युद्धग्रस्त सूडान में हैज़ा की नई चुनौतियाँ: मानवीय संकट और वैक्सीन अभियान

इस खबर में जानें कि कैसे सूडान में जारी युद्ध और बाढ़ के बीच हैज़ा का दूसरा संक्रमण मानवीय सहायता एजेंसियों के लिए नई चुनौतियाँ पैदा कर रहा है। UNHCR की क्रिस्टीन हैमब्राउक और WHO की रिपोर्टों के अनुसार, सूडान में हैज़ा के बढ़ते मामलों और लगातार अकाल (Rising cholera cases and persistent famine in Sudan) ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानें कि सूडान के संकटग्रस्त प्रान्तों में स्थिति क्या है, वैक्सीनेशन प्रयासों की सफलता और इस मानवीय संकट से निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर इस खबर में पूरी जानकारी प्राप्त करें- 😈

युद्धग्रस्त सूडान में हैज़ा ने खड़ी कीं नई चुनौतियाँ

Cholera poses new challenges in war-torn Sudan
Cholera poses new challenges in war-torn Sudan



युद्धग्रस्त सूडान में हैज़ा के दूसरे संक्रमण ने मानवीय सहायता एजेंसियों के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी है. देश में पहले से ही 16 महीने से जारी युद्ध के कारण संकटपूर्ण हालात को, बाढ़ और अन्य कठिनाइयों ने और भी बदतर बनाया है.

सूडान में यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR की प्रतिनिधि क्रिस्टीन हैमब्राउक ने कहा है कि सूडान में ज़रूरतों का दायरा बहुत व्यापक है; लोग भूख से मौत के शिकार हो रहे हैं, युद्ध जारी है और संरक्षण की भी समस्या है. हर रोज़ लोगों का विस्थापन हो रहा है, ज़रूरतें बहुत अधिक हैं.

उनके अलावा अनेक सप्ताहों की बारिश ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है.

अकाल जारी है


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अल फ़शर क़स्बे के निकट ज़मज़म शिविर में, अकाल अब भी जारी है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि हैज़ा का हालिया संक्रमण फैलाव 12 अगस्त को हुआ है, उसके बाद से इस बीमारी के 658 मामले दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 28 लोगों की मौत भी हो गई है.

इससे पहले मई (2024) में हैज़ा फैला था जिसमें 11 हज़ार 300 लोगों को यह बीमारी हुई थी और कम से कम 300 लोगों की मौतें हुई थीं.

WHO ने पूरे सूडान में मौजूद अति गम्भीर मानवीय स्थिति की तरफ़ ध्यान दिलाते हुए आगाह किया है कि देश के 18 में से कम से कम 12 प्रान्तों में, हैज़ा, मलेरिया, चेचक और डेंगू जैसी बीमारियाँ फैली हुई हैं.

कसाला, गेदारेफ़, जज़ीराह में जोखिम


इस बीच UNRWA की प्रतिनिधि क्रिस्टीन हैमब्राउक ने आगाह किया है कि हैज़ा उन इलाक़ों में फैल रहा है जहाँ, हिंसा के कारण विस्थापित लोग पनाह लिए हुए हैं. इनमें कसाला, गेदारेफ़ और जज़ीराह प्रान्त प्रमुख हैं.

उन्होंने बताया कि कसाला में काफ़ी बड़ी संख्या में हैज़ा के मामले दर्ज किए गए हैं, जहाँ भारी संख्या में शरणार्थी और देश के भीतर ही विस्थापित हुए लोग ठहरे हुए हैं.

क्रिस्टीन ने बताया कि कसाला में अभी तक हैज़ा के 119 मामले दर्ज किए गए हैं, और पाँच लोगों की मौत भी हो गई है.

UNHCR प्रतिनिधि ने कहा कि देश में अप्रैल 2023 से जारी युद्ध के कारण, इस आपात स्थिति का सामना करने में कठिनाई हो रही है.

वैक्सीन अभियान में कामयाबी

एक सफल वैक्सीन अभियान ने, 50 हज़ार से अभी अधिक लोगों को हैज़ा से बचाया है और लाखों अन्य ख़ुराकों की आपूर्ति की जा रही है.

सूडान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रवक्ता डॉक्टर शिबले सहबानी ने बताया कि वैक्सीन अभियान पहले ही शुरू हो चुका है और देश में पहले से ही मौजूद 51 हज़ार ख़ुराकों का प्रयोग कर लिया गया है.

उन्होंने पोर्ट सूडान से बताया कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने हैज़ा से बचाने वाली वैक्सीन की लगभग साढ़े चार लाख अतिरिक्त ख़ुराकों की ख़रीद के लिए भी मंज़ूरी मिल गई है.

New challenges of cholera in war-torn Sudan: humanitarian crisis and vaccine campaign



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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।