अदृश्य हत्यारा: रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) और इसकी चुनौतियाँ
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) क्या है? AMR के प्रमुख कारण
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) एक अदृश्य खतरा है, जो हर साल लाखों मौतों का कारण बनता है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस ख़बर से जानिए इसके कारण, प्रभाव, और रोकथाम के उपाय। स्वास्थ्य के लिए AMR के खतरे से निपटने की ज़रूरत है।
अदृश्य हत्यारा: रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) क्या है?
सितम्बर 2024 स्वास्थ्य
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध या रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) एक ऐसा अदृश्य घातक ख़तरा है, जो हर वर्ष सीधे तौर पर 13 लाख मौतों के लिए ज़िम्मेदार है और किसी न किसी तरह 50 लाख अन्य मौतों का कारण बनती है. लेकिन, इस ख़तरे से निपटने के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं, जिनमें स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई से लेकर टीकाकरण तक शामिल हैं.
26 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) पर हुई उच्च स्तरीय बैठक से पहले, प्रस्तुत है उससे जुड़ी कुछ अहम जानकारी.
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) क्या होता है?
एंटीबायोटिक्स से लेकर एंटीवायरल जैसी एंटीमाइक्रोबियल दवाओं ने, एक सदी पहले खोज होने के बाद से ही, औसत जीवन-प्रत्याशा को काफ़ी बढ़ा दिया है. हर रोज, ये ज़रूरी दवाएँ, लाखों लोगों का जीवन बचाने में कारगर साबित होती हैं. लेकिन सम्भव है कि एक दिन ये दवाएँ असर करना बन्द कर दें.
जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक व परजीवी जैसे सूक्ष्मजीवों पर रोगाणुरोधी दवाओं का असर होना बन्द हो जाए, तब रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) की स्थिति उत्पन्न होती है.
संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दवा-प्रतिरोध के कारण, रोगाणुरोधी दवाएँ काम करना बन्द कर देती हैं और संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असम्भव हो जाता है. इससे बीमारी फैलने या बढ़ने, विकलांगता एवं मृत्यु का ख़तरा बढ़ जाता है.
कोविड-19 की ही तरह, दवा-प्रतिरोधी संक्रमण सीमाओं से बँधे नहीं होते, और इससे कोई भी व्यक्ति प्रतिरक्षित नहीं होता.
WHO: ‘यह किसी को भी हो सकता है’
AMR के हर आँकड़े के पीछे, वास्तविक मानवीय जीवन की क़ीमत होती है. बढ़ते बोझों में, सीमित उपचार विकल्प, लम्बे समय तक अस्पताल में भर्ती, लगातार दवाएँ लेना, आमदनी में कमी, चिकित्सा ऋण, ग़रीबी, पारिवारिक हानि एवं पीड़ा शामिल हैं. इससे जीवन गम्भीर रूप से प्रभावित होता है, और कुछ मामलों में यह घातक भी साबित होता है.
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, "यह कहीं भी, किसी को भी हो सकता है." भले ही आप पूरी तरह सेहतमन्द हों, लेकिन एक छोटी सी चोट, आम सर्जरी या फेफड़ों का सामान्य सा संक्रमण भी, अचानक जीवन के लिए ख़तरा पैदा कर सकता है.
जो लोग पहले से ही कैंसर, एचआईवी या मधुमेह जैसी बीमारियों से जूझ रहे होते हैं, उनमें एक अनुपचारित संक्रमण, अतिरिक्त जोखिम के रूप में उभर सकता है, जो ऐसे समय में वार करता है, जब उसकी कम से कम उम्मीद हो.
इसके कारक कौन हैं?
AMR के उदभव और प्रसार में कई कारक तेज़ी ला सकते हैं, जिसमें एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग किया जाना, एक प्रमुख कारण होता है.
रोगाणुरोधी दवाओं का अत्यधिक इस्तेमाल एवं दुरुपयोग : ज़रूरी नहीं होने पर भी, एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करना, चिकित्सकों द्वारा आवश्यकता से अधिक दवाएँ देने और इलाज पूरा नहीं करना, यह सभी कारक प्रतिरोध बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं.
कृषि क्षेत्र में उपयोग : पशुओं में बीमारी की रोकथाम करने या उनका विकास तेज़ करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करने से, प्रतिरोध उत्पन्न हो सकता है, जो उनके ज़रिए फिर मनुष्यों में फैल सकता है.
