World Hepatitis Day 2024: जानिए हर वर्ष क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे, जानें इतिहास और इस साल की थीम
World Hepatitis Day 2024: Know why World Hepatitis Day is celebrated every year, know the history and theme of this year
जानिए वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे का इतिहास
नई दिल्ली, 28 जुलाई आज विश्व हेपेटाइटिस डे (World Hepatitis Day in Hindi) है। नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारूक ब्लमबर्ग की जयंती पर उनके
सम्मान में मनाया जाता है। डॉ. ब्लमबर्ग ने ही हेपेटाइटिस वायरस की खोज (Discovery of hepatitis
viruses) की थी। उन्होंने इस गंभीर वायरस के इलाज के
लिए कौन-कौन से मेडिकल टेस्ट किए जाने चाहिए इसकी जानकारी दुनिया से साझा की। तब
से अब तक इस पर कई खोज हुए। डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि स्थिति चिंतनीय है
और साल दर साल हेपेटाइटिस संक्रमण के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है।
आखिर हेपेटाइटिस है क्या?
हेपेटाइटिस दुनिया को क्यों
डरा रहा है? आखिर क्यों का इलाज क्या
है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के
मुताबिक हेपेटाइटिस एक वायरस है जिसके 5 स्ट्रेन्स हैं। ए,बी,सी,डी और ई। इनमें से भी विश्व में सबसे ज्यादा संक्रमण बी और सी से होता है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर 30 सेकेंड में
हेपेटाइटिस से एक व्यक्ति दम तोड़
रहा है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार 25.4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से जबकि 5 करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी से ग्रसित हैं। हर
साल इन बीमारियों के 20 लाख से अधिक नए
मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, हेपेटाइटिस ई हर
साल दुनिया में 2 करोड़ लोगों को
संक्रमित कर रहा है।
भारत की बात करें तो
विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक आंकड़ा बेहद भयावह है। इसके मुताबिक भारत में 4 करोड़ लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी (Chronic Hepatitis B) से जबकि 60 लाख से 1 करोड़ 20 लाख क्रोनिक हेपेटाइटिस सी (Chronic Hepatitis C) से संक्रमित हैं। हेपेटाइटिस का सबसे
महत्वपूर्ण कारण एचईवी (हेपेटाइटिस ई वायरस) है, हालांकि एचएवी (हेपेटाइटिस ए वायरस) बच्चों में अधिक आम है।
संगठन का मानना है कि भारत में वायरल हेपेटाइटिस एक गंभीर पब्लिक हेल्थ प्रॉब्लम
के तौर पर उभर रहा है। यह प्रभावित व्यक्ति, परिवार और स्वास्थ्य प्रणाली पर एक भारी आर्थिक और सामाजिक
बोझ भी डाल रहा है।
हेपेटाइटिस से
जूझ रही है दुनिया, वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे 2024 की थीम
बच्चों से लेकर बुजुर्ग
तक इसकी चपेट में हैं। यही वजह है कि हर साल एक नई थीम के साथ लोगों को इसके खतरे
से वाकिफ कराया जाता है। पिछली बार की थीम थी 'वी आर नॉट वेटिंग' है यानि हेपटाइटिस वायरस के गंभीर रूप लेने का इंतजार न करें, बल्कि समय पर बीमारी का उपचार करें। तो इस साल
थीम है इट्स टाइम फॉर एक्शन (Theme of World Hepatitis Day 2024 in Hindi) यानि समय आ गया है कि
इसके खिलाफ डट कर लड़ें।
हेपेटाइटिस के संक्रमण से बचने के उपाय
सवाल उठता है कि आखिर
लड़ें तो लड़ें कैसे? संक्रमण ज्यादातर
मानसूनी सीजन में बढ़ता है। यही बात हेपेटाइटिस के लिए भी कही जा सकती है। तो सलाह
यही है कि बाहर खाने से बचें, साफ पानी पिएं,
कच्ची सब्जी न खाएं, जितना हो सके पका के खाएं ये साधारण से उपाय हैं खुद को हेपेटाइटिस
के संक्रमण से बचाने के।
हेपेटाइटिस क्यों फैलता है ?
आखिर बीमारी फैलने के
कारण होते क्या हैं? तो इस पर भी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट रोशनी डालती है। बताती है कि हेपिटाइटिस का खतरा
कई कारणों से हो सकता है, जैसे कमजोर
इम्यूनिटी, खानपान में लापरवाही,
ड्रग्स, शराब और नशीले पदार्थों का ज्यादा सेवन करना नुकसान पहुंचा
सकता है।
हेपेटाइटिस बी वायरस सबसे
अधिक जन्म और प्रसव के दौरान माँ से बच्चे में फैलता है, दूसरा अहम कारण संक्रमित साथी के साथ सेक्स के दौरान रक्त
या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने, असुरक्षित इंजेक्शन के संपर्क में आने से भी फैलता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
लक्षणों की बात करें तो
हेपेटाइटिस (Symptoms of hepatitis in Hindi,) में बुखार, कमजोरी, भूख की कमी, दस्त , उलटी, पेट दर्द, गहरे रंग का पेशाब और पीला मल, पीलिया शामिल है। हालांकि हेपेटाइटिस से ग्रसित कई लोगों को
बहुत हलके लक्षण होते है, वहीं कई लोगों
में लक्षण नहीं दिखते।
हेपेटाइटिस का निदान (Diagnosis of hepatitis in Hindi)
लक्षण दिखे या आशंका हो
तो पता कैसे करें? तो हेपेटाइटिस ए,
बी तथा सी की जांच के लिए पारिवारिक डॉक्टर के
पास जाकर ब्लड टेस्ट करा सकते हैं। ए के लिए कोई खास इलाज नहीं है लोग खुद ब खुद
ही ठीक हो जाते हैं एंडी बॉडी खुद डेव्लप हो जाती है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी,
सी दोनों को एन्टीवायरल दवाओं से ठीक किया जा
सकता है। जो लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर से रोकथाम करता है। हेपेटाइटिस ए और बी को
रोकने के लिए वैकसीन उपलब्ध है।
जन्म के समय शिशुओं को
हेपेटाइटिस बी का टीका उनकी रक्षा करता है और हेपेटाइटिस डी से भी बचा सकता है।
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