मोज़ाम्बीक़ में बढ़ती हिंसा: सुरक्षित ठिकानों पर भी मौत का साया

मोजाम्बीक़ में हिंसा 2025 की ताज़ा स्थिति,

कैबो डैलगाडो में अल-शबाब के हमलों का प्रभाव,
मोज़ाम्बीक़ में विस्थापन और मानवीय संकट,
UNHCR की 2026 फंडिंग ज़रूरतें,
सुरक्षित गाँवों में हिंसा के नए मामले,
मोज़ाम्बीक़ में आम लोगों की हत्याओं की रिपोर्ट,
अफ़्रीका में बढ़ता सशस्त्र संघर्ष और मानवीय चुनौतियाँ,
मोज़ाम्बीक़ में रात के हमलों के कारण पलायन,

मोज़ाम्बीक़ में हिंसा की नई लहर

Rising violence in Mozambique: Even safe havens are haunted by death.
Rising violence in Mozambique: Even safe havens are haunted by death.


नई दिल्ली, 3 दिसंबर 2025. एक बार शांत माने जाने वाले दक्षिण पूर्वी अफ्रीकी देश मोजाम्बिक के उत्तरी जिले (Northern district of the Southeast African country of Mozambique) इन दिनों भय और अनिश्चितता से घिरे हुए हैं। बीते पखवाड़े में इस देश में हिंसा का ऐसा दौर शुरू हुआ है, जिसने न सिर्फ़ लोगों के घर उजाड़े, बल्कि सुरक्षित समझे जाने वाले इलाक़ों को भी दहशत के साए में ढकेल दिया है। एक लाख से भी अधिक लोग अपना सब कुछ छोड़कर भागने को मजबूर हुए हैं। रात के समय होने वाले ताबड़तोड़ हमलों में घरों को जला दिया गया है और कई निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई है।

विस्थापन का बढ़ता दबाव और बढ़ता मानवीय संकट

गाँव-गाँव से पलायन कर रहे परिवार अब स्कूलों और सामुदायिक आश्रयों में शरण ले रहे हैं। मगर जगह कम है, लोग ज़्यादा—और ज़रूरतें उससे भी कहीं ज़्यादा। भोजन, पानी और आश्रय जैसी बुनियादी ज़रूरतें पूरी करना भी मुश्किल होता जा रहा है।

UNHCR के प्रतिनिधि ज़ेवियर क्रीच बताते हैं कि लोग भारी सदमे में हैं। कई परिवार तो इतनी जल्दी में भागे कि उनके पास न दस्तावेज़ बचे और न ही सामान।

क्रीच के अनुसार, “लोगों को भोजन चाहिए, पानी चाहिए, सुरक्षा चाहिए—इस समय उनकी हर ज़रूरत बेहद बुनियादी है, और हमारे पास संसाधन सीमित हैं।”


UNHCR की चेतावनी और संसाधनों की कमी

अनेक ज़िलों में एक साथ हुए हमलों ने मानवीय एजेंसियों के सामने नई गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। Teams मौजूद तो हैं, मगर साधन और धनराशि दोनों कम पड़ रहे हैं।

UNHCR के मुताबिक, हिंसा अब उन क्षेत्रों तक भी पहुँच चुकी है जो पहले विस्थापित लोगों को पनाह दे रहे थे। इससे स्थानीय समुदायों पर बोझ कई गुना बढ़ गया है।

कैबो डैलगाडो की पृष्ठभूमि और अल-शबाब की भूमिका

मोज़ाम्बीक़ का कैबो डैलगाडो प्रदेश पहले ही 2017 से हिंसा का मैदान बना हुआ है। अब तक 13 लाख से अधिक लोग यहाँ से पलायन कर चुके हैं। इस हिंसा के पीछे स्थानीय उग्रवादी समूह अल-शबाब को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है, जो सोमालिया के इसी नाम के समूह से अलग है।

मोज़ाम्बीक़ का अल-शबाब

रात में होने वाले हमलों में घर जलाए जाते हैं, गाँवों को खाली कराया जाता है, और आम लोगों को निशाना बनाया जाता है। कुछ मामलों में तो लोगों को निर्ममता से सिर धड़ से अलग करने की भी ख़बरें हैं।

जलवायु आपदाओं ने बढ़ाई मुश्किलें

सिर्फ़ उग्रवाद ही नहीं, बल्कि मौसम भी मोज़ाम्बीक़ के लोगों पर कहर बरपा रहा है। चक्रवाती तूफ़ान, बाढ़ें और सूखा—इन सबने मिलकर संकट को और भयावह बना दिया है। जब आजीविका ही न बचे, तो लोग भागने के अलावा और क्या कर सकते हैं?


2026 के लिए UNHCR की वित्तीय ज़रूरतें

UNHCR ने स्पष्ट किया है कि 2026 में उत्तरी मोज़ाम्बीक़ में ज़रूरतमंदों की सहायता जारी रखने के लिए कम से कम 3 करोड़ 82 लाख डॉलर की आवश्यकता होगी। मौजूदा संसाधनों को देखते हुए यह लक्ष्य बहुत बड़ा है, मगर ज़मीनी स्थिति उससे कहीं गंभीर है। हिंसा, विस्थापन और प्राकृतिक आपदाओं के इस त्रिकोण में फँसा मोज़ाम्बीक़ राहत की राह देख रहा है—एक ऐसी राह जिसकी मंज़िल दूर सही, मगर ज़रूरी है।

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।

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