WHO की चेतावनी: उपेक्षित बीमारियों से एक अरब से अधिक लोग प्रभावित | WHO warns of the danger of neglected diseases

जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्वास्थ्य संकट का बढ़ता खतरा

WHO ने उपेक्षित बीमारियों के खतरे को लेकर चेतावनी दी (WHO warns of the danger of neglected diseases) है। जानिए इन वैश्विक मुद्दों की पूरी जानकारी
WHO warns of the danger of neglected diseases
WHO warns of the danger of neglected diseases


उपेक्षित बीमारियों के विरुद्ध लड़ाई

नई दिल्ली, 2025. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में उपेक्षित बीमारियों से निपटने के लिए समन्वित प्रयास किए जाने की पुकार लगाई है. इन बीमारियों से एक अरब से अधिक लोग प्रभावित होते हैं, और गम्भीर आर्थिक व सामाजिक नतीजों का भी सामना करना पड़ता है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, हर वर्ष 80-90 करोड़ लोगों का कम से कम एक उपेक्षित उष्णकटिबन्धीय बीमारी के लिए उपचार किया जाता है.

बताया गया है कि वैश्विक तापमान बढ़ने की वजह से इन बीमारियो का जोखिम भी बढ़ रहा है, जिनमें चगास, डेंगू, चिकुनगुनया, बुरुली अल्सर समेत अन्य बीमारियाँ हैं.

वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी, फ़ंगस और विषैले तत्वों के ज़रिये फैलने वाली ये बीमारियाँ अक्सर निर्धन समुदायों को प्रभावित करती हैं.

पर्याप्त स्तर पर निवेश और हिंसक टकराव की वजह से इन बीमारियों से निपटना कठिन साबित हुआ है. यूएन एजेंसी के अनुसार, अब तक 54 देशों ने कम से कम एक उपेक्षित उष्णकटिबन्धीय बीमारी का सफलतापूर्वक उन्मूलन किया है, और 2030 तक ये संख्या 100 तक पहुँचाने का लक्ष्य है.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।