संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेनी बच्चों के अपहरण पर बहस
यूएन महासभा में रूस से यूक्रेनी बच्चों की वापसी का प्रस्ताव
- रूस द्वारा यूक्रेनी बच्चों का जबरन स्थानांतरण
- UN emergency special session on Ukraine 2025 Hindi
- चौथी जिनीवा संधि बच्चों का संरक्षण नियम
- रूस-यूक्रेन युद्ध में बच्चों की स्थिति 2025
- यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के मानवीय परिणाम
यूएन चार्टर और बाल अधिकार संरक्षण
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| Demand the immediate and safe return of all Ukrainian children from Russia |
नई दिल्ली, 4 दिसंबर 2025. यूएन महासभा का 11वाँ आपात विशेष सत्र (11th Emergency Special Session of the UN General Assembly) एक बार फिर ऐसा क्षण लेकर लौटा, जिसने दुनिया को पुरज़ोर तरीके से यह याद दिलाया कि संघर्ष में सबसे भारी कीमत अक्सर बच्चे ही चुकाते हैं।
बुधवार को 91 देशों के समर्थन से यूएन महासभा में पारित प्रस्ताव ने रूस से साफ-साफ कहा गया कि जिन यूक्रेनी बच्चों को जबरन उनके परिवारों से दूर भेजा गया, उन्हें तुरंत और बिना किसी शर्त लौटाया जाए।
12 देशों के विरोध और 57 देशों की अनुपस्थिति इस मतदान में अपनी कहानी कहती है, पर प्रस्ताव का संदेश बिल्कुल स्पष्ट था।
प्रस्ताव के मसौदे में रूस से यह भी कहा गया कि वह बच्चों की पहचान, नागरिकता या विचारधारा से छेड़छाड़ करने जैसी सभी गतिविधियाँ तुरंत रोके और वापसी की प्रक्रिया को सुरक्षित व पारदर्शी बनाए।
महासभा अध्यक्ष ऐनालेना बेयरबॉक ने कीव में मिली यूक्रेनी बच्ची नताश्या का ज़िक्र करते हुए वह टीस साझा की, जिसे शब्दों में बाँधना मुश्किल है, एक बच्ची की बदली हुई दुनिया, बदला हुआ नाम और उस त्रासदी का बोझ जो महीनों तक पीछा नहीं छोड़ता।
रिपोर्टें बताती हैं कि कई बच्चों को नए स्थानों पर भेजा गया, कुछ को गोद लेने की प्रक्रियाओं में धकेला गया और कई को सैन्य प्रशिक्षण शिविरों तक पहुँचा दिया गया।
बेयरबॉक ने महासभा में याद दिलाया कि चौथी जिनीवा संधि और बाल अधिकारों की अंतरराष्ट्रीय संधि, दोनों ही बच्चों के जबरन स्थानांतरण को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करती हैं। इसलिए यह सिर्फ एक मानवीय त्रासदी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का बड़ा उल्लंघन भी है।
फरवरी 2022 से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध ने न केवल यूक्रेन बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया की स्थिरता को गहरे झकझोर दिया है। सुरक्षा परिषद जब निर्णायक कदम उठाने में असमर्थ दिखी, तब महासभा ने एक बार फिर अपने निहित दायित्व की ओर लौटते हुए आठ प्रस्तावों के जरिए शांतिपूर्ण समाधान और यूएन चार्टर के मूल सिद्धांतों को दोहराया है।
यूक्रेनी बच्चों की वापसी का मुद्दा इस चल रहे संघर्ष का सबसे मानवीय चेहरा है, एक ऐसा पहलू जो राजनीति से ऊपर उठकर मूलभूत अधिकारों और मानव गरिमा को केंद्र में रखता है।



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