यूएन एजेंसियों की चेतावनी : ग़ाज़ा अकाल की ओर, हर घंटा मायने रखता है
इसराइली पाबंदियों के बीच ग़ाज़ा में भुखमरी का खतरा
- आधा मिलियन लोग बदतरीन हालात में- यूएन एजेंसियों की चेतावनी
- डॉक्टरों के पास दवाइयाँ नहीं, WHO ने जताई गंभीर चिंता
- सहायता में हर देरी जानलेवा साबित हो रही है- UNRWA
शरण लेने के लिए फ़लस्तीनियों के पास कोई सुरक्षित स्थान नहीं
ग़ाज़ा में इज़राइली सैन्य कार्रवाई और मानवीय सहायता पर पाबंदियों के बीच अकाल का खतरा गहराता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि लाखों लोग भुखमरी, बीमारी और विस्थापन से जूझ रहे हैं। ग़ाज़ा पट्टी में इसराइली सैन्य कार्रवाई तेज़ होने और मानवीय सहायता पर पाबंदियों के चलते हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों ने साफ चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा अब व्यापक स्तर पर अकाल की ओर धँस रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग पाँच लाख लोग पहले से ही गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं और यह संख्या आने वाले हफ़्तों में और बढ़ सकती है। पढ़िए इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र समाचार की यह खबर...
ग़ाज़ा: व्यापक स्तर पर अकाल के गर्त में धँसने की शुरुआत, यूएन एजेंसियों की चेतावनी
ग़ाज़ा सिटी में इसराइली सैन्य कार्रवाई में तेज़ी आने की ख़बरों के बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता एजेंसियों ने अन्य इलाक़ों में अकाल फैलने की आशंका और ऐसी बीमारियों में उछाल आने की चेतावनी दी है, जिनकी रोकथाम की जा सकती है.
मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के प्रवक्ता येन्स लार्क ने शुक्रवार को बताया कि हम ग़ाज़ा में व्यापक पैमाने पर अकाल के गर्त में धँसने की ओर बढ़ते जा रहे हैं, जबकि राहत सामग्री की आपूर्ति पर इसराइली पाबन्दी जारी है.
यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने हाल ही में खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों की ओर से प्रकाशित एक अध्ययन का उल्लेख करते हुए कहा कि ग़ाज़ा में फ़िलहाल पाँच लाख लोग बदतरीन हालात में हैं और आगामी सप्ताहों में इस आँकड़े में 1.60 लाख की वृद्धि हो सकती है.
येन्स लार्क ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि उन सभी को भोजन चाहिए. “पूरे ग़ाज़ा पट्टी में भोजन की आवश्यकता है. अगर वहाँ पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री होती तो अकाल की घोषणा ही नहीं हुई होती.”
इस बीच, यूएन विश्व स्वास्थ्य एजेंसी ने ग़ाज़ा में संचारी रोगों का जोखिम बढ़ने के प्रति आगाह किया है, जहाँ लकवे की वजह बनने वाली बीमारी के मामले दर्ज किए गए हैं, हालांकि इसकी अस्पताल में इलाज के ज़रिए रोकथाम की जा सकती है.
WHO के अनुसार, उपचार के लिए ज़रूरी चिकित्सा सामग्री उपलब्ध नहीं है और इसराइली पाबन्दियों की वजह से ग़ाज़ा में मानवीय सहायता आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसके मद्देनज़र, रोग निगरानी व परीक्षण क्षमता को मज़बूती देने के लिए सामान को जल्द भेजे जाने की अपील की गई है.
20 से 26 अगस्त के दौरान, ग़ाज़ा में राहत मिशन के लिए 89 बार प्रयास किए गए, जिनमें 53 को इसराइली एजेंसियों ने अनुमति दी, 23 को आरम्भिक अनुमति के बाद ज़मीनी स्तर पर अवरोधों का सामना करना पड़ा, सात अनुरोधों को ख़ारिज कर दिया गया और छह को वापिस ले लिया.
हर घंटा मायने रखता है
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने ग़ाज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई का दायरा बढ़ने के बीच चेतावनी दी है कि हर एक घंटा मायने रखता है. हम जितनी अधिक प्रतीक्षा करेंगे, उतनी ही अधिक संख्या में लोगों की जान जाएगी.
यूएन एजेंसी के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने जिनीवा में यूएन न्यूज़ को बताया कि या तो फ़लस्तीनियों की बमबारी, सैन्य अभियान में मौत होगी, या फिर समय पर सहायता न मिल पाने, या फिर भूख के कारण सन्नाटे में. यूएन मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, 27 मई से 17 अगस्त के दौरान, भोजन पाने की तलाश में 1,857 फ़लस्तीनियों ने अपनी जान गँवाई है.
UNRWA प्रमुख के अनुसार, लाखों विस्थापित फ़लस्तीनियों ने अल मवासी में शरण ली है, जहाँ उनके पास भोजन, जल, बिजली व टैंट समेत अति-आवश्यक सेवाएँ व आपूर्ति उपलब्ध नहीं है.
मगर, इसके बावजूद, आम फ़लस्तीनियों के लिए अल मवासी के अलावा कहीं और जाने के लिए कोई स्थान नहीं बचा है, चूँकि ग़ाज़ा पट्टी के अन्य हिस्सों में लड़ाई जा रही है. हालांकि, अल मवासी इलाक़े में भी कभी बमबारी हो सकती है. इन हालात को “बयाँ ही नहीं किया जा सकता है.”
उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में अकाल की परिस्थितियाँ हैं और अब हिंसा को तुरन्त रोका जाना होगा. लोगों का बार-बार विस्थापित होना अब सामान्य बात हो गई है और ग़ाज़ा में कोई जगह सुरक्षित नहीं है.
"We are on a descent into a massive famine, and we need massive amounts of food getting into the Strip and safely distributed across the #Gaza Strip." - @UNOCHA pic.twitter.com/WMk7Ntl9MF
— United Nations Geneva (@UNGeneva) August 29, 2025
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