि के परिणाम खराब हो सकते हैं, लेकिन यह नया अध्ययन यह पुष्टि करता है कि दोनों विधियां प्रभावी हैं।

ट्रैकोमेटस ट्राइचियासिस क्या है और यह कैसे होता है


ट्राइचियासिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें पलक का किनारा अंदर की ओर मुड़ जाता है, जिससे पलकों के बाल आंख की सतह को खरोंचते हैं। यह स्थिति आमतौर पर लंबे समय तक या बार-बार होने वाली आंख की संक्रमणों के कारण होती है, विशेषकर च्लैमिडिया ट्रैकोमाटिस बैक्टीरिया (bacteria Chlamydia trachomatis) से। ट्रैकोमैटस ट्राइकियासिस से दुनिया भर में लगभग 1.7 मिलियन लोग प्रभावित हैं। यह स्थिति मुख्य रूप से अफ्रीका के गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष और सर्जरी की तुलना


इस अध्ययन में, 4,914 मरीजों के पलकों को BLTR के 3 मिमी और 5 मिमी ऊंचाई पर और PLTR की सर्जरी के माध्यम से इलाज किया गया। परिणामों से पता चला कि 3 मिमी ऊंचाई पर किए गए दोनों सर्जरी विधियों में कोई अंतर नहीं था, जबकि 5 मिमी ऊंचाई पर की गई BLTR सर्जरी में पोस्ट-ऑपरेटिव ट्राइचियासिस की दर अधिक थी।

अध्ययन का महत्व और आगे की दिशा


यह अध्ययन नेशनल आई इंस्टीट्यूट (NEI) द्वारा समर्थित था और इसका उद्देश्य ट्राइचियासिस के इलाज के लिए मौजूदा सर्जरी विधियों की प्रभावशीलता की पुष्टि करना था। यह निष्कर्ष बताते हैं कि 3 मिमी ऊंचाई पर की गई सर्जरी विधियां बेहतर परिणाम देती हैं।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया NIH की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।