संक्रमण पर उचित नियंत्रण न कर पाना : स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र व समुदायों के बीच अपर्याप्त स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई की कमी से, प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों का प्रसार बढ़ता है.
वैश्विक व्यापार और यात्रा : लोगों और वस्तुओं की बढ़ती आवाजाही से, सीमाओं के पार प्रतिरोधी सूक्षमजीव आसानी से फैल सकते हैं.
AMR के परिणाम
AMR के मामलों में बढ़ोत्ततरी का व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गम्भीर प्रभाव पड़ता है. AMR के कारण लाखों लोगों का जीवन और हमारा आर्थिक भविष्य भी ख़तरे में पड़ा जाता है. इसका असर, खाद्य प्रणालियों, विकास एवं सुरक्षा पर भी देखने को मिलता है.
विश्व बैंक के अनुसार, 2030 तक इसकी अनुमानित वैश्विक वार्षिक लागत 3.4 खरब डॉलर तक हो सकती है, जिससे 2050 तक लगभग 2 करोड़ 80 लाख लोग निर्धनता में धकेले जा सकते हैं.
वैश्विक कार्य योजना
अच्छी ख़बर यह है कि AMR की रोकथाम सौ फ़ीसदी सम्भव है. 2015 में अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों ने एक वैश्विक कार्य योजना अपनाई और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने, रोगाणुरोधी दवाओं का ज़िम्मेदारी से इस्तेमाल व इस पर लगातार अनुसन्धान जारी रखने के क्षेत्रों में काम किया है.
एक अन्य प्रभावी उपकरण है, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण, टीकाकरण एवं पानी, स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई कार्यक्रमों (WASH) को प्राथमिकता देने के लिए, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के ज़रिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करके, रोगाणुरोधी दवाओं की ज़रूरत घटाना.
वहीं WHO, दवा प्रतिरोधी सूक्ष्मजीवों की निगरानी करते हुए इसके बारे में जानकारी मुहैया करा रहा है. WHO ने साल 2024 के शुरू में ही, मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े जोखिम वाले दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया की सूची को अपडेट किया है.
रोगाणुरोधी प्रतिरोध के लिए WHO के सहायक महानिदेशक डॉक्टर युकिको नाकाटानी ने, मई में नवीनतम सूची जारी करते हुए बताया, "2017 में बैक्टीरियल प्राथमिकता रोगजनकों की पहली सूची जारी हुई, जिसके बाद रोगाणुरोधी प्रतिरोध के ख़तरे के बढ़ने की जानकारी लगातार मिल रही है. इससे कई एंटीबायोटिक दवाओं असर कम हो गया है और आधुनिक चिकित्सा के कई लाभ ख़तरे में पड़ गए हैं."
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के वैश्विक बोझ का ख़ाका तैयार करके, सार्वजनिक स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव के आकलन के ज़रिए, यह सूची ज़रूरी निवेश एवं एंटीबायोटिक्स पहुँचने के रास्ते और पहुँच सम्बन्धी संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है."
AMR की रोकथाम के लिए कहाँ कार्रवाई होती है?
राजनैतिक घोषणापत्र पर सहमति बनाने के लिए, विश्व नेता, सितम्बर में AMR पर होने वाली उच्च स्तरीय बैठक के लिए, संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकत्रित हो रहे हैं.
AMR पर चतुर्पक्षीय संयुक्त सचिवालय, खाद्य और कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), WHO और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) के बीच सहयोग समन्वित करता है, जिनका ‘वन हेल्थ’ स्पैक्ट्रम के तहत, मूल जनादेश AMR से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई का समर्थन करना है.
WHO ने 2024 की शुरुआत में, जन जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘वैश्विक AMR अदृश्य है, लेकिन मैं नहीं’ नामक अभियान भी आरम्भ किया है. इसके अलावा, हर साल 18 से 24 नवम्बर तक, विश्व AMR जागरूकता सप्ताह भी मनाया जाता है.
WHO ने दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों के कारण जटिलताओं का अनुभव करने वाले लोगों को एक मंच देने और उनकी आवाज़ बुलन्द करने के लिए, जीवित बचे लोगों का एक कार्यबल भी शुरू किया है.
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