'संभावनाओं से परिपूर्ण' अपशिष्ट जल, व्यर्थ न जाने देने पर बल

Water
50 करोड़ लोगों को वैकल्पिक ऊर्जा प्रदान कर सकता है अपशिष्ट जल

नई दिल्ली, 24 अगस्त 2023 लम्बे समय से अपशिष्ट जल (wastewater) को एक पर्यावरणीय और स्वास्थ्य जोखिम के रूप में देखा जाता रहा है, मगर यूएन पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि कारगर नीतियों के ज़रिये इससे 50 करोड़ लोगों को वैकल्पिक ऊर्जा प्रदान की जा सकती है और कृषि में उर्वरक इस्तेमाल के प्रभावों को सन्तुलित करने में भी मदद मिल सकती है.

89% अपशिष्ट जल बर्बाद हो जाता है

यूएन कार्यक्रम ने अपनी रिपोर्ट, Wasterwater: Turning problem to solution, में आगाह किया है कि केवल 11 प्रतिशत उपचारित अपशिष्ट जल (treated wastewater) को ही फिर से इस्तेमाल में लाया जाता है.

विश्व भर में, 50 फ़ीसदी अनुपचारित अपशिष्ट जल नदियों, झीलों और समुद्रों में प्रवेश करता है, औ काफ़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के लिए भी ज़िम्मेदार है, जोकि वैश्विक विमानन उद्योग से होने वाले उत्सर्जन से कुछ कम है.

यूएन विशेषज्ञों का मानना है कि उचित नीतियों के साथ अपशिष्ट ज़ल के ज़रिये लगभग 50 करोड़ लोगों को वैकल्पिक ऊर्जा प्रदान की जा सकती है.

साथ ही, विलवणीकरण (desalination) प्रक्रिया के ज़रिये प्राप्त होने वाले जल की तुलना में 10 गुना अधिक मात्रा में जल आपूर्ति सम्भव है और सिंथेटिक उर्वरक की मांग को भी घटाया जा सकता है.

सम्भावनाओं से परिपूर्ण’

यूएन पर्यावरण एजेंसी में समुद्री व ताज़ा जल मामलों के लिए विभाग में प्रमुख लेटिशिया कार्वाल्हो ने बताया कि अपशिष्ट जल सम्भावनाओं से परिपूर्ण है, मगर फ़िलहाल उससे पारिस्थितिकी तंत्र दूषित हो रहे हैं, जिन पर हम निर्भर हैं.

हमें इस अवसर को ऐसे लुप्त हो जाने से रोकना होगा: यह समय, अपशिष्ट जल को स्वच्छ जल, ऊर्जा व अहम पोषक तत्वों के वैकल्पिक स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने के वादे को साकार करने का है.”

यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और वैश्विक अपशिष्ट जल पहल नामक प्लैटफ़ॉर्म (GWWI) समेत अन्य साझेदारों ने मिलकर तैयार की है, जिसे विश्व जल सप्ताह के दौरान जारी किया गया है.

सम्भावित समाधान

यह रिपोर्ट अपशिष्ट जल में निहित सम्भावनाओं को रेखांकित करते हुए बताती है कि किस तरह जलवायु चिन्ता से समाधान की ओर बढ़ा जा सकता है.

अपशिष्ट जल से बायोगैस, ताप, और बिजली को उत्पन्न किया जा सकता है, जोकि उसके शोधन के लिए आवश्यक ऊर्जा से पाँच गुना अधिक हो सकती है. उपयुक्त अपशिष्ट जल प्रबन्धन के ज़रिये देशों को जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और जल असुरक्षा में कमी लाने में मदद मिल सकती है.

अपशिष्ट जल प्रबन्धन से कृषि में सहयोग

अपशिष्ट जल से नाइट्रोजन, फॉस्फ़ोरस और पोटेशियम को फिर से इस्तेमाल में लाने से कृषि में सिंथेटिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम किया जा सकता है. अपशिष्ट जल के उपयुक्त प्रबन्धन में चार करोड़ हैक्टेयर भूमि – जर्मनी के क्षेत्रफल से भी अधिक - की सिंचाई की जा सकती है.

सफल उदाहरण

नवीनतम रिपोर्ट में विभिन्न देशों से अपशिष्ट जल प्रबन्धन के सफल उदाहरणों को पेश किया गया है, जिनमें चीन, कोलम्बिया, डेनमार्क, जर्मनी, मिस्र, भारत, स्वीडन, सिंगापुर, सेनेगल और इसराइल समेत अन्य देश हैं.

ये समाधान विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं में, भिन्न-भिन्न जलवायु क्षेत्रों में अपनाए गए समाधानों की सम्भावनाओं को प्रदर्शित करते हैं.

रिपोर्ट में सरकारों और व्यवसायों से आग्रह किया गया है अपशिष्ट जल को एक चक्रीय अर्थव्यवस्था के अवसर के रूप में देखा जाना होगा, जिसमें रोज़गार सृजन और मूल्यवान संसाधनों से प्राप्त होने वाले राजस्व समेत अन्य लाभ हैं.

इस क्रम में, कारगर शासन-व्यवस्था, निवेश, नवाचार, डेटा की उपलब्धता पर बल दिया गया है और योजनाओं को लागू करने की क्षमता में भी बेहतरी लानी होगी.

(स्रोत: संयुक्त राष्ट्र समाचार)

Waste water 'full of possibilities', emphasis on not letting it go waste

 

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।