ख़सरा का कहर बढ़ा: तीन करोड़ बच्चों नहीं मिली वैक्सीन, WHO ने दी गंभीर चेतावनी

ख़सरा मामलों में बढ़ोतरी 2025

  • WHO की ख़सरा वैक्सीन रिपोर्ट
  • कोविड-19 के बाद टीकाकरण में गिरावट
  • बच्चों में ख़सरा संक्रमण के कारण
  • दुनिया में ख़सरा से मौतें 2024–25
  • दूसरी ख़सरा डोज़ न मिलने के प्रभाव

अफ़्रीका में ख़सरा संक्रमण क्यों बढ़ा



विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न व्यवधानों के बाद दुनिया भर में ख़सरा संक्रमण के मामलों में तेज़ वृद्धि हुई है। लगभग तीन करोड़ बच्चों को ख़सरा वैक्सीन की दूसरी डोज़ नहीं मिल सकी, जिससे संक्रमण और मौतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जानें पूरी रिपोर्ट...
नई दिल्ली, 29 नवंबर 2025. ख़सरा, एक ऐसी बीमारी दुनिया ने जिसे कभी नियंत्रण के करीब समझ लिया था, अब दोबारा सिर उठा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य ढांचे में आए व्यवधानों ने टीकाकरण प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है।

WHO की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि 2000 के बाद हालांकि ख़सरा से मौतों में 88% गिरावट आई है, लेकिन बीते साल इस वायरस ने लगभग 95,000 लोगों की जान ले ली, जिनमें बड़ी संख्या पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की थी।

दुनिया की सबसे ज़्यादा संक्रामक बीमारियों में से एक है ख़सरा

WHO की टीकाकरण विशेषज्ञ डॉक्टर केट ओ’ब्रियन ने चेताया है कि ख़सरा दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारियों में से एक है। ख़सरा से संक्रमित एक व्यक्ति 18 लोगों तक को संक्रमित कर सकता है। बच्चे सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं: हर 5 संक्रमित बच्चों में से 1 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है।

WHO के डायरेक्टर-जनरल डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा,

“खसरा दुनिया का सबसे ज़्यादा फैलने वाला वायरस है, और ये डेटा एक बार फिर दिखाते हैं कि यह इसके खिलाफ हमारे सामूहिक बचाव में किसी भी कमी का कैसे फायदा उठाएगा। खसरा बॉर्डर नहीं मानता, लेकिन जब हर कम्युनिटी के हर बच्चे को इसका टीका लगाया जाता है, तो इसके महंगे फैलने से बचा जा सकता है, जानें बचाई जा सकती हैं, और इस बीमारी को पूरे देशों से खत्म किया जा सकता है।”
रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2024 में ख़सरा का संक्रमण 59 देशों में बड़े स्तर पर फैलता दिखा, जो 2021 की तुलना में तीन गुना अधिक है। चिंताजनक बात यह है कि पिछले साल केवल 84% बच्चों को पहली, और महज 76% बच्चों को दूसरी ख़सरा वैक्सीन की डोज़ मिल सकी। इसका मतलब है कि लगभग 3 करोड़ बच्चे ठोस संरक्षण से वंचित रह गए।

ख़सरा के अधिकांश मामले अफ़्रीका और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में दर्ज हुए, जहाँ स्वास्थ्य ढांचा पहले से तनाव में है। विशेषज्ञों का कहना है—सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब हर बच्चा, हर जगह, पूरी तरह से टीकाकरण प्राप्त करे।

यह वैश्विक चेतावनी सिर्फ़ आंकड़ों की कहानी नहीं है, बल्कि उस वास्तविकता का आईना है—जहाँ टीकाकरण की कमी, स्वास्थ्य असमानताएँ और महामारी के दुष्प्रभाव बच्चों के जीवन को जोखिम में डाल रहे हैं।

जानलेवा हो सकता है खसरा

क्या आप खसरा के लक्षण जानते हैं?

🔴 चेहरे पर शुरू होने वाला रैश जो पूरे शरीर में फैल जाता है

🔴 बुखार

🔴 खांसी

🔴 लाल और पानी वाली आंखें

🔴 गालों के अंदर छोटे सफेद धब्बे

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।

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