UNGA79: महमूद अब्बास ने ग़ाज़ा में जनसंहार की सच्चाई उजागर की, इसराइली झूठों का किया खंडन

 महमूद अब्बास का ऐतिहासिक भाषण: इसराइली झूठों का खंडन

महमूद अब्बास के प्रश्न: निर्दोष नागरिकों की मौत के जिम्मेदार कौन?

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने यूएन महासभा में ग़ाज़ा में चल रहे अत्याचारों को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इसराइल के हमलों में हजारों निर्दोष नागरिक मारे जा चुके हैं और पूरी पीढ़ियों को मिटाया जा रहा है।  संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर से जानें इस महत्वपूर्ण भाषण के मुख्य बिंदुओं के बारे में।

UNGA79: महमूद अब्बास ने ग़ाज़ा में जनसंहार की सच्चाई उजागर की, इसराइली झूठों का किया खंडन


UNGA79: अब्बास ने ‘इसराइली झूठों’ को किया ख़ारिज, कहा ग़ाज़ा में पूरी पीढ़ियाँ मिटाई जा रही हैं

फ़लस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने "इसराइली झूठ" को ख़ारिज किया और कहा कि ग़ाज़ा में पीढ़ियों को मिटाया जा रहा है.

26 सितम्बर 2024 यूएन मामले

फ़लस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने गुरूवार को यूएन महासभा की उच्चस्तरीय जनरल डिबेट में विश्व नेताओं से मुख़ातिब होते हुए, ज़ोर दिया है कि फ़लस्तीन के लोग अपनी मातृभूमिक क नहीं छोड़ेंग – जोकि उनके पूर्वजों की धरती है.

उन्होंने ऐलानिया अन्दाज़ में कहा कि “फ़लस्तीन हमारा ही रहेगा. अगर किसी को वहाँ से जाना है तो वो हैं क़ाबिज़ और हमारी ज़मीन को हड़पने वाली ताक़तें.”

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति ध्यान दिलाते हुए कहा कि फ़लस्तीनी लोग लगभग एक साल से, “हमारे समय के सबसे जघन्य व नृशंस अपराधों” का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “यह जनसंहार के एक पूर्ण स्तर के युद्ध का अपराध है जिसे इसराइल अंजाम दे रहा है. एक ऐसा अपराध जिसने केवल ग़ाज़ा में ही 40 हज़ार से अधिक शहीदों को उनकी ज़िन्दगियों से वंचित कर दिया है, हज़ारों अन्य लोग, मलबे में भी दबे हैं. यह एक ऐसा अपराध है जिसने अभी तक एक लाख से भी अधिक लोगों को घायल भी किया है.”

महमूद अब्बास ने ध्यान दिलाया कि पूरे के पूरे फ़लस्तीनी परिवारों को मिटा दिया गया है, उनके पारिवारिक नाम पूरी तरह लुप्त कर दिए गए हैं.

उन्होंने ज़ोर देकर ये भी कहा कि इस क़त्लेआम के बीच बीमारियाँ भी बढ़ रही हैं, स्वच्छ जल और ज़रूरी दवाओं की भारी कमी है, और 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से बहुत से लोगों को तो सुरक्षा की तलाश में, कई बार विस्थापित होना पड़ा है.

लोगों को मौत के मुँह में धकेलने और घायल करने का यह सिलसिला बिना रुके जारी है, ना केवल ग़ाज़ा में बल्कि पश्चिमी तट में और पूर्वी येरूशेलम में भी.

राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ज़ोर देकर कहा कि वो आज यहाँ, इसराइली प्रधानमंत्री के “झूठों का जवाब देने के लिए नहीं खड़े हैं”, जिन्होंने जुलाई में अमेरिकी कांग्रेक में दावा किया था कि इसराइली सेनाओं ने ग़ाज़ा में किन्हीं निर्दोष लोगों को नहीं मारा है.

उन्होंने कहा, “मैं आपसे पूछता हूँ, फिर वो कौन है जिसने मारे गए 40 हज़ार लोगों में 15 हज़ार बच्चों को मारा है, और इतनी ही संख्या में महिलाएँ व बुज़ुर्ग भी मौत के मुँह में धकेले गए हैं. और वो कौन सी ताक़त है जो अब भी लोगों को मौत के मुँह में धकेल रही है, मैं आपसे पूछता हूँ.

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।