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10 साल में दोगुनी हुई जबरन विस्थापितों की संख्या, 12 करोड़ लोग हुए घर छोड़ने पर मजबूर | The number of forcibly displaced people doubled in 10 years,

एक दशक में दोगुनी हुई जबरन विस्थापितों की संख्या, 12 करोड़ लोग घर छोड़ने पर मजबूर विश्व भर में जबरन विस्थापन का शिकार होने वाले लोगों की संख्या (The number of people who are victims of forced displacement worldwide) तेज़ी से बढ़ रही है. 2024 के अन्त तक, 12.32 करोड़ लोगों को जान बचाने और सुरक्षा की तलाश में मजबूरी में अपना घर छोड़ना पड़ा. यह संख्या 2023 से 6 फ़ीसदी अधिक है.  सूडान, सीरिया, अफ़ग़ानिस्तान और यूक्रेन में ही एक-तिहाई लोग विस्थापित हुए हैं. बीते दस वर्षों में जबरन विस्थापितों का आँकड़ा लगभग दोगुना हो गया है. यूएन शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) समेत अन्य एजेंसियाँ धन कटौती से जूझ रही हैं, जिससे लाखों ज़िन्दगियाँ प्रभावित हो सकती हैं...

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Amalendu Upadhyaya
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।