फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस रोगियों में समय के साथ बढ़ती खांसी की गंभीरता | Cough severity increasing over time in pulmonary fibrosis patients

 फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस रोगियों में समय के साथ बढ़ती खांसी की गंभीरता: एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में खुलासा

IPF और फाइब्रोसिस ILD मरीजों में खांसी की गंभीरता: नए शोध में हुआ बड़ा खुलासा

Cough severity increasing over time in pulmonary fibrosis patients
Cough severity increasing over time in pulmonary fibrosis patients


एक नए अध्ययन में पाया गया है कि IPF और गैर-IPF फाइब्रोसिस ILD मरीजों में समय के साथ खांसी की गंभीरता बढ़ती है, जो रोग की प्रगति से जुड़ी है।

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल 2025 — "अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन (American Journal of Respiratory and Critical Care Medicine)" में 27 मार्च 2024 को प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आईडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) और गैर-IPF फाइब्रोसिस इंटरस्टिशियल लंग डिज़ीज़ (ILD) से पीड़ित रोगियों में समय के साथ खांसी की गंभीरता में वृद्धि देखी गई, चाहे उन्हें ILD-लक्षित उपचार मिला हो या नहीं।

अध्ययन में क्या पाया गया?

ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के शोधकर्ताओं की एक टीम ने फाइब्रोसिस ILD से ग्रसित रोगियों में खांसी की व्यापकता और उसकी समय के साथ तीव्रता में होने वाले बदलाव का विश्लेषण किया। साथ ही यह भी देखा गया कि खांसी की गंभीरता किन शारीरिक व नैदानिक कारकों से जुड़ी है और इसका रोग प्रबंधन व भविष्यवाणी (prognosis) पर क्या प्रभाव पड़ता है।

अध्ययन "Epidemiology and Prognostic Significance of Cough in Fibrotic Interstitial Lung Disease" में 1061 IPF रोगियों और 2825 गैर-IPF फाइब्रोसिस ILD रोगियों को शामिल किया गया। ये आंकड़े कनाडा की प्रॉस्पेक्टिव मल्टीसेंटर रजिस्ट्री फॉर पल्मोनरी फाइब्रोसिस से लिए गए। खांसी की तीव्रता को मापने के लिए 100 मिमी कॉफ सेवरीटी विज़ुअल एनालॉग स्केल (VAS) का उपयोग किया गया।

मुख्य निष्कर्ष:

IPF रोगियों में शुरुआत से ही खांसी की गंभीरता अधिक पाई गई (माध्य 24 मिमी), जबकि गैर-IPF रोगियों में यह 20 मिमी रही।

खांसी की गंभीरता दोनों समूहों में गैस्ट्रोईसोफेजियल रिफ्लक्स डिज़ीज (GERD) से जुड़ी पाई गई।

अधिक खांसी की तीव्रता का सीधा प्रभाव स्वास्थ्य संबंधी जीवन की गुणवत्ता, DLCO में वार्षिक गिरावट, रोग की प्रगति, और ट्रांसप्लांट-फ्री सर्वाइवल पर पड़ा।

IPF रोगियों में खांसी की तीव्रता में वार्षिक वृद्धि गैर-IPF की तुलना में अधिक थी (2.2 मिमी बनाम 1.1 मिमी)।

यह भी उल्लेखनीय है कि ILD-लक्षित उपचार या फेफड़ों की कार्यक्षमता में गिरावट की स्थिति का खांसी की तीव्रता पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं देखा गया।

निष्कर्ष:

IPF और गैर-IPF फाइब्रोसिस ILD रोगियों में खांसी आम समस्या है, लेकिन IPF में यह अधिक गंभीर होती है। खांसी की तीव्रता केवल एक लक्षण नहीं, बल्कि रोग की स्थिति, प्रगति और रोगी के जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव डालने वाला महत्वपूर्ण संकेतक है। इसलिए, ILD से पीड़ित मरीजों के उपचार में खांसी की निगरानी और उचित प्रबंधन बेहद आवश्यक है।

 

टिप्पणियाँ

लेबल

ज़्यादा दिखाएं
मेरी फ़ोटो
Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।