अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से हटने की आधिकारिक तारीख तय की | US sets official date to withdraw from Paris climate accord
अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने की आधिकारिक तारीख घोषित कर दी है, जिससे जलवायु संकट पर बहस (Debate on the climate crisis) तेज़ हो गई है। जानिए इस वैश्विक मुद्दों की पूरी जानकारी
जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में पेरिस समझौते को, एक ऐतिहासिक पड़ाव के रूप में देखा जाता है, जिस पर 193 सदस्य देशों ने दिसम्बर 2015 में मुहर लगाई थी.
इसका लक्ष्य वैश्विक तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम रखना है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस समझौते पर 22 अप्रैल 2016 को हस्ताक्षर किए थे.
डॉनल्ड ट्रम्प ने अपने प्रथम कार्यकाल में इस समझौते से हाथ खींचने की घोषणा की थी, और 4 नवम्बर 2020 को यह प्रभावी हो गया था.
हालांकि इसके बाद, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान, अमेरिका 19 फ़रवरी 2021 को फिर से इस समझौते का हिस्सा बन गया था.
यूएन प्रवक्ता ने बताया कि ट्रम्प प्रशासन के इस फ़ैसले के बावजूद, जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की रफ़्तार कम नहीं होगी.
“हम पेरिस समझौते और वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के प्रति अपने संकल्प को फिर से पुष्ट करते हैं.”
![]() |
US sets official date to withdraw from Paris climate accord |
पेरिस समझौते से पीछे हटने की आधिकारिक सूचना
नई दिल्ली, 29 जनवरी 2025. संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूएन महासचिव को आधिकारिक रूप से पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने के निर्णय के बारे में सूचित किया है. यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि यह निर्णय 27 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा.जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में पेरिस समझौते को, एक ऐतिहासिक पड़ाव के रूप में देखा जाता है, जिस पर 193 सदस्य देशों ने दिसम्बर 2015 में मुहर लगाई थी.
इसका लक्ष्य वैश्विक तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम रखना है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस समझौते पर 22 अप्रैल 2016 को हस्ताक्षर किए थे.
डॉनल्ड ट्रम्प ने अपने प्रथम कार्यकाल में इस समझौते से हाथ खींचने की घोषणा की थी, और 4 नवम्बर 2020 को यह प्रभावी हो गया था.
हालांकि इसके बाद, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान, अमेरिका 19 फ़रवरी 2021 को फिर से इस समझौते का हिस्सा बन गया था.
यूएन प्रवक्ता ने बताया कि ट्रम्प प्रशासन के इस फ़ैसले के बावजूद, जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों की रफ़्तार कम नहीं होगी.
“हम पेरिस समझौते और वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के प्रति अपने संकल्प को फिर से पुष्ट करते हैं.”
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें