मेन्थॉल सिगरेट: आसान शुरुआत, मुश्किल छोड़ना | स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव | Menthol Cigarettes Side Effects, Health Risks and More

मेन्थॉल सिगरेट के दुष्प्रभाव, स्वास्थ्य जोखिम और अधिक

Menthol Cigarettes Side Effects, Health Risks and More
Menthol Cigarettes Side Effects, Health Risks and More


मेन्थॉल सिगरेट, जो "कूल" और "मॉडर्न" के रूप में प्रचारित की जाती हैं, आजकल युवाओं और नॉन-स्मोकर्स के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सिगरेट्स को शुरू करना जितना आसान है, छोड़ना उतना ही कठिन है? डॉ. ऋचा तिवारी (क्रिटिकल केयर मेडिसिन विशेषज्ञ) के अनुसार, मेन्थॉल मस्तिष्क के निकोटिन रिसेप्टर्स को प्रभावित करता है, जिससे लत और भी मजबूत हो जाती है। जानें, कैसे ये सिगरेट आपकी सेहत के लिए खतरनाक है और इसे छोड़ना क्यों चुनौतीपूर्ण है।
Menthol cigarettes are marketed as "cool" and "modern," attracting youth and non-smokers, but quitting them is far harder than starting. Dr. Richa Tiwari explains how menthol strengthens nicotine addiction by altering brain chemistry. Learn the risks now!

नई दिल्ली, 27 जनवरी 2025. आजकल मेन्थॉल सिगरेट पीने का चलन बढ़ गया है। आम धारणा है कि ये मेन्थॉल सिगरेट, नॉर्मल सिगरेट से कम नुकसान करती है, हालांकि इस सिगरेट को कुछ देशों में बैन भी किया जा चुका है। डॉ. ऋचा तिवारी (असिस्टेंट प्रोफेसर - क्रिटिकल केयर मेडिसिन)(Dr. Richa Tiwari (Asst. Professor - Critical Care Medicine) ने अपने इंस्टाग्राम एकाउन्ट पर एक वीडियो पोस्ट कर बताया है कि मेन्थॉल सिगरेट, जिन्हें "कूल" और "आधुनिक" के रूप में विपणन किया जाता है, विशेष रूप से युवा लोगों और धूम्रपान न करने वालों को आकर्षित करती हैं, जिससे उन्हें शुरू करना आसान होता है लेकिन छोड़ना मुश्किल होता है।

डॉ. ऋचा बताती हैं कि मेन्थॉल मस्तिष्क के रसायन विज्ञान को बदल देता है, जिससे निकोटीन की लत मजबूत होती है।

वह इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि मेन्थॉल मस्तिष्क में निकोटीन रिसेप्टर्स की सक्रियता को कैसे बढ़ाता है, जिससे लालसा बढ़ती है और छोड़ना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

मेंथॉल सिगरेट जो गले को ठंडक देती है, लाइट लगती है। बड़ी मॉडर्न पैकेजिंग के साथ में आती हैं। इसे अट्रैक्ट होकर के नॉन स्मोकर फीमेल और यंग बच्चे भी स्मोक करना स्टार्ट कर देते हैं। मेंथॉल सिगरेट को स्टार्ट करना जितना आसान है उसको छोड़ना उतना ही मुश्किल है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है मेंथॉल, जो हमारे ब्रेन की बायोलॉजी में कुछ ऐसा चेंज कर रहा है कि इनका एडिक्शन और स्ट्रांग हो जाता है।

डॉ. ऋचा बताती हैं कि इसी चीज का फायदा उठाकर सिगरेट कंपनी इनको इतना एडवर्टाइज करती हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा नॉन स्मोकर्स को स्मोकर बनाया जा सके, क्योंकि मेंथॉल वाली सिगरेटस इजी टू स्टार्ट एंड हार्डर तू क्यिट है।

मेंथॉल वाली सिगरेटस कैसे काम करती हैं


मेंथॉल वाली सिगरेटस मेंथॉल का इस्तेमाल करती हैं जो हमारे दिमाग में एक रिसेप्टर, निकोटिन एसिटिलचौलिन रिसेप्टर (Nicotinic acetylcholine receptors, or nAChRs, ), को प्रभावित करता है। यह रिसेप्टर निकोटीन के लिए जिम्मेदार है जो हमें सिगरेट पीने के बाद अच्छा महसूस कराता है। मेंथॉल इस रिसेप्टर में थोड़ी देर तक के लिए रहता है और उसे निष्क्रिय कर देता है। इससे हमें और ज्यादा सिगरेट पीने का मन करता है और हमारी लत और मजबूत हो जाती है।

इस रिसेप्टर में साइड से जाकर के बिना होने की वजह से तो आपको और ज्यादा सिगरेट पीने या क्रेप करने का मन करता है। इसका डायरेक्शन और स्ट्रांग हो जाता है और छोड़ना बहुत मुश्किल होता है तो ये एक बड़ी मार्केटिंग स्ट्रीट्स है आपको।

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